सिवान: बिहार के सिवान में एक ऐसा रेलवे फाटक है, जहां पर कोई गेटमैन नहीं है. ट्रेन के आने और जाने के समय चालक या कर्चमाचारी को गाड़ी से उतर कर खुद से फाटक बंद करना पड़ता है और गाड़ी आगे बढ़ने के बाद वापस आकर फाटक खोलना पड़ता है. ये रेलवे फाटक सिवान-मशरक रेलखंड (Siwan-Mashrak railway line) पर स्थित रगड़गंज ढ़ाला के पास है.
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सिवान का अनोखा रेलवे फाटक: सिवान-मशरक रेलखंड स्थित महाराजगंज रगड़गंज ढाला है. जहां फाटक को गिराने के लिए ट्रेन को पहले रोकना पड़ता है, फिर उसमें से रेलवे कर्मचारी उतरता है और फाटक को बंद करता है. इस घटना का एक वीडियो सामने आया है. कभी-कभी बिना फाटक बंद किए ही ट्रेन क्रॉस कर जाती है. रागड़गंज ढाला के नजदीक रहने वाले कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सिलसिला विगत कुछ वर्षों से चल रहा है.
कई बार फाटक बंद किए बिना गुजरती है ट्रेन: लोगों ने बताया कि इतना ही नहीं कभी-कभी तो बिना फाटक गिराए ही ट्रेन क्रॉस हो जाती है. अगर किसी दिन घटना घटित हो जाये तो इसका जिम्मेवार कौन होगा. ट्रेन आने पर फाटक के कुछ दूर पहले ही ट्रेन को रोक दिया जाता है और जैसे ही कर्मचारी फाटक गिरा कर रेल पायलट को इशारा करता है तो ट्रेन आगे बढ़ती है. वहीं, ट्रेन जब रागड़गंज फाटक क्रॉस करती है तो फिर कर्मचारी नीचे उतरता है और रेल पायलट को इशारा करता है और फिर ट्रेन में चढ़ जाता है, तब ट्रेन आगे बढ़ती है.
क्या कहते है वाराणसी रेलवे के अधिकारी: पूरे मामले को लेकर जब वाराणसी रेलवे विभाग के जनसंपर्क पदाधिकारी अशोक कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि 'इसे सिंगल ट्रेन सिस्टम कहते है. यह जो भी होता है, नियम संगत ही होता है.' उन्होंने कहा कि हमारे यहां नियम है कि ट्रेन को रोककर समपार फाटक को बंद किया जाएगा. वहीं, गोरखपुर रेलवे सीनियर सेंक्शन इंजीनियर उपेंद्र सिंह ने बताया कि महाराजगनज-मशरक रेलवे खण्ड पर कोई भी क्रॉसिंग स्टेशन नहीं है. जिसकी वजह से दिक्कत होती है. इसी वजह से ट्रेन को रोक कर ही फाटक गिराया जाता है लेकिन यह समस्या बहुत जल्द दूर हो जाएगी.
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