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सुपौल: पंचायत सरकार भवन का स्थान बदले जाने से भड़के ग्रामीण, अनशन पर बैठे - आरडीओ राजाराम पासवान

प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र में पंचायत सरकार भवन का निर्माण उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोविंदपुर के 5 बीघा खाली जमीन पर किया जाना है. इसका लोग विरोध कर रहे हैं और 2 दिनों से अनशन पर बैठ गए हैं.

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Published : Sep 15, 2020, 1:48 PM IST

सुपौल(प्रतापगंज): जिले के प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र में पंचायत सरकार भवन निर्माण के स्थान बदले जाने को लेकर लोग नाराज हैं. इसको लेकर गोविंदपुर पंचायत के लोगों ने सरकारी तंत्र की मिली भगत और मुखिया के मनमानी के खिलाफ पंचायत भवन परिसर में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए. अनशनकारियों का आरोप है कि मुखिया की मनमानी और पदाधिकारी के मिलीभगत के कारण पंचायत के बीचों-बीच बनने वाला पंचायत सरकार भवन मनमाने ढंग से निर्माण कराया जा रहा है. उनका आरोप है कि इसमें मुखिया और पदाधिकारियों की मिलीभगत है. जबकि पंचायत सरकार भवन बनाने के लिए पंचायत के बीचों बीच की जमीन उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिसर में उपलब्ध है.

ग्रामीणों ने बताया कि साल 2018 के नवंबर महीने में उप मुखिया की उपस्थिति में एक आमसभा कराई गई थी. जिसमें 11 वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, उप सरपंच, 11 पंच, पैक्स के सभी सदस्य, 6 डीलर मौजूद थे. उत्क्रमित मध्य विद्यालय के पास भवन बनाने का प्रस्ताव पारित किया था. बताया गया कि सभी की मौजूदगी में आमसभा के माध्यम से प्रस्ताव लिया गया कि पंचायत सरकार भवन का निर्माण उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोविंदपुर के बचे शेष 5 बीघा के खाली जमीन पर किया जाना है. जिसकी एक कॉपी तत्कालीन डीएम बैद्यनाथ यादव को सौंपी गई थी.

डीएम ने लिया संज्ञान
डीएम ने प्रस्ताव को संज्ञान में लेते हुए डीआरडीए के डायरेक्टर विश्वजीत हेगड़े और प्रतापगंज सीओ अबू नसर को स्थलीय जांच के लिए भेजा गया. जिसकी रिपोर्ट आज तक नहीं आई. उसके बाद फिर 2019 के सितंबर महीने में डीडीसी ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए तत्कालीन वीरपुर एसडीएम सुभाष कुमार को स्थलीय जांच कर रिपोर्ट सौंपनी की बात कही गई.

मुखिया ने दी स्वीकृति
जिसके बाद कुमार ने बिना स्थलीय जांच के ही पेपर पर विद्यालय के बचे शेष जमीन को अनुउपयुक्त बताते हुए मुखिया की ओर से दिए गए जमीन को उपयुक्त बताया गया. जबकि मुखिया की ओर से दिए गए जमीन पर पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य की बात सामने आई, तो उनलोगों ने वर्तमान डीएम महेंद्र कुमार से मिलकर सारी बातों से अवगत कराया. फिर डीएम ने तत्कालीन वीरपुर एसडीएम नवीन कुमार और सीओ अबू नसर को अगस्त 2020 को स्थलीय जांच के लिए भेजा गया. जांच कर एसडीएम नवीन कुमार ने डीएम को जांच रिपोर्ट में बताया कि रकवा 0.86 एकड़ रैयत भूमि गोविंदपुर पंचायत सरकार निर्माण के लिए राज्यपाल बिहार सरकार के नाम से दान में दिया गया है. जिसकी स्वीकृति भी जिलाधिकारी ने दे दी.

एक अनशकारी की बिगड़ी तबीयत
बता दें कि दो दिनों से अनशन पर बैठे ज्योतिष ठाकुर की तबीयत बिगड़ गयी. जिसका ग्रामीण चिकित्सक से इलाज करवाया गया. आरडीओ राजाराम पासवान ने बताया कि अनशन पर बैठने को लेकर अनशनकारियों की ओर से उन्हें कोई सूचना नहीं मिली. गोविंदपुर पंचायत सरकार भवन निर्माण मामले में वरीय पदाधिकारी के अनुमति मिलने के बावजूद ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है. गोविंदपुर पंचायत की मुखिया अर्चना देवी ने बताया कि लोक शिकायत निवारण के माध्यम से परिवादी के आवेदन को अस्वीकृत करने के बाद ही पंचायत सरकार भवन बनाने का निर्देश दिया गया है.

