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सुपौल पहुंचे DGP बोले- स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाएगा शराबबंदी का फैसला - सदर थाने का औचक निरिक्षण

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने सभी पुलिस अधिकारियों को कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर सतर्क रहें. लॉ एंड ऑर्डर के मामले में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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सुपौल पहुंचे DGP
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Published : Feb 2, 2020, 9:24 PM IST

सुपौल: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने रविवार को सदर थाने का औचक निरीक्षण किया. इससे थाना परिसर में हड़कंप मच गया. इस दौरान डीजीपी करीब आधे घंटे तक थाना परिसर में रुके, यहां उन्होंने संचिका की जांच पड़ताल की. इस दौरान उन्होंने लंबित मामले के निष्पादन करने के दिशा-निर्देश दिए. थानाध्यक्ष को जमीन विवाद में नहीं उलझने के साथ ही महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए. उन्होंने शराब बिक्री पर भी लगाम लगाने की बात कही.

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डीजीपी को गार्ड ऑफ आर्नर देते पुलिसकर्मी

'स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाएगा शराबबंदी का फैसला'
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि बिहार में शराबबंदी का फैसला इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाएगा. इस बात की चर्चा भी की जाएगी कि सरकार ने ऐसा निर्णय लिया था, जिससे सामाजिक उत्थान और सुधार होता है. डीजीपी ने कहा कि शराब का सीधा संबंध अपराध से होता है. वहीं, शराब पीने से आर्थिक, शारीरिक, पारिवारिक नाश ही नहीं बल्कि चरित्र, नैतिक और आध्यात्मिक पतन भी होता है. शराब पीने से आदमी की चेतना में गिरावट आती है. शराब, अफीम, चरस, स्मैक, हीरोइन या फिर किसी प्रकार का नशा हो, इसका सीधा कनेक्शन अपराध पर ही जाकर रुकता है, इससे लोगों को जागरूक होना होगा.

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गुप्तेश्वर पांडेय, बिहार डीजीपी

'बिहार में अब कानून का शासन'
डीजीपी ने कहा कि आज 15 साल के लड़के हीरोइन और चरस पीकर संगीन अपराध को अंजाम देते हैं. इस पर पुलिस विभाग लगातार काम कर रहा है. डीजीपी ने कहा कि अब बिहार में कानून का शासन है. कानून के शासन का मतलब यह होता है कि अपराध नहीं होगा ऐसा संभव नहीं है. कहा कि अपराध होगा, लेकिन अपराधी पकड़े भी जाएंगे. अपराधी चाहे कितना भी बड़ा और पहुंच पैरवी वाला हो पुलिस के गिरफ्त से बाहर नहीं होगा. चाहे वह राजनेता हो या फिर पुलिस महकमा ही क्यों ना हो. कहा कि पहले जो राजनेता, पुलिस और अपराधी का अपवित्र गठबंधन था. वह कानून के शासनकाल में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है.

सुपौल पहुंचे DGP, सदर थाने का किया औचक निरिक्षण

'कानून व्यवस्था को लेकर सतर्क रहें'
डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर सतर्क रहें. लॉ एंड ऑर्डर के मामले में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वहीं, निरिक्षण के बाद थाने की महिला सिपाहियों की टीम ने डीजीपी को गार्ड ऑफ ऑर्नर दिया. इसके बाद डीजीपी टीम में शामिल महिला सिपाहियों से परिचित हुए. उनका हौसला बढ़ाया. टीम के साथ तस्वीरें भी खिचवाई. इस मौके पर डीआईजी सुरेश चौधरी, सदर एसडीपीओ विद्यासागर, त्रिवेणीगंज एसडीपीओ गणपति ठाकुर, मेजर दीनानाथ मंडल, सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार सिंह, महिला थानाध्यक्ष प्रेमलता भूपश्री, एसीएसटी थानाध्यक्ष रविंद्र हरिजन आदि मौजूद थे.

सुपौल: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने रविवार को सदर थाने का औचक निरीक्षण किया. इससे थाना परिसर में हड़कंप मच गया. इस दौरान डीजीपी करीब आधे घंटे तक थाना परिसर में रुके, यहां उन्होंने संचिका की जांच पड़ताल की. इस दौरान उन्होंने लंबित मामले के निष्पादन करने के दिशा-निर्देश दिए. थानाध्यक्ष को जमीन विवाद में नहीं उलझने के साथ ही महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए. उन्होंने शराब बिक्री पर भी लगाम लगाने की बात कही.

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डीजीपी को गार्ड ऑफ आर्नर देते पुलिसकर्मी

'स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाएगा शराबबंदी का फैसला'
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि बिहार में शराबबंदी का फैसला इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाएगा. इस बात की चर्चा भी की जाएगी कि सरकार ने ऐसा निर्णय लिया था, जिससे सामाजिक उत्थान और सुधार होता है. डीजीपी ने कहा कि शराब का सीधा संबंध अपराध से होता है. वहीं, शराब पीने से आर्थिक, शारीरिक, पारिवारिक नाश ही नहीं बल्कि चरित्र, नैतिक और आध्यात्मिक पतन भी होता है. शराब पीने से आदमी की चेतना में गिरावट आती है. शराब, अफीम, चरस, स्मैक, हीरोइन या फिर किसी प्रकार का नशा हो, इसका सीधा कनेक्शन अपराध पर ही जाकर रुकता है, इससे लोगों को जागरूक होना होगा.

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गुप्तेश्वर पांडेय, बिहार डीजीपी

'बिहार में अब कानून का शासन'
डीजीपी ने कहा कि आज 15 साल के लड़के हीरोइन और चरस पीकर संगीन अपराध को अंजाम देते हैं. इस पर पुलिस विभाग लगातार काम कर रहा है. डीजीपी ने कहा कि अब बिहार में कानून का शासन है. कानून के शासन का मतलब यह होता है कि अपराध नहीं होगा ऐसा संभव नहीं है. कहा कि अपराध होगा, लेकिन अपराधी पकड़े भी जाएंगे. अपराधी चाहे कितना भी बड़ा और पहुंच पैरवी वाला हो पुलिस के गिरफ्त से बाहर नहीं होगा. चाहे वह राजनेता हो या फिर पुलिस महकमा ही क्यों ना हो. कहा कि पहले जो राजनेता, पुलिस और अपराधी का अपवित्र गठबंधन था. वह कानून के शासनकाल में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है.

सुपौल पहुंचे DGP, सदर थाने का किया औचक निरिक्षण

'कानून व्यवस्था को लेकर सतर्क रहें'
डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर सतर्क रहें. लॉ एंड ऑर्डर के मामले में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वहीं, निरिक्षण के बाद थाने की महिला सिपाहियों की टीम ने डीजीपी को गार्ड ऑफ ऑर्नर दिया. इसके बाद डीजीपी टीम में शामिल महिला सिपाहियों से परिचित हुए. उनका हौसला बढ़ाया. टीम के साथ तस्वीरें भी खिचवाई. इस मौके पर डीआईजी सुरेश चौधरी, सदर एसडीपीओ विद्यासागर, त्रिवेणीगंज एसडीपीओ गणपति ठाकुर, मेजर दीनानाथ मंडल, सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार सिंह, महिला थानाध्यक्ष प्रेमलता भूपश्री, एसीएसटी थानाध्यक्ष रविंद्र हरिजन आदि मौजूद थे.

Intro:
डीजीपी ने सदर थाना का किया औचक निरीक्षण, पुलिस कर्मियों को दिये आवश्यक निर्देश
सुपौल: शराबबंदी कानून एक ऐतिहासिक कानून है. इतिहास के पन्ने में जब बिहार का इतिहास लिखा जाएगा तो इस कानून की चर्चा स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा. यह बातें पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कही. श्री पांडेय रविवार की दोपहर सदर थाना में औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे.
Body:बिहार के इतिहास में स्वर्णा अक्षरों में लिखा जाएगा शराबबंदी का फैसला
उन्होंने कहा कि इतिहास में इस बात की भी चर्चा की जायेगी कि सरकार ने ऐसा निर्णय लिया था, जिससे सामाजिक उत्थान व सुधार होता है. कहा कि शराब का सीधा संबंध अपराध से होता है. वहीं शराब पीने से आर्थिक, शारीरिक, पारिवारिक नाश ही नहीं बल्कि चरित्र, नैतिक और आध्यात्मिक पतन भी होता है. शराब पीने से आदमी की चेतना में गिरावट आती है. शराब, अफीम, चरस, स्मैक, हीरोइन या फिर किसी प्रकार का नशा हो इसका सीधा कनेक्शन अपराध पर ही जाकर रुकता है. इससे लोगों को जागरूक होना होगा. कहा कि आज 15 साल के लड़के हीरोइन चरस पीते हैं और संगीन अपराध की घटना को अंजाम देते है. इस पर विभाग लगातार काम कर रही है. डीजीपी ने कहा कि अब बिहार में कानून का शासन है. कानून के शासन का मतलब यह होता है कि अपराध नहीं होगा ऐसा संभव नहीं है. कहा कि अपराध होगा, लेकिन अपराधी पकड़े भी जाएंगे. अपराधी चाहे कितना भी बड़ा व पहुंच पैरवी वाला हो पुलिस के गिरफ्त से बाहर नहीं होगा. चाहे वह राजनेता हो या फिर पुलिस महकमा ही क्यों ना हो. श्री पांडेय ने कहा कि पहले जो राजनेता, पुलिस और अपराधी का अपवित्र गठबंधन था. वह कानून के शासनकाल में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है. Conclusion:डीजीपी को दिया गया गार्ड ऑफ आर्नर
सीमांचल के दौरे पर निकले डीजीपी के अचानक थाना परिसर पहुंचने से पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया. इस दौरान करीब आधा घंटा तक डीजीपी थाना परिसर में रूके. जहां उन्होंने संचिका की जांच पड़ताल की. वहीं तथा लंबित मामले के निष्पादन के लिए कई दिशा निर्देश दिये. डीजीपी ने थानाध्यक्ष को जमीनी विवाद में नहीं उलझने के साथ- साथ महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. उन्होंने शराब की बिक्री पर भी लगाम लगाने का शख्त निर्देश दिया. डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर सतर्क रहें. लॉ एंड ऑर्डर के मामले में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. डीजीपी को महिला सिपाही की टीम द्वारा गार्ड ऑर्नर दिया गया. इसके बाद उन्होंने टीम में शामिल सभी महिला सिपाही से परिचय प्राप्त करते उनका हौसला बढाया. साथ ही टीम के साथ एक तस्वीर भी खिंचवाया. इस मौके पर डीआईजी सुरेश चौधरी, सदर एसडीपीओ विद्यासागर, त्रिवेणीगंज एसडीपीओ गणपति ठाकुर, मेजर दीनानाथ मंडल, सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार सिंह, महिला थानाध्यक्ष प्रेमलता भूपश्री, एसीएसटी थानाध्यक्ष रविंद्र हरिजन आदि मौजूद थे.
बाइट- गुप्तेश्वर पांडेय, डीजीपी बिहार
विओ- आशीष कुमार
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