सिवान: बिहार के सिवान में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching in Siwan) का शिकार हुए अलाउद्दिन मियां के परिजनों से पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब मिलने पहुंची. उन्होंने कहा कि पुलिस एक्टिव नहीं है, अपराध बढ़ता जा रहा है. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि तीन दिन पूर्व हुए मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के फतुलही गांव में तीन अपराधियो ने अलाउद्दीन मियां की सरसों चोरी करने के आरोप में लाठी डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद उस गांव में तनाव का माहौल कायम हो गया था. कुछ लोगों ने इसको मॉब लिंचिंग कह कर सरकार और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की थी. वहीं घटना के बाद वहां भारी पुलिस बल की तैनाती की गई ताकि किसी तरह से धर्मिक उन्माद ना फैले. मृतक अलाउदीन मियां के परिजनों से मिलकर हेना शहाब ने परिजनों को हर संभव मदद करने की बात कही साथ ही सरकार और प्रशासन पर सख्त सवाल खड़े किए.
पुलिस और सरकार से हिना का सवाल: उन्होंने कहा कि इस तरह कि घटना दुःखद है. पुलिस और सरकार एक्टिव नहीं है जिसके कारण यह घटना हुई है. अगर सरकार चाहती तो ऐसी घटना दुबारा नहीं होती लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है और प्रशासन एक्टिव नहीं है. आगे उन्होंने कहा कि अगर मरहूम मो. शहाबुद्दीन साहब जिंदा होते और वह खड़े हो जाते तो दुबारा ऐसी घटना नही होती. इस तरह की घटना में शामिल अपराधियों से सिर्फ कागज पर फॉर्मेलिटी निभाई जाती है. अपराधी जेल से छुटकर वापस आ जाते है. अगर सजा होती तो जरूर इस तरह की घटना पर लगाम लग जाता.
"इस तरह कि घटना दुःखद है. पुलिस और सरकार एक्टिव नहीं है जिसके कारण यह घटना हुई है. अगर सरकार चाहती तो ऐसी घटना दुबारा नहीं होती लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है और प्रशासन एक्टिव नहीं है. अगर मरहूम मो.शाहबुद्दीन साहब जिंदा होते और वह खड़े हो जाते तो दुबारा ऐसी घटना नही होती. इस तरह की घटना में शामिल अपराधियों से सिर्फ कागज पर फॉर्मेलिटी निभाई जाती है. अपराधी जेल से छुटकर वापस आ जाते है. अगर सजा होती तो जरूर इस तरह की घटना पर लगाम लग जाता."- हिना शहाब,पूर्व सांसद शाहबुद्दीन की पत्नी
क्या था मामला: बता दें कि यह पूरा मामला मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के फतुलही गांव निवासी अलाउद्दीन मियां का है. जो गांव के ही रघुनाथ यादव का खेत बटाईदारी पर बुआई करते थे. खेत में सरसों की फसल लगी हुई थी, जिसकी कटाई का काम चल रहा था. जिसमे अलाउद्दीन मियां ने सरसों काटकर खेत में रख दिया था. उस सरसों को रघुनाथ यादव और उसके दो पुत्र जबरन खेत से उठा ले गए. जब अलाउद्दिन मियां ने इसका विरोध किया तो उस पर सरसों चोरी का आरोप लगा दिया. जब इसकी पंचायती रखी गई तो पंचायती के पहले ही लाठी डंडे से लैस होकर तीनों अपराधी आए और अलाउद्दिन की पीट-पीटकर हत्या कर दी. यही नहीं मृतक की पुत्री ने बताया कि मरने के बाद भी अपराधी पिटते रहे.