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कोसी के विकराल रूप से दहशत में लाखों लोग, प्रशासन की बढ़ी चुनौती

प्रशासन के लिए अब ग्रामीणों द्वारा बनाए गए बांध गले की हड्डी साबित हो रही है. गाइड बांध टूटता है तो तटबंध के भीतर बसे हजारों की आबादी विस्थापन का दंश झेलने को सड़क पर आ जाएंगे. वहीं, गाइड बांध यदि नहीं टूटा तो पश्चिमी तटबंध पर खतरा बढ़ता जाएगा.

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Published : Jul 12, 2019, 11:51 PM IST

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सुपौल: कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र बराह में भी लगातार नदी का पानी बढ़ रहा है. शुक्रवार को शाम 8 बजे कोसी बराज से 2 लाख 28 हजार क्यूसेक पानी कोसी नदी में छोड़ा गया जो बढ़ते क्रम में है. वहीं, बराह क्षेत्र का डिसचार्ज 1 लाख 81 हजार 950 क्यूसेक दर्ज किया गया. वहां भी जल स्तर बढ़ने के क्रम में है.

supaul
ततबंधब को मजबूत करते लोग

नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण तटबंध के भीतर निवास कर रहे लाखों की आबादी की मुश्किलें बढ़ने लगी है. पशु चारा से लेकर आवागमन की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है. वहीं दूसरी और पूर्वी कोसी तटबंध के किनारे नौआबाखर गांव के समीप श्रमदान से बनाये गए गाइड बांध के कारण नदी का दवाब पश्चिमी तटबंध पर बढ़ गया है. जिसकी वजह से सिकरहट्टा बांध के समीप बने स्पर 6.4 पर कटाव शुरू हो गया.

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नीरीक्षण करते डीएम

अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे ग्रामीण
स्पर के कटने से लाखों की आबादी बाढ़ की विभीषिका झेलने को विवश हो सकते हैं. लिहाजा जिला प्रशासन ने गाइड बांध को तोड़ने का आदेश दे दिया. गाइड बांध को तोड़ने के आदेश के बाद नौआबाखर गांव सहित आसपास के ग्रामीण गाइड बांध के समीप बांध को नहीं तोड़े जाने के समर्थन में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं.

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अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे ग्रामीण

इंजीनियर की टीम युद्ध स्तर पर कर रही है कार्य
गाइड बांध बन जाने से कोसी सीधे पश्चिमी तटबंध की ओर मुड़ गई है. जिसके कारण मरौना के समीप कोसी का भारी दवाब तटबंध पर पड़ गया है. तटबंध की सुरक्षा में इंजीनियर की टीम युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है. लेकिन कोसी की उचरिंखल धारा हर प्रयास को विफल कर रही है. तटबंध पर दवाब की सूचना के बाद पूर्व विधायक सह भाजपा नेता किशोर कुमार मुन्ना ने उक्त स्थल का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि सरकार दोनों स्थिति को देखते हुए शीघ्र कोई ठोस पहल करे, नहीं तो कोसी की चुनौती को रोक पाना कठिन होगा.

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कोसी का विकराल रूप

गाइड बांध टूटता है तो हजारों की आबादी हो जाएगी विस्थापित
इधर, जिला प्रशासन ग्रामीणों द्वारा बनाये गए बांध के टूटने का इंतजार कर रही है. लेकिन ग्रामीण बांध की मजबूती की मांग पर अड़े हैं. तटबंध का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि सभी तटबंध सुरक्षित हैं. बहरहाल, प्रशासन के लिए अब ग्रामीणों द्वारा बनाए गए बांध गले की हड्डी साबित हो रही है. गाइड बांध टूटता है तो तटबंध के भीतर बसे हजारों की आबादी विस्थापन का दंश झेलने को सड़क पर आ जाएंगे. वहीं, गाइड बांध यदि नहीं टूटा तो पश्चिमी तटबंध पर खतरा बढ़ता जाएगा. अब देखना होगा कि प्रशासन इस समस्या को कैसे हल करती है.

सुपौल से खास रिपोर्ट

लगाता पानी छोड़ने का सिलसिला है जारी

  • शुक्रवार सुबह से ही निरंतर कोसी बराज एवं नेपाल के बराह क्षेत्र में नदी का डिस्चार्ज किया जा रहा है.
  • अपराह्न 12 बजे बराज से कुल 1 लाख 91 हजार 45 और बराह क्षेत्र से 01 लाख 57 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
  • कोसी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण नदी के जलस्तर में और भी बढ़ोत्तरी होने की संभावना.
  • शुक्रवार शाम 6 बजे बराज से 2 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी कोसी नदी में छोड़ा गया था.
  • इससे पहले कोसी बराज से 1 लाख 10 हजार 240 क्यूसेक और 77000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.
  • प्रशासन ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है.
  • वीरपुर बराज के पास भी कोसी के डिस्चार्ज में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज हो रही है.

