सुपौल: वैश्विक महामारी कोविड-19 (Corona Pandemic) को लेकर इंडो-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) पिछले 19 महीनों से पूरी तरह सील थी. जिसे नेपाल सरकार (Nepal Government) द्वारा खोल दिया गया है. हालांकि, भारत सरकार (Government of India) द्वारा करीब दो महीने पहले ही बॉर्डर खोल दिया गया था, लेकिन नेपाल सरकार द्वारा बॉर्डर नहीं खोले जाने को लेकर दोनों देश के लोग भारत या नेपाल नहीं आ जा रहे थे.
ये भी पढ़ें- नेपाल ने कड़ी शर्तों के साथ डेढ़ साल बाद खोला इंडो-नेपाल बॉर्डर
हालांकि, बॉर्डर के समीप वाले दोनों देश के लोग पगडंडी के सहारे नेपाल और भारत में प्रवेश कर रहे थे. लेकिन, सुरक्षा बल द्वारा पकड़ने जाने पर उन लोगों को काफी फजीहत झेलनी पड़ती थी. नेपाल सरकार के इस निर्णय से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में खुशी देखी जा रही है.
जानकारी के अनुसार कोरोना को लेकर एक साथ भारत और नेपाल से जुड़ी सभी सीमाओं को बंद कर दिया गया था. जिससे दोनों देश के लोग मायूस थे. बॉर्डर बंद रहने के कारण लोग साप्ताहिक हाट के लिए पगडंडी के रास्ते ही सीमावर्ती क्षेत्र के भीमनगर बाजार आया जाया करते थे. बॉर्डर खुलने के कारण स्थानीय भीमनगर बाजार में विशेष चहल पहल शुरू हो गई है.
ये भी पढ़ें- भारत नेपाल सीमा का गलत इस्तेमाल करने वालों की अब खैर नहीं, दोनों देश मिलकर कसेंगे नकेल
''अब भारतीय बाजार में चहल पहल बढ़ेगी. बताया जा रहा है कि बड़े वाहन के प्रवेश पर अब भी रोक है. बड़े वाहन के लिए सुविधा पास और भंसार जारी नहीं किया जा रहा है. इसके लिए लोगों को कुछ दिन इंतजार करना होगा.''- मंतोष मुखर्जी, स्थानीय
बता दें कि भारत-नेपाल के बीच बेटी रोटी का संबंध रहा है, लेकिन बॉर्डर बंद रहने के कारण लोगों को शादी विवाह में शामिल होने से वंचित रहना पड़ रहा था. नेपाल में भारतीयों के प्रवेश को लेकर नेपाल सरकार ने गाइड लाइन जारी की है. इसके तहत बराज स्थित पर्यटक कार्यालय में भारतीय लोगों को घोषणा पत्र जमा करना होगा. घोषणा पत्र के साथ बायोडाटा, कोरोना टीकाकरण के दोनों डोज के प्रमाणपत्र या आरटीपीसीआर रिपोर्ट संलग्न करना होगा. लोगों की सुविधा के लिए घोषणा पत्र ऑनलाइन एवं ऑफलाइन जमा करने की व्यवस्था की गई है.