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सुपौल: सरकार को गेहूं बेचने से कतरा रहे किसान, खरीद लक्ष्य से कोसों दूर सहकारिता विभाग

जिला सहकारिता कार्यालय के अनुसार जिले में मात्र 49 किसानों से दो हजार 760 एमटी गेहूं की खरीद की जा सकी है. जबकि विभाग ने इस वर्ष 15 जुलाई तक 17 हजार एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था.

सुपौल
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Published : Jun 8, 2020, 9:42 PM IST

सुपौल: किसानों को अपने उत्पादित अनाज की कीमत का बेहतर मूल्य मिल सके. इसके लिए राज्य सरकार ने हर पंचायत में पैक्स के माध्यम से गेंहू खरीद केंद्र बनवाया था. सरकार के इस पहल के बाद किसान काफी खुश थे. लेकिन सरकार की यह योजना केवल सरकारी फाइलों तक ही सिमट कर रह गयी. जिन केंद्रों पर गेहूं खरीद की गई. वे किसान भी खास खुश नहीं दिखे.

गेहूं का न्यूनतम निर्धारित मूल्य 1925 रुपये
सरकार ने किसानों से गेहूं खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. इस राशि में ही किसानों को खुद से अनाज को बेहतर तरीके से पैक कर पैक्स तक पहुंचाना है. खुले बाजार में 1900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अनाज आसानी से बिक रहा है. इसके लिए किसान को कहीं जाने की भी आवश्यकता नहीं होती है. व्यापारी किसान के घर पर पहुंच गेहूं को ले जा रहे हैं. इसके साथ ही किसानों को कीमत भी हाथों-हाथ मिल जाती है. जिस वजह से किसान पैक्स को गेहूं नहीं बेच रहे हैं.

120 पैक्स में से मात्र 9 पैक्स ने खरीदी गेहूं
सरकारी आंकड़े के अनुसार जिले में 181 पैक्स और 11 व्यापार मंडल है. जहां समिति का गठन किया गया है. इसकी मॉनटरिंग के लिए प्रत्येक पैक्स में एक प्रबंधक, प्रत्येक प्रखंड में एक प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी और जिला स्तर पर जिला सहकारिता पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकारी योजना घरातल पर ठीक रूप से लागू ही नहीं हो सकी. जिला स्तर पर किसानों के गेहूं खरीद के लिए इस वर्ष 120 पैक्स और 3 व्यापार मंडल का चयन किया गया है. लेकिन, चयनित इन पैक्स में से मात्र 9 पैक्स और एक व्यापार मंडल केंद्र पर ही गेहूं की खरीद की जा सकी है.

महज 49 किसानों से गेहूं की खरीद
जिला सहकारिता कार्यालय के अनुसार जिले में मंगलवार तक मात्र 49 किसानों से दो हजार 760 एमटी गेहूं की खरीद की जा सकी है. जबकि विभाग ने इस वर्ष 15 जुलाई तक 17 हजार एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था. ऐसे में गेहूं खरीद का लक्ष्य हासिल करना कोसों दूर लग रहा है.

हरिराहा पैक्स पर सबसे अधिक गेहूं खरीद
जिला सहकारिता विभाग की वेबसाइट के अनुसार राघोपुर प्रखंड के हरिराहा पैक्स पर 10 किसानों से 1012 एमटी गेहूं की खरीद गई है. जबकि सबसे पिपरा प्रखंड के थुम्हा पैक्स पर 1 किसान से 40 एमटी गेहूं की खरीद की गई है. बसंतपुर प्रखंड के रतनपुर पैक्स पर 4 किसानों से 270 एमटी, पिपरा प्रखंड के बसहा पैक्स पर 7 किसान से 270 एमटी, रामनगर पैक्स पर एक किसान से 60 एमटी और रतौली पैक्स पर 2 किसान से 160 एमटी गेहूं की खरीद की गई है. वहीं, प्रतापगंज प्रखंड के भवानीपुर दक्षिण पैक्स पर एक किसान से 40 एमटी, राघोपुर प्रखंड के विशनपुर दौलत पैक्स पर एक किसान से 45 एमटी और हरिपुर पैक्स पर एक किसान से 53 एमटी गेहूं की खरीद की गई है.

क्या कहते हैं जिला सहकारिता अधिकारी?
इसको लेकर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने जिला सहकारिता पदाधिकारी अरविंद कुमार पासवान से बात की तो उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा किसानों को लाभ पहुंचाना है. खुले बाजार में किसान के घर से व्यापारी 19 सौ रूपये प्रति क्विंटल की दर से गेंहू खरीद कर रहे हैं. जबकि सरकार की ओर से गेहूं के लिए निर्धारित मूल्य 19 सौ 25 रुपये प्रति क्विंटल है. जिस वजह से किसान पैक्स तक नहीं पहुंच रहे हैं.

सुपौल: किसानों को अपने उत्पादित अनाज की कीमत का बेहतर मूल्य मिल सके. इसके लिए राज्य सरकार ने हर पंचायत में पैक्स के माध्यम से गेंहू खरीद केंद्र बनवाया था. सरकार के इस पहल के बाद किसान काफी खुश थे. लेकिन सरकार की यह योजना केवल सरकारी फाइलों तक ही सिमट कर रह गयी. जिन केंद्रों पर गेहूं खरीद की गई. वे किसान भी खास खुश नहीं दिखे.

गेहूं का न्यूनतम निर्धारित मूल्य 1925 रुपये
सरकार ने किसानों से गेहूं खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. इस राशि में ही किसानों को खुद से अनाज को बेहतर तरीके से पैक कर पैक्स तक पहुंचाना है. खुले बाजार में 1900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अनाज आसानी से बिक रहा है. इसके लिए किसान को कहीं जाने की भी आवश्यकता नहीं होती है. व्यापारी किसान के घर पर पहुंच गेहूं को ले जा रहे हैं. इसके साथ ही किसानों को कीमत भी हाथों-हाथ मिल जाती है. जिस वजह से किसान पैक्स को गेहूं नहीं बेच रहे हैं.

120 पैक्स में से मात्र 9 पैक्स ने खरीदी गेहूं
सरकारी आंकड़े के अनुसार जिले में 181 पैक्स और 11 व्यापार मंडल है. जहां समिति का गठन किया गया है. इसकी मॉनटरिंग के लिए प्रत्येक पैक्स में एक प्रबंधक, प्रत्येक प्रखंड में एक प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी और जिला स्तर पर जिला सहकारिता पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकारी योजना घरातल पर ठीक रूप से लागू ही नहीं हो सकी. जिला स्तर पर किसानों के गेहूं खरीद के लिए इस वर्ष 120 पैक्स और 3 व्यापार मंडल का चयन किया गया है. लेकिन, चयनित इन पैक्स में से मात्र 9 पैक्स और एक व्यापार मंडल केंद्र पर ही गेहूं की खरीद की जा सकी है.

महज 49 किसानों से गेहूं की खरीद
जिला सहकारिता कार्यालय के अनुसार जिले में मंगलवार तक मात्र 49 किसानों से दो हजार 760 एमटी गेहूं की खरीद की जा सकी है. जबकि विभाग ने इस वर्ष 15 जुलाई तक 17 हजार एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था. ऐसे में गेहूं खरीद का लक्ष्य हासिल करना कोसों दूर लग रहा है.

हरिराहा पैक्स पर सबसे अधिक गेहूं खरीद
जिला सहकारिता विभाग की वेबसाइट के अनुसार राघोपुर प्रखंड के हरिराहा पैक्स पर 10 किसानों से 1012 एमटी गेहूं की खरीद गई है. जबकि सबसे पिपरा प्रखंड के थुम्हा पैक्स पर 1 किसान से 40 एमटी गेहूं की खरीद की गई है. बसंतपुर प्रखंड के रतनपुर पैक्स पर 4 किसानों से 270 एमटी, पिपरा प्रखंड के बसहा पैक्स पर 7 किसान से 270 एमटी, रामनगर पैक्स पर एक किसान से 60 एमटी और रतौली पैक्स पर 2 किसान से 160 एमटी गेहूं की खरीद की गई है. वहीं, प्रतापगंज प्रखंड के भवानीपुर दक्षिण पैक्स पर एक किसान से 40 एमटी, राघोपुर प्रखंड के विशनपुर दौलत पैक्स पर एक किसान से 45 एमटी और हरिपुर पैक्स पर एक किसान से 53 एमटी गेहूं की खरीद की गई है.

क्या कहते हैं जिला सहकारिता अधिकारी?
इसको लेकर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने जिला सहकारिता पदाधिकारी अरविंद कुमार पासवान से बात की तो उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा किसानों को लाभ पहुंचाना है. खुले बाजार में किसान के घर से व्यापारी 19 सौ रूपये प्रति क्विंटल की दर से गेंहू खरीद कर रहे हैं. जबकि सरकार की ओर से गेहूं के लिए निर्धारित मूल्य 19 सौ 25 रुपये प्रति क्विंटल है. जिस वजह से किसान पैक्स तक नहीं पहुंच रहे हैं.

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