सुपौल(प्रतापगंज): जिले के प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र में पंचायत सरकार भवन निर्माण के स्थान बदले जाने को लेकर लोग नाराज हैं. इसको लेकर गोविंदपुर पंचायत के लोगों ने सरकारी तंत्र की मिली भगत और मुखिया के मनमानी के खिलाफ पंचायत भवन परिसर में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए. अनशनकारियों का आरोप है कि मुखिया की मनमानी और पदाधिकारी के मिलीभगत के कारण पंचायत के बीचों-बीच बनने वाला पंचायत सरकार भवन मनमाने ढंग से निर्माण कराया जा रहा है. उनका आरोप है कि इसमें मुखिया और पदाधिकारियों की मिलीभगत है. जबकि पंचायत सरकार भवन बनाने के लिए पंचायत के बीचों बीच की जमीन उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिसर में उपलब्ध है.

ग्रामीणों ने बताया कि साल 2018 के नवंबर महीने में उप मुखिया की उपस्थिति में एक आमसभा कराई गई थी. जिसमें 11 वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, उप सरपंच, 11 पंच, पैक्स के सभी सदस्य, 6 डीलर मौजूद थे. उत्क्रमित मध्य विद्यालय के पास भवन बनाने का प्रस्ताव पारित किया था. बताया गया कि सभी की मौजूदगी में आमसभा के माध्यम से प्रस्ताव लिया गया कि पंचायत सरकार भवन का निर्माण उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोविंदपुर के बचे शेष 5 बीघा के खाली जमीन पर किया जाना है. जिसकी एक कॉपी तत्कालीन डीएम बैद्यनाथ यादव को सौंपी गई थी.

डीएम ने लिया संज्ञान
डीएम ने प्रस्ताव को संज्ञान में लेते हुए डीआरडीए के डायरेक्टर विश्वजीत हेगड़े और प्रतापगंज सीओ अबू नसर को स्थलीय जांच के लिए भेजा गया. जिसकी रिपोर्ट आज तक नहीं आई. उसके बाद फिर 2019 के सितंबर महीने में डीडीसी ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए तत्कालीन वीरपुर एसडीएम सुभाष कुमार को स्थलीय जांच कर रिपोर्ट सौंपनी की बात कही गई.

मुखिया ने दी स्वीकृति
जिसके बाद कुमार ने बिना स्थलीय जांच के ही पेपर पर विद्यालय के बचे शेष जमीन को अनुउपयुक्त बताते हुए मुखिया की ओर से दिए गए जमीन को उपयुक्त बताया गया. जबकि मुखिया की ओर से दिए गए जमीन पर पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य की बात सामने आई, तो उनलोगों ने वर्तमान डीएम महेंद्र कुमार से मिलकर सारी बातों से अवगत कराया. फिर डीएम ने तत्कालीन वीरपुर एसडीएम नवीन कुमार और सीओ अबू नसर को अगस्त 2020 को स्थलीय जांच के लिए भेजा गया. जांच कर एसडीएम नवीन कुमार ने डीएम को जांच रिपोर्ट में बताया कि रकवा 0.86 एकड़ रैयत भूमि गोविंदपुर पंचायत सरकार निर्माण के लिए राज्यपाल बिहार सरकार के नाम से दान में दिया गया है. जिसकी स्वीकृति भी जिलाधिकारी ने दे दी.

एक अनशकारी की बिगड़ी तबीयत
बता दें कि दो दिनों से अनशन पर बैठे ज्योतिष ठाकुर की तबीयत बिगड़ गयी. जिसका ग्रामीण चिकित्सक से इलाज करवाया गया. आरडीओ राजाराम पासवान ने बताया कि अनशन पर बैठने को लेकर अनशनकारियों की ओर से उन्हें कोई सूचना नहीं मिली. गोविंदपुर पंचायत सरकार भवन निर्माण मामले में वरीय पदाधिकारी के अनुमति मिलने के बावजूद ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है. गोविंदपुर पंचायत की मुखिया अर्चना देवी ने बताया कि लोक शिकायत निवारण के माध्यम से परिवादी के आवेदन को अस्वीकृत करने के बाद ही पंचायत सरकार भवन बनाने का निर्देश दिया गया है.

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