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सुपौल में नेशनल इलेक्ट्रो होम्योपैथिक साइंटिफिक सेमिनार का आयोजन - Seminar organized in Supaul

आरके पैलेस होटल सभागार में इलेक्ट्रो होम्योपैथिक साइंटिफिक सेमिनार का आयोजन किया गया. इस मौके पर वक्ताओं ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी की महत्ता को रेखांकित किया. वक्ताओं ने कहा कि राज्य और भारत सरकार इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को मान्यता प्रदान करें.

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Published : Nov 18, 2019, 3:52 AM IST

सुपौल: सदर बाजार के आरके पैलेस होटल सभागार में इलेक्ट्रो होम्योपैथ साइंटिफिक सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें पूरे देश से भर के होम्योपैथिक के जानकर लोगों ने भाग लिया. कार्यक्रम का उदघाटन अपर समाहर्ता अखिलेश झा और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आर एन सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर आयोजक मंडल ने मौजूद अतिथि को मिथिला परंपरा के अनुरूप पाग और शॉल से सम्मानित किया.

होम्योपैथी की महत्ता को किया रेखांकित
कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपनी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. मौके पर वक्ताओं ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी की महत्ता को रेखांकित किया. साथ ही इसे चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण माध्यम बताया. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रो होमोपैथिक दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं है, जैसे कि ऊतक विनाश और खराबी इलेक्ट्रोहोमोपैथि के तहत नहीं होती है.

होम्योपैथिक साइंटिफिक सेमिनार का आयोजन

'होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को दे मान्यता'
वक्ताओं ने कहा कि राज्य और भारत सरकार इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को मान्यता प्रदान करें. साथ ही इलेक्ट्रो होम्योपैथ के चिकित्सकों को सूचीबद्ध करने और इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक को परेशान नहीं करने के लिए अपने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित करने की कृपा करें.

Supaul
दवाईयों का लगाया गया स्टॉल

व्यापक प्रचार-प्रसार करने का उद्देश्य
बताया जाता है कि कि इस समय भारत में करीब 25 लाख इलेक्ट्रोहोमोपैथिक चिकित्सक हैं. वाबजूद इसके सरकार द्वारा इन्हें समुचित सुविधा और मान्यता नहीं दी सकी है. इसी बात को लेकर इस विधा के व्यापक प्रचार प्रसार के उद्देश्य से जगह जगह लोगो के बीच इलेक्ट्रो होम्योपैथ चिकित्सा के बारे में बताया जा रहा है. इस मौके पर दवा का भी स्टॉल लगाया गया था, और उससे संबंधित जानकारी लोगो को दी गई.

सुपौल: सदर बाजार के आरके पैलेस होटल सभागार में इलेक्ट्रो होम्योपैथ साइंटिफिक सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें पूरे देश से भर के होम्योपैथिक के जानकर लोगों ने भाग लिया. कार्यक्रम का उदघाटन अपर समाहर्ता अखिलेश झा और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आर एन सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर आयोजक मंडल ने मौजूद अतिथि को मिथिला परंपरा के अनुरूप पाग और शॉल से सम्मानित किया.

होम्योपैथी की महत्ता को किया रेखांकित
कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपनी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. मौके पर वक्ताओं ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी की महत्ता को रेखांकित किया. साथ ही इसे चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण माध्यम बताया. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रो होमोपैथिक दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं है, जैसे कि ऊतक विनाश और खराबी इलेक्ट्रोहोमोपैथि के तहत नहीं होती है.

होम्योपैथिक साइंटिफिक सेमिनार का आयोजन

'होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को दे मान्यता'
वक्ताओं ने कहा कि राज्य और भारत सरकार इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को मान्यता प्रदान करें. साथ ही इलेक्ट्रो होम्योपैथ के चिकित्सकों को सूचीबद्ध करने और इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक को परेशान नहीं करने के लिए अपने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित करने की कृपा करें.

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दवाईयों का लगाया गया स्टॉल

व्यापक प्रचार-प्रसार करने का उद्देश्य
बताया जाता है कि कि इस समय भारत में करीब 25 लाख इलेक्ट्रोहोमोपैथिक चिकित्सक हैं. वाबजूद इसके सरकार द्वारा इन्हें समुचित सुविधा और मान्यता नहीं दी सकी है. इसी बात को लेकर इस विधा के व्यापक प्रचार प्रसार के उद्देश्य से जगह जगह लोगो के बीच इलेक्ट्रो होम्योपैथ चिकित्सा के बारे में बताया जा रहा है. इस मौके पर दवा का भी स्टॉल लगाया गया था, और उससे संबंधित जानकारी लोगो को दी गई.

Intro:नेशनल इलेक्ट्रो होम्योपैथिक साइंटिफिक सेमिनार का आयोजन
सुपौल: सदर बाजार के आर के पैलेस होटल सभागार में इलेक्ट्रो होम्योपैथ साइंटिफिक सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें पूरे देश भर से इसके जानकर लोगो ने भाग लिया. कार्यक्रम का उदघाटन अपर समाहर्ता अखिलेश झा और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आर एन सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर आयोजक मंडल ने मौजूद अतिथि को मिथिला परंपरा के अनुरूप पाग और शॉल से सम्मानित किया.
Body:इस दौरान वक्ताओं ने इलेक्ट्रो होम्योपैथ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि
भारत में रोग को ठीक करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया गया. रोग के कारण के साथ-साथ इसे ठीक करने की प्रक्रिया के लिए भी मतभेद सामने आए कुछ कच्चे माल, निबंध, तेल , अर्क और विभिन्न पौधों के हिस्सों सहित विभिन्न दवाएं उपयोग में थी.Conclusion:दवाओं की इस प्रणाली में एक पद्धति है. जिसे इलेक्ट्रोहोमोपैथी के रूप में जाना जाता है. यह इटली में प्रसिद्ध है और बहुत ही भारतीय प्रणाली के समान है जो पौधों के मूल अर्क पर आधारित है. काउंट सीज़र मैटी एक इटालीयन विद्वान ने एक सिद्धांत दिया की कोई भी बीमारी रक्त और लसीका के विकृति का परिणाम है. किसी भी पद्धति में ये दो तरल पदार्थ होते हैं. जो मनुष्य की जीवन रेखा के रूप में निरुपित किया गया है. इलेक्ट्रोहोमोपैथिक दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं है, जैसे कि ऊतक विनाश और खराबी इलेक्ट्रोहोमोपैथि के तहत नहीं होती है. बताया गया कि इस समय भारत में करीब 25 लाख इलेक्ट्रोहोमोपैथिक चिकित्सक हैं. वाबजूद इसके सरकार द्वारा इन्हें समुचित सुविधा और मान्यता नही दी सकी है. इसी बात को लेकर इस विधा के व्यापक प्रचार प्रसार के उद्देश्य से जगह जगह लोगो के बीच इलेक्ट्रो होम्योपैथ चिकित्सा के बारे में बताया जा रहा है. इस मौके पर दवा का भी स्टॉल लगाया गया था, और उससे संबंधित जानकारी लोगो को दी गई.
बाइट --आर एन सिंह ,सीनियर एडवोकेट ,सुप्रीम कोर्ट
बाइट --अखिलेश झा, एडीएम ,सुपौल
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