6 प्रखंड के 36 पंचायत हैं बाढ़ प्रभावित

  • सुपौल प्रखंड के 8 पंचायतों मे से घुरन, बलवा, तेलवा, गोपालपुर सिरे, बैरिया, बसबिट्टी, रामदतपट्टी और बकौर है.
  • किसनपुर प्रखंड के 9 पंचायतों में परसा माधो, नौआबाखर, बौराहा, मौजहा, दुबियाही, कटहारा-कदमपुरा, किसनपुर दक्षिण, किसनपुर उत्तर और शिवपुरी प्रभावित है.
  • सरायगढ़-भपटियाही के 5 पंचायतों में बनैनिया, ढ़ोली, लौकहा, भपटियाही और सरायगढ़ है.
  • निर्मली प्रखंड के 8 पंचायत में दिघिया, बेला सिंगार, मोती, मझारी, कुनौली, कमलपुर, डगमारा, हरियाही है.
  • मरौना के दो पंचायत सिसौनी और घोघरड़िया और बसंतपुर प्रखंड के 4 पंचायत भीमनगर, भगवानपुर, रतनपुर एवं सातनपट्टी भी बाढ़ से प्रभावित है.

सुपौल: कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र बराह में भी लगातार नदी का पानी बढ़ रहा है. शुक्रवार को शाम 8 बजे कोसी बराज से 2 लाख 28 हजार क्यूसेक पानी कोसी नदी में छोड़ा गया जो बढ़ते क्रम में है. वहीं, बराह क्षेत्र का डिसचार्ज 1 लाख 81 हजार 950 क्यूसेक दर्ज किया गया. वहां भी जल स्तर बढ़ने के क्रम में है.

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ततबंधब को मजबूत करते लोग

नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण तटबंध के भीतर निवास कर रहे लाखों की आबादी की मुश्किलें बढ़ने लगी है. पशु चारा से लेकर आवागमन की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है. वहीं दूसरी और पूर्वी कोसी तटबंध के किनारे नौआबाखर गांव के समीप श्रमदान से बनाये गए गाइड बांध के कारण नदी का दवाब पश्चिमी तटबंध पर बढ़ गया है. जिसकी वजह से सिकरहट्टा बांध के समीप बने स्पर 6.4 पर कटाव शुरू हो गया.

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नीरीक्षण करते डीएम

अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे ग्रामीण
स्पर के कटने से लाखों की आबादी बाढ़ की विभीषिका झेलने को विवश हो सकते हैं. लिहाजा जिला प्रशासन ने गाइड बांध को तोड़ने का आदेश दे दिया. गाइड बांध को तोड़ने के आदेश के बाद नौआबाखर गांव सहित आसपास के ग्रामीण गाइड बांध के समीप बांध को नहीं तोड़े जाने के समर्थन में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं.

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अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे ग्रामीण

इंजीनियर की टीम युद्ध स्तर पर कर रही है कार्य
गाइड बांध बन जाने से कोसी सीधे पश्चिमी तटबंध की ओर मुड़ गई है. जिसके कारण मरौना के समीप कोसी का भारी दवाब तटबंध पर पड़ गया है. तटबंध की सुरक्षा में इंजीनियर की टीम युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है. लेकिन कोसी की उचरिंखल धारा हर प्रयास को विफल कर रही है. तटबंध पर दवाब की सूचना के बाद पूर्व विधायक सह भाजपा नेता किशोर कुमार मुन्ना ने उक्त स्थल का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि सरकार दोनों स्थिति को देखते हुए शीघ्र कोई ठोस पहल करे, नहीं तो कोसी की चुनौती को रोक पाना कठिन होगा.

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कोसी का विकराल रूप

गाइड बांध टूटता है तो हजारों की आबादी हो जाएगी विस्थापित
इधर, जिला प्रशासन ग्रामीणों द्वारा बनाये गए बांध के टूटने का इंतजार कर रही है. लेकिन ग्रामीण बांध की मजबूती की मांग पर अड़े हैं. तटबंध का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि सभी तटबंध सुरक्षित हैं. बहरहाल, प्रशासन के लिए अब ग्रामीणों द्वारा बनाए गए बांध गले की हड्डी साबित हो रही है. गाइड बांध टूटता है तो तटबंध के भीतर बसे हजारों की आबादी विस्थापन का दंश झेलने को सड़क पर आ जाएंगे. वहीं, गाइड बांध यदि नहीं टूटा तो पश्चिमी तटबंध पर खतरा बढ़ता जाएगा. अब देखना होगा कि प्रशासन इस समस्या को कैसे हल करती है.

सुपौल से खास रिपोर्ट

लगाता पानी छोड़ने का सिलसिला है जारी

  • शुक्रवार सुबह से ही निरंतर कोसी बराज एवं नेपाल के बराह क्षेत्र में नदी का डिस्चार्ज किया जा रहा है.
  • अपराह्न 12 बजे बराज से कुल 1 लाख 91 हजार 45 और बराह क्षेत्र से 01 लाख 57 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
  • कोसी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण नदी के जलस्तर में और भी बढ़ोत्तरी होने की संभावना.
  • शुक्रवार शाम 6 बजे बराज से 2 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी कोसी नदी में छोड़ा गया था.
  • इससे पहले कोसी बराज से 1 लाख 10 हजार 240 क्यूसेक और 77000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.
  • प्रशासन ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है.
  • वीरपुर बराज के पास भी कोसी के डिस्चार्ज में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज हो रही है.

6 प्रखंड के 36 पंचायत हैं बाढ़ प्रभावित

  • सुपौल प्रखंड के 8 पंचायतों मे से घुरन, बलवा, तेलवा, गोपालपुर सिरे, बैरिया, बसबिट्टी, रामदतपट्टी और बकौर है.
  • किसनपुर प्रखंड के 9 पंचायतों में परसा माधो, नौआबाखर, बौराहा, मौजहा, दुबियाही, कटहारा-कदमपुरा, किसनपुर दक्षिण, किसनपुर उत्तर और शिवपुरी प्रभावित है.
  • सरायगढ़-भपटियाही के 5 पंचायतों में बनैनिया, ढ़ोली, लौकहा, भपटियाही और सरायगढ़ है.
  • निर्मली प्रखंड के 8 पंचायत में दिघिया, बेला सिंगार, मोती, मझारी, कुनौली, कमलपुर, डगमारा, हरियाही है.
  • मरौना के दो पंचायत सिसौनी और घोघरड़िया और बसंतपुर प्रखंड के 4 पंचायत भीमनगर, भगवानपुर, रतनपुर एवं सातनपट्टी भी बाढ़ से प्रभावित है.
Intro:सुपौल: कोसी नदी के जल स्तर में लागातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र बराह में भी लागातार नदी का पानी बढ़ रहा है. शुक्रवार को संध्या 08 बजे कोसी बराज से 02 लाख 28 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जो बढ़ते क्रम में है. वहीं बराह क्षेत्र का डिसचार्ज 01 लाख 81 हजार 950 क्यूसेक दर्ज किया गया. वहां भी जल स्तर बढ़ने के क्रम में है.


Body:नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण तटबंध भीतर निवास कर रहे लाखों की आबादी की मुश्किलें बढ़ने लगी है. पशु चारा से लेकर आवागमन की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है. वहीं दूसरी और पूर्वी कोसी ततबंधब के किनारे नौआबाखर गांव के समीप श्रमदान से बनाये गए गाइड बांध के कारण नदी का दवाब पश्चिमी तटबंध पर बढ़ गया है. जिसकी वजह से सिकरहट्टा बांध के समीप बने स्पर 6.4 पर कटाव शुरू हो गया. स्पर के कटने से लाखों की आबादी बाढ़ की विभीषिका झेलने को विवश हो सकते हैं. लिहाजा जिला प्रशासन ने गाइड बांध को तोड़ने का आदेश दे दिया. गाइड बांध को तोड़ने के आदेश के बाद नौआबाखर गांव सहित आसपास के ग्रामीण गाइड बांध के समीप बांध को नहीं तोड़े जाने के समर्थन में अनिश्चित कालीन धरना पर चले गए हैं.

बाइट- शुशील यादव, नेतृत्वकर्ता
बाइट- ग्रामीण
बाइट- ग्रामीण



Conclusion:गाइड बांध बन जाने से कोसी सीधे पश्चिमी तटबंध की और मुड़ गई है. जिसके कारण मरौना के समीप कोसी का भारी दवाब तटबंध पर पड़ गया है. तटबंध की सुरक्षा में इंजीनियर की टीम युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है. लेकिन कोसी की उचरिंखल धारा हर प्रयास को विफल कर रही है.
तटबंध पर दवाब की सूचना के बाद पूर्व विधायक सह भाजपा नेता किशोर कुमार मुन्ना ने उक्त स्थल का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि सरकार दोनों स्थिति को देखते शीघ्र कोई ठोस पहल करें. नहीं तो कोसी के चुनोती को रोक पाना कठिन होगा.
बाइट- किशोर कुमार मुन्ना, भाजपा नेता

इधर जिला प्रशासन ग्रामीणों द्वारा बनाये गए बांध के टूटने का इंतजार कर रही है. लेकिन ग्रामीण बांध की मजबूती की मांग पर अड़े हैं. तटबंध का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि सभी तटबंध सुरक्षित है.
बाइट- महेंद्र कुमार, डीएम

बहरहाल, प्रशासन के लिए अब ग्रामीणों द्वारा बनाए गए बांध गले का हड्डी साबित हो रहा है. गाइड बांध टूटता है तो तटबंध के भीतर बसे हजारों की आबादी विस्थापन का दंश झेलने को सड़क पर आ जाएंगे. वहीं गाइड बांध यदि नहीं टूटा तो पश्चिमी तटबंध पर खतरा बढ़ता जाएगा. अब देखना होगा कि प्रशासन इस समस्या को कैसे हल करती है.

सुपौल से आशीष कुमार की रिपोर्ट


सर शॉट और बाइट एक ही फ़ाइल में मेल से भेज चुके हैं.
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