सुपौल: बिहार सरकार के उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव के जिले में बिजली व्यवस्था बेहाल हो चुकी है. शहर से लेकर गांव तक के लोग लो वोल्टेज, अधिक बिल और बिना किसी सूचना के बिजली कनेक्शन काटने जैसी समस्याओं का सामना करने को मजबूर हैं. गुरूवार को बिजली कटौती से तंग लोगों ने एसएच-66 जाम कर आगजनी और बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
एक ही गांव में दो फीडर से होती है बिजली आपूर्ति
ग्रामीण ने बताया कि विद्युत सेवा बहाल करने के लिये बाहर की एजेंसियों से कार्य कराया गया था. एजेंसियों को भौगौलिक जानकारी नहीं रहने के कारण नजदीक के फीडर से विद्युत सेवा बहाल करने की बजाय दूर के फीडर से जोड़ दिया गया. जिस कारण आसपास के इलाकों में बिजली रहती है लेकिन दस कदम की दूरी पर बिजली गुल रहती है. उपभोक्ता बताते हैं कि हरदी फीडर में हरदी की आधी बस्ती को रखा गया है. जबकि आधी बस्ती को चौघारा फीडर में जोड़ दिया गया है. जिस कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
एक महीना पहले दिया था ज्ञापन
आक्रोशित लोगों ने बताया कि उन्होंने एक महीने पहले विद्युत विभाग के कनीय और वरीय अधिकारियों को ज्ञापन देकर समस्या से अवगत कराया था. लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी समस्या से निदान नहीं मिला. जिस कारण लोग सड़क पर उतरने को मजबूर हुए हैं. आक्रोशित लोगों की मांग है कि उन्हें पहले की तरह विद्युत संचरण हरदी फीडर से दिया जाए. वहीं लोगों ने बताया कि जब से हरदी फीडर से हटा कर सुपौल फीडर से विद्युत सेवा बहाल की गयी है. तब से वे लोग बिजली कटौती से काफी परेशान हैं.
करिहो में रहा रोड जाम
बिजली कटौती से परेशान सैकड़ों उपभोक्ताओं ने गुरुवार को करिहो के पास एसएच-66 सुपौल-सिंहेश्वर पथ को बांस बल्ली लगाकर जाम कर दिया. वहीं, लोगों ने वीणा और पिपरा जाने वाली सड़क जाम कर आगजनी और बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आक्रोशित लोगों ने बताया कि उन्हें दिन-रात मिला कर डेढ़ घंटे भी विद्युत सेवा नहीं मिल रही है. वहीं, जाम की सूचना पर पहुंचे विद्युत विभाग के अधिकारियों ने समझा-बुझाकर लोगों को शांत कराया. अधिकारियों ने लोगों को आश्वासन दिया कि अब उनको पहले की तरह हरदी फीडर से ही विद्युत सेवा बहाल कर दी जायेगी.