सिवान: जिले में किसानों पर प्रकृति का कहर जारी है. किसान अब दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं. एक तरफ कोरोना जैसी महामारी के कारण हुए लॉकडाउन से किसान परेशान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ गेहूं फसल की कटाई के समय हुई बारिश और ओलावृष्टि ने इनकी कमर ही तोड़कर रख दी है.
गेहूं की फसल बर्बाद
सिवान में हुई बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. इन फसलों की बर्बादी से किसान सदमे में हैं. मौसम की मार ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. बारिश के कारण खेतों से काटकर रखी गई गेहूं की फसल भींगने से खराब हो गई है.
सरकार से सहायता की उम्मीद
किसान मूर्ति लाल गिरी ने बताया कि एक तो पहले से लॉकडाउन और कोरोना ने हमारा रोजगार छीन लिया है. वहीं, अब मौसम के कारण 3 बीघा जमीन की फसल बर्बाद हो गई. ऐसे में परिवार का पेट पालना भी मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार से उम्मीद है कि वो कुछ सहायता करे.
फसल बर्बाद होने से चिंता में किसान
वहीं, किसान ज्ञान्ति देवी ने बताया कि हमलोग खेती पर ही आश्रित हैं. लेकिन फसल बर्बाद हो जाने के बाद चिंता हो रही है कि घर का खर्च कैसे चलेगा. सरकार से अब उम्मीद है कि सरकार कुछ मदद करें.