पटना (बाढ़): जितिया पर्व को लेकर गंगा स्नान के लिए बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है.
संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है व्रत
इस दिन माताएं अपने की दीर्घ, आरोग्य और सुखमयी जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं. यह पर्व तीन दिन तक मनाया जाता है. सप्तमी तिथि को नहाय-खाय के बाद अष्टमी तिथि को महिलाएं बच्चों की समृद्धि और उन्नत के लिए निर्जला व्रत रखती है. यह व्रत निर्जला रखना पड़ता है.
पारण के साथ होगा व्रत का समापन
आज यानी की अष्टमी को माताएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखेंगी और कल यानी शनिवार को नवमी के पारण कर व्रत का समापन किया जााागा.
व्रत का शुभ मुहूर्त
धर्म के जानकारों की माने तो जितिया, जिउतिया या जीवित्पुत्रिका व्रत का शुभ मुहूर्त 10 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 11 सितंबर को 4 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. जबकि पारण का शुभ मुहूर्त 11 सितंबर को दोपहर 12 बजे तक है रहेगा.