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सिवान: सदर अस्पताल भगवान भरोसे, 30 लाख लोगों के इलाज के लिए सिर्फ 37 डॉक्टर - hospital is in bad condition

यहां 237 डॉक्टर्स के पद हैं. जिसमें केवल 37 डॉक्टर्स काम कर रहे हैं. भारी संख्या में डॉक्टर्स के पद खाली हैं. ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि इलाज के लिए मरीजों को कितनी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

अव्यवस्था
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Published : Jun 24, 2019, 7:26 PM IST

Updated : Jun 28, 2019, 2:38 PM IST

सिवान: बिहार के सभी जिले इन दिनों इंसेफेलाइटिस की चपेट में हैं. मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों में एईएस बीमारी के कारण 186 बच्चों की जान जा चुकी है. ज्यादातर डॉक्टरों का मानना है कि उचित रख-रखाव, खानपान की जानकारी के अभाव और सही समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण ही बच्चों की मौत हुई है.

सिवान के सदर अस्पताल में भी डॉक्टरों की भारी कमी है. जिस कारण जिले की एक बड़ी आबादी को भारी समस्या से जूझना पड़ता है. जिले के मरीज निजी क्लिनिक में इलाज कराने को विवश हैं. सदर अस्पताल में कुव्यवस्था व्याप्त है.

siwan
सिविल सर्जन और समाजसेवी

'स्वास्थ्य मंत्री अपने जिले की अनदेखी ना करें'
मालूम हो कि सिवान जिले की आबादी लगभग 30 लाख की है. जिसकी देखरेख का जिम्मा मात्र 37 डॉक्टरों के कंधे पर है. जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है. स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला होने का बावजूद यहां कुव्यवस्था चरम पर होने से लोग खासे नाराज हैं. लोगों की मांग है कि स्वास्थ्य मंत्री कम से कम अपने गृह जिले की अनदेखी ना करें.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

सिविल सर्जन का बयान
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी की बात पर सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में कुल 237 डॉक्टर होने चाहिए. लेकिन, अभी मात्र 37 डॉक्टर हैं. अधिकारियों को कहने के बावजूद भी अबतक बहाली नहीं हुई. उन्होंने यह भी कहा कि कम ही लोग मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, इसलिए भी डॉक्टरों की कमी है.

सिवान: बिहार के सभी जिले इन दिनों इंसेफेलाइटिस की चपेट में हैं. मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों में एईएस बीमारी के कारण 186 बच्चों की जान जा चुकी है. ज्यादातर डॉक्टरों का मानना है कि उचित रख-रखाव, खानपान की जानकारी के अभाव और सही समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण ही बच्चों की मौत हुई है.

सिवान के सदर अस्पताल में भी डॉक्टरों की भारी कमी है. जिस कारण जिले की एक बड़ी आबादी को भारी समस्या से जूझना पड़ता है. जिले के मरीज निजी क्लिनिक में इलाज कराने को विवश हैं. सदर अस्पताल में कुव्यवस्था व्याप्त है.

siwan
सिविल सर्जन और समाजसेवी

'स्वास्थ्य मंत्री अपने जिले की अनदेखी ना करें'
मालूम हो कि सिवान जिले की आबादी लगभग 30 लाख की है. जिसकी देखरेख का जिम्मा मात्र 37 डॉक्टरों के कंधे पर है. जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है. स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला होने का बावजूद यहां कुव्यवस्था चरम पर होने से लोग खासे नाराज हैं. लोगों की मांग है कि स्वास्थ्य मंत्री कम से कम अपने गृह जिले की अनदेखी ना करें.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

सिविल सर्जन का बयान
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी की बात पर सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में कुल 237 डॉक्टर होने चाहिए. लेकिन, अभी मात्र 37 डॉक्टर हैं. अधिकारियों को कहने के बावजूद भी अबतक बहाली नहीं हुई. उन्होंने यह भी कहा कि कम ही लोग मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, इसलिए भी डॉक्टरों की कमी है.

Intro:सिविल सर्जन ने कहा आप क्यों नहीं बन जाते डॉक्टर

सिवान।

मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों में ए.ई.एस बीमारी के कारण बच्चों की जाने जा रही है.उचित रख रखाव, जानकारी के अभाव, समय पर ईलाज न मिलने के कारण ज्यादातर बच्चों की मौत हो जा रही है.वही सिवान के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजो को काफी परेशानियों का कामना करना पड़ता है मरीज निजी क्लिनिक में ईलाज कराने को विवश हैं.


Body:मालूम हो कि सिवान जिले में लगभग 30 लाख की आबादी पर मात्र 37 डॉक्टर ही हैं जिससे मरीजो को परेशानी हो रही है.स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में डॉक्टरों की कमी से लोग काफी नाखुश नजर आ रहे हैं लोग मांग कर रहे हैं कि स्वास्थ्य मंत्री कम से कम अपने गृह जिले को तो ना भूलें. वही जब संबंध में सिवान के सिविल सर्जन से बात किया तो उन्होंने बताया कि सिवान जिले के कुल 237 डॉक्टर होने चाहिए पर बार बार आला अधिकारियों से कहने के बावजूद आज तक बहाली नहीं हुई.


Conclusion:सिविल सर्जन ने ईटीवी भारत के सिवान संवाददाता को पत्रकारिता छोड़ डॉक्टर बनने की सलाह तक दे दी.उन्होंने कहा कि कोई मेहनत नही करना चाहता है कोई पढ़ना नहीं चाहता है तो डॉक्टर कहां से आएंगे आप पढ़िए और डॉक्टर बनिये.

बाइट-सिविल सर्जन
बाइट-समाजसेवी
पीटूसी
Last Updated : Jun 28, 2019, 2:38 PM IST
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