ETV Bharat / state

जातीय जनगणना पर कुशवाहा का बड़ा बयान- आंकड़े आ गए तो कईयों को छोड़ना भी पड़ सकता है आरक्षण

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सुपौल में अपनी बिहार यात्रा के दौरान कहा कि जातिगत जनगणना के बाद ताजा आंकड़ों के हिसाब से अनुपात से ज्यादा आरक्षण लेने वाली जातियों को आरक्षण छोड़ना भी पड़ सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा
author img

By

Published : Sep 16, 2021, 6:22 PM IST

सुपौलः जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि करीब 100 साल पुराने आंकड़ों के आधार पर योजनाएं बनाई जा रही है, जो समाज के समुचित विकास के लिए सही नहीं है. कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना हो जाने से आरक्षण में अधिक हिस्सेदारी लेने वालों को आरक्षण (Reservation) छोड़ना भी होगा.

इसे भी पढ़ें- कन्हैया कुमार को नए आशियाने की तलाश, थामेंगे राहुल गांधी का 'हाथ'?

गुरूवार को अपनी बिहार यात्रा के छठे चरण में सुपौल पहुंचे उपेन्द्र कुशवाहा ने जातीगत जनगणना के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि देशभर में इसे लागू किए जाने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के साथ सीएम नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें आवेदन दिया है.

देखें वीडियो

"देश में जातिगत जनगणना बहुत जरूरी है. जातिगत जनगणना नहीं होने का आलम ये है कि सरकार 100 साल पुराने आंकड़ों के आधार पर योजनाएं बना रही है. इस कारण से इन योजनाओं का स्पष्ट लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. जातीय जनगणना के संदर्भ में भ्रम भी फैलाया जा रहा है. जबकि सच्चाई यह है कि जातीय जनगणना हो जाने के बाद हर जाति के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलेगी. इससे सामाजिक विषमता को दूर करने में सहूलितय होगी."- उपेन्द्र कुशवाहा, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष, जदयू

इसे भी पढ़ें- ...तो BJP के खिलाफ 'विद्रोह' का साहस नहीं जुटा सके नीतीश, इसीलिए 'थर्ड फ्रंट' के मंच से बनाई दूरी

उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना के आंकड़े मिल जाने के बाद आरक्षण में यदि सुधार की जरूरत होगी तो उसमें सुधार भी किया जाएगा. जिन जातियों को अनुपात के मुताबिक आरक्षण में अधिक हिस्सेदारी मिल रही है, उन्हें आरक्षण को छोड़ना भी पड़ेगा.

यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए के साथ रहकर चुनाव लड़ना चाहती है. अगर इसमें किसी तरह की परेशानी होती है तो पार्टी (जदयू) अलग से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. वहीं, चिराग पासवान को लेकर कुशवाहा ने कहा कि किसी व्यक्ति के आने-जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है.

इसे भी पढ़ें: 'सिर कलम कराना मंजूर लेकिन हम नहीं झुकेंगे'- BJP को कन्हैया की चुनौती

कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने दिवंगत पार्टी कार्यकर्ता लालेश्वर विश्वास और अंशु पौद्दार के घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी. इस दौरान उनके साथ दर्जनों नेता-कार्यकर्ता मौजूद रहे.

सुपौलः जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि करीब 100 साल पुराने आंकड़ों के आधार पर योजनाएं बनाई जा रही है, जो समाज के समुचित विकास के लिए सही नहीं है. कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना हो जाने से आरक्षण में अधिक हिस्सेदारी लेने वालों को आरक्षण (Reservation) छोड़ना भी होगा.

इसे भी पढ़ें- कन्हैया कुमार को नए आशियाने की तलाश, थामेंगे राहुल गांधी का 'हाथ'?

गुरूवार को अपनी बिहार यात्रा के छठे चरण में सुपौल पहुंचे उपेन्द्र कुशवाहा ने जातीगत जनगणना के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि देशभर में इसे लागू किए जाने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के साथ सीएम नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें आवेदन दिया है.

देखें वीडियो

"देश में जातिगत जनगणना बहुत जरूरी है. जातिगत जनगणना नहीं होने का आलम ये है कि सरकार 100 साल पुराने आंकड़ों के आधार पर योजनाएं बना रही है. इस कारण से इन योजनाओं का स्पष्ट लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. जातीय जनगणना के संदर्भ में भ्रम भी फैलाया जा रहा है. जबकि सच्चाई यह है कि जातीय जनगणना हो जाने के बाद हर जाति के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलेगी. इससे सामाजिक विषमता को दूर करने में सहूलितय होगी."- उपेन्द्र कुशवाहा, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष, जदयू

इसे भी पढ़ें- ...तो BJP के खिलाफ 'विद्रोह' का साहस नहीं जुटा सके नीतीश, इसीलिए 'थर्ड फ्रंट' के मंच से बनाई दूरी

उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना के आंकड़े मिल जाने के बाद आरक्षण में यदि सुधार की जरूरत होगी तो उसमें सुधार भी किया जाएगा. जिन जातियों को अनुपात के मुताबिक आरक्षण में अधिक हिस्सेदारी मिल रही है, उन्हें आरक्षण को छोड़ना भी पड़ेगा.

यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए के साथ रहकर चुनाव लड़ना चाहती है. अगर इसमें किसी तरह की परेशानी होती है तो पार्टी (जदयू) अलग से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. वहीं, चिराग पासवान को लेकर कुशवाहा ने कहा कि किसी व्यक्ति के आने-जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है.

इसे भी पढ़ें: 'सिर कलम कराना मंजूर लेकिन हम नहीं झुकेंगे'- BJP को कन्हैया की चुनौती

कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने दिवंगत पार्टी कार्यकर्ता लालेश्वर विश्वास और अंशु पौद्दार के घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी. इस दौरान उनके साथ दर्जनों नेता-कार्यकर्ता मौजूद रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.