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बाढ़ में ध्वस्त हुई 20 गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क, लोगों ने चचरी पुल को बनाया सहारा

बाढ़ में सड़क ध्वस्त हो जाने के बाद स्थानीय लोग चचरी पुल बनाकर आवागमन कर रहे हैं. हालांकि एकमात्र मार्ग होने के कारण काफी संख्या में लोग इस मार्ग से आवागमन करते हैं. जिससे स्थानीय लोगों ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशासन से पुलिया निर्माण की मांग की है.

सिवान
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Published : Aug 26, 2020, 7:24 PM IST

सिवान: पिछले एक महीने से जिले के कई इलाकों में बाढ़ का पानी जमा है. भगवानपुर प्रखंड के ससराव गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के कारण यहां का मुख्य मार्ग पूरी तरह से टूट गया है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ में ध्वस्त मार्ग तकरीबन 20 गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है.

वहीं सड़क का टूटना स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है. वहीं सड़क बनवाने को लेकर प्रशासन की अनदेखी के कारण ग्रामीणों में खासी नाराजगी है.

सिवान
चचरी पुल बना स्थानीय लोगों का सहारा

लोग डर के साये में स्वनिर्मित चचरी पुल से आवागमन को मजबूर हैं. हालांकि जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बांस के पुलिया से आवागमन शुरू तो हो गया, लेकिन मुख्यालय से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क होने के कारण यहां अक्सर जाम लग जाता है. वहीं लोगों ने कहा कि अगर जल्द ही प्रशासन की नींद नहीं टूटी तो दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. चचरी पुल से आवागमन करने वाले लोगों की संख्या को देखकर स्थानीय लोगों को अपनी सुरक्षा की चिंता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्थानीय युवाओं ने बनाया चचरी पुल
स्थानीय निवासियों ने बताया कि बाढ़ के तेज बहाव में पