सुपौलः बिहार के छात्र की कोटा में मौत (Student Died In Kota) हो गई. छात्र की मौत की सूचना मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच हुआ है. छात्र अंकुश आनन्द त्रिवेणीगंज के लालपट्टी गांव का रहने वाला था. पिता पैक्स अध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि वह कोटा में मेडिकल की तैयारी करता था. जहां तबीयत बिगड़ने के कारण सोमवार को उसकी मौत हो गई है. बेटे ने फोन कर तबीयत खराब होने की जानकारी दी थी.
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परिजन का रो रोकर हाल खराबः घटना की खबर पाकर अंकुश के दादा शशिभूषण यादव व दादी पवन देवी का रो रोकर हाल खराब है. पिता संजीव कुमार के आंखें नम है. माता निर्मला कुमारी अपने कलेजे के टुकड़े को खोने के गम में कभी आंखे बन्द कर लेती हैं तो कभी दहाड़ मारकर रो पड़ती है. वहीं रो रोकर बेहोश हो जा रही है. होस आने के बाद एक ही बात कह रही है कि 'हमार बाबू कहां छैय हो, होउ हमर बाबू कतए गैलेय हो..'
तबीयत खराब होने की कही थी बातः परिजनों ने बताया कि अंकुश कोटा में मेडिकल की तैयारी करता था. वह घर पर सभी को बराबर फोन करता था. रविवार की शाम मां से बातचीत की थी. कहा था सैलून से बाल बनवाकर आने के बाद स्नान किए हैं. जिससे ठंड महसूस हो रही थी. मां ने दवा लेने की बात की थी. सोमवार की सुबह में भी फोन से बात में क्लास जाने की बात कही थी. बोला था तबियत ठीक है. 12 बजे के करीब सूचना मिली कि उसकी मौत हो गई है.
"कोटा में तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई है. अंकुश के बहनोई व बहन पूना से कोटा पहुंच चुके हैं. मंगलवार को कागजी प्रक्रिया पूरा होने के बाद शव को हवाई जहाज से दिल्ली और दिल्ली से पटना लाया जाएगा. जहां से एम्बुलेंस के माध्यम से शव को घर लाया जाएगा." - अंकुश के परिजन
कोटा में कोहराम, बिहार को दो छात्रों ने की आत्महत्या : बता दें कि सोमवार को राजस्थान के कोटा में बिहार के दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने कहा कि इन घटनाओं के संबंध में अब तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. सोमवार को दोनों छात्राओं ने एक ही छात्रावास में आत्महत्या कर ली थी. पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले नीट परीक्षार्थी अंकुश आनंद (18) और गया जिले के रहने वाले जेईई अभ्यर्थी उज्जवल कुमार (17) के रूप में हुई.
आनंद और कुमार जवाहर नगर थाना क्षेत्र के तलवंडी इलाके में पेइंग गेस्ट (पीजी) के रूप में एक ही कमरे में रहते थे. उनके शव सोमवार सुबह उनके कमरे से मिले. दोनों शवों को मोर्चरी में रखवाकर परिजनों को सूचना दे दी गई थी. अब इन छात्रों की आत्महत्या के मामले में सवाल पूछे जा रहे हैं. इन आत्महत्याओं के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए? क्या ये छात्र पढ़ाई के दबाव से डिप्रेशन में थे? क्या उनके माता-पिता जानते हैं कि वे अपनी कक्षाओं में भी नहीं जा रहे थे, जैसा कि कुछ छात्रों ने मीडिया को बताया था.
उज्जवल और अंकुश दोनों बिहार के रहने वाले थे. तलवंडी इलाके में छात्रावास की दूसरी मंजिल पर दोनों के कमरे थे. दोनों के कमरे अगल-बगल थे. दोनों ने एक ही दिन सुसाइड किया. इस घटना से यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह सुनियोजित आत्महत्या थी या नहीं? क्या सुसाइड से पहले दोनों ने एक-दूसरे से बात की थी ? दोनों ने आपस में अपनी टेंशन को लेकर चर्चा की? क्योंकि दोनों के खुदकुशी करने की सूचना 11 बजे के बाद आई. पुलिस का कहना है कि इन सवालों का रहस्य जांच के बाद ही पता चलेगा.
''पुलिस की टीमें मामले की जांच कर रही हैं. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि मामले में जांच जारी है. पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है और उसके बाद हम पूरी जांच करेंगे.'' - केसर सिंह, कोटा के पुलिस अधीक्षक
उज्जवल के दोस्त ने कहा कि वह परिवार में इकलौता बेटा था. जब वह 9वीं कक्षा में था तब से वह कोटा में रहता है. उसकी बहन पहले से ही यहां कोचिंग ले रही है. वह हॉस्टल गई और अपने भाई का दरवाजा खटखटाया. जब भाई ने दरवाजा नहीं खोला तो उसने पुलिस को सूचना दी और तब उसका शव मिला. उन्होंने कहा कि उज्जवल पढ़ाई में अच्छा था. हाल ही में उनका एक कोचिंग टेस्ट छूट गया था. उसने यह बात अपने पिता को बताई जिन्होंने उसे डांटा. वह घर वापस जाना चाहता था.
क्या कहते है मनोचिकित्सक : इस बीच, कोटा मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसर मनोचिकित्सक और न्यू मेडिकल अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. सी.एस. सुशील ने कहा, पढ़ाई में तनाव बढ़ रहा है. यही आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण है. वे परिवार के साथ नहीं रहते हैं और पारिवारिक सुरक्षा न मिलने से तनाव भी महसूस करते हैं. पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन के साधन मुहैया कराना बेहद जरूरी है.