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डॉ जगन्नाथ मिश्र के पैतृक गांव में शोक की लहर, गांव वाले बोले- उनकी सादगी ही पहचान थी - Jagannath Mishra

पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र सुपौल जिले के बलुआ गांव के रहने वाले थे. यहां उनके निधन के बाद पूरा गांव शोक में डूब गया है. ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को यहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

सुपौल
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Published : Aug 19, 2019, 11:04 PM IST

सुपौल: पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र के निधन से पूरे प्रदेश में शोक व्याप्त हो गया है. इस घटना से उनके पैतृक गांव में भी मातम छाया हुआ है. ग्रामीणों ने कहा है कि मिथिलांचल के लिए यह बहुत बड़ी क्षति है. इसके साथ ही लोगों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव में ही किया जाएगा.

पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र सुपौल जिले के बलुआ गांव के रहने वाले थे. राजनीतिक व्यस्तता के बाद भी वो हमेशा अपने पैतृक गांव बलुआ आया करते थे. नई दिल्ली में उनके निधन की खबर पर अब भी यहां के लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है. ग्रामीण उनकी सादगी को याद कर रहे हैं.

ग्राणीणों का बयान

उनकी सादगी ही पहचान थी
डॉ जगन्नाथ मिश्र के बचपन के मित्र जयकृष्ण गुरमैता बताते हैं कि वो हमेशा सादगी में रहते थे. वो अपना जीवन बिल्कुल साधारण तरीके से जीते थे. इतने बड़े व्यक्तित्व होने का कभी भी किसी को एहसास तक नहीं होने दिया. विनोबा भावे से वो काफी प्रभावित थे. वो मिथिलांचल के एक बहुत बड़े विभूति थे. उनके निधन से हम सब बहुत दुखी हैं.

सुपौल
डॉ जगन्नाथ मिश्र का पैतृक घर

गांव में ही किया जाएगा अंतिम संस्कार
इसके साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि इस पूरे क्षेत्र में डॉ जगन्नाथ मिश्र का परिवार काफी प्रसिद्ध है. वो अपने जीवन में कई राजनीतिक उपलब्धियां भी हासिल किए. डॉ जगन्नाथ मिश्र इस क्षेत्र के विकास के लिए बहुत कुछ किए हैं. उनका हमेशा गांव से संबंध रहा है. इसके साथ ग्रामीणों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार बुधवार को गांव में ही राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. परिवार के लोग यहां पहुंच रहे हैं.

सुपौल
डॉ जगन्नाथ मिश्र ( फाइल फोटो)

नई दिल्ली में हुआ निधन
बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर राज्य भर में शोक की लहर दौड़ गई. तीन बार बिहार के सीएम रहे जगन्नाथ मिश्रा का 82 साल की उम्र में निधन हुआ. दिल्ली के मेदांता अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनके निधन की खबर से बिहार के राजनीतिक गलियारे में सन्नाटा छा गया है.

सुपौल: पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र के निधन से पूरे प्रदेश में शोक व्याप्त हो गया है. इस घटना से उनके पैतृक गांव में भी मातम छाया हुआ है. ग्रामीणों ने कहा है कि मिथिलांचल के लिए यह बहुत बड़ी क्षति है. इसके साथ ही लोगों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव में ही किया जाएगा.

पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र सुपौल जिले के बलुआ गांव के रहने वाले थे. राजनीतिक व्यस्तता के बाद भी वो हमेशा अपने पैतृक गांव बलुआ आया करते थे. नई दिल्ली में उनके निधन की खबर पर अब भी यहां के लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है. ग्रामीण उनकी सादगी को याद कर रहे हैं.

ग्राणीणों का बयान

उनकी सादगी ही पहचान थी
डॉ जगन्नाथ मिश्र के बचपन के मित्र जयकृष्ण गुरमैता बताते हैं कि वो हमेशा सादगी में रहते थे. वो अपना जीवन बिल्कुल साधारण तरीके से जीते थे. इतने बड़े व्यक्तित्व होने का कभी भी किसी को एहसास तक नहीं होने दिया. विनोबा भावे से वो काफी प्रभावित थे. वो मिथिलांचल के एक बहुत बड़े विभूति थे. उनके निधन से हम सब बहुत दुखी हैं.

सुपौल
डॉ जगन्नाथ मिश्र का पैतृक घर

गांव में ही किया जाएगा अंतिम संस्कार
इसके साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि इस पूरे क्षेत्र में डॉ जगन्नाथ मिश्र का परिवार काफी प्रसिद्ध है. वो अपने जीवन में कई राजनीतिक उपलब्धियां भी हासिल किए. डॉ जगन्नाथ मिश्र इस क्षेत्र के विकास के लिए बहुत कुछ किए हैं. उनका हमेशा गांव से संबंध रहा है. इसके साथ ग्रामीणों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार बुधवार को गांव में ही राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. परिवार के लोग यहां पहुंच रहे हैं.

सुपौल
डॉ जगन्नाथ मिश्र ( फाइल फोटो)

नई दिल्ली में हुआ निधन
बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर राज्य भर में शोक की लहर दौड़ गई. तीन बार बिहार के सीएम रहे जगन्नाथ मिश्रा का 82 साल की उम्र में निधन हुआ. दिल्ली के मेदांता अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनके निधन की खबर से बिहार के राजनीतिक गलियारे में सन्नाटा छा गया है.

Intro: सुपौल: बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके डॉ जगन्नाथ मिश्र के निधन से उनके पैतृक गांव बलुआ सहित पूरे कोशी-मिथिलांचल इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है. मौत की खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव के ग्रामीण भौंचक रह गये. उन्हें सहसा इस बात का विश्वास ही नहीं हो रहा था कि केंद्र व राज्य के बड़े-बड़े पदों पर रहने वाला उनका लाल अब इस दुनिया में नहीं रहा. घटना की खबर रिश्तेदार व सगे संबंधी को भी मिल चुकी है. लेकिन फिलहाल अभी तक बाहर से कोई भी सगे संबधी नहीं पहुंचे हैं. बलुआ आसपास के लोग ही स्व. मिश्र के Body:गौरतलब है कि बिहार के रानीतिक क्षितिज पर कई दशकों तक छाए रहने वाले डॉ मिश्र सुपौल जिले के बलुआ गांव के ही निवासी थे. यह दीगर बात है कि बढते राजनीतिक व्यस्तता के कारण बाद के समय में उनका गांव में आना-जाना काफी कम हो गया था. परिवार के अधिकांश सदस्य भी पटना या अन्य शहरों में रहते हैं. फिर भी ग्रामीणों का लगाव उनके प्रति कभी कम नहीं हुआ. ग्रामीणों ने बताया कि करीब एक वर्ष पूर्व डॉ मिश्र पटना से अपने पैतृक गांव बलुआ आए थे. तब वे यहां तीन दिन अपने घर पर रहे थे. जिसके बाद पुन: वापस पटना चले गये थे. परिजन व ग्रामीणों ने बताया कि जिस समय वो अपने घर बलुआ आए थे, उस समय वे बिल्कुल स्वस्थ थे. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार पांच दिन पूर्व से उनका तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. जिसके बाद उन्हें गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान सोमवार की सुबह उनकी मौत हो गयी. डॉ मिश्र के मौत की खबर सुनते ही उनके सगे-संबधी तथा आसपास के लोग उनके पैतृक गांव बलुआ पहुंचकर इस दुखद घटना की जानकारी लेने तथा संवेदना व्यक्त करने में जुटे हुए हैं.
बुधवार को पैतृक गांव बलुआ में किया जायेगा अंतिम संस्कार
डॉ मिश्र के तीन पुत्र हैं. जिनमें बड़े पुत्र संजीव कुमार मिश्र, द्वितीय मनीष कुमार मिश्र व तृतीय नीतीश मिश्र हैं. जिनमें छोटे पुत्र नीतीश मिश्र कई बार बिहार सरकार के मंत्री रह चुके हैं. जबकि स्व. मिश्र की धर्म पत्नी वीणा मिश्र का निधन विगत एक वर्ष पूर्व ही पटना के आवास पर 78 वर्ष की उम्र में हो गया था. परिजनों ने बताया कि स्व डॉ मिश्र का अंतिम संस्कार बुधवार को उनके पैतृक गांव बलुआ में किया जायेगा. बलुआ बजार में उनके पार्थिव शरीर के दाह संस्कार के लिए सारी तैयारियां चल रही है. जिसमें स्थानीय ग्रामीण व उनके परिजन जुटे हुए हैं. बताया गया कि उनका अतिंम संस्कार बुधवार को राजकीय समारोह के साथ किया जाएगा. दाह संस्कार के लिए सभी तैयारी की जा रही है. बताया गया कि स्व. मिश्र का पार्थिव शरीर बुधवार को पटना से बलुआ लाया जाएगा. जहां अंतिम दर्शन के बाद उसी दिन राजकीय समारोह के साथ निज आवास स्थित हनुमान मंदिर के बगल में दाह संस्कार किया जाएगा.
गांव में सगे-संबंधियों का शुरू हो चुका है आगमन
स्व. मिश्र के निज आवास पर बलुआ सहित आसपास के इलाके के लोग पहुंचकर गहरी संवेदना व्यक्त कर रहे थे. फिलहाल उनके गांव में निधन से शोक का माहौल व्याप्त है. घर में अभी फिलहाल संम्पति की रक्षा कर रहे संरक्षक हरेराम झा मौजूद थे. Conclusion:घर पहुंचकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त कर रहे हैं. परिवार के मुख्य सदस्य पूर्व रेल मंत्री स्व. ललित नारायण मिश्र के बड़े पुत्र विजय मिश्र व तृतीय पुत्र संजय मिश्र अपने गांव बलुआ पहुंचे हुए थे. जिनके द्वारा अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी.

बाइट- जयकृष्ण गुरमैता, डॉ मिश्र के सहपाठी
बाइट- जयबोध झा, प्रखंड अध्यक्ष कांग्रेस
बाइट- रामजी मंडल, मुखिया, बलुआ पंचायत
बाइट- सुमित कुमार मिश्र, स्व ललित बाबू के पौत्र
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