सुपौल: पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र के निधन से पूरे प्रदेश में शोक व्याप्त हो गया है. इस घटना से उनके पैतृक गांव में भी मातम छाया हुआ है. ग्रामीणों ने कहा है कि मिथिलांचल के लिए यह बहुत बड़ी क्षति है. इसके साथ ही लोगों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव में ही किया जाएगा.
पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र सुपौल जिले के बलुआ गांव के रहने वाले थे. राजनीतिक व्यस्तता के बाद भी वो हमेशा अपने पैतृक गांव बलुआ आया करते थे. नई दिल्ली में उनके निधन की खबर पर अब भी यहां के लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है. ग्रामीण उनकी सादगी को याद कर रहे हैं.
उनकी सादगी ही पहचान थी
डॉ जगन्नाथ मिश्र के बचपन के मित्र जयकृष्ण गुरमैता बताते हैं कि वो हमेशा सादगी में रहते थे. वो अपना जीवन बिल्कुल साधारण तरीके से जीते थे. इतने बड़े व्यक्तित्व होने का कभी भी किसी को एहसास तक नहीं होने दिया. विनोबा भावे से वो काफी प्रभावित थे. वो मिथिलांचल के एक बहुत बड़े विभूति थे. उनके निधन से हम सब बहुत दुखी हैं.
गांव में ही किया जाएगा अंतिम संस्कार
इसके साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि इस पूरे क्षेत्र में डॉ जगन्नाथ मिश्र का परिवार काफी प्रसिद्ध है. वो अपने जीवन में कई राजनीतिक उपलब्धियां भी हासिल किए. डॉ जगन्नाथ मिश्र इस क्षेत्र के विकास के लिए बहुत कुछ किए हैं. उनका हमेशा गांव से संबंध रहा है. इसके साथ ग्रामीणों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार बुधवार को गांव में ही राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. परिवार के लोग यहां पहुंच रहे हैं.
नई दिल्ली में हुआ निधन
बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर राज्य भर में शोक की लहर दौड़ गई. तीन बार बिहार के सीएम रहे जगन्नाथ मिश्रा का 82 साल की उम्र में निधन हुआ. दिल्ली के मेदांता अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनके निधन की खबर से बिहार के राजनीतिक गलियारे में सन्नाटा छा गया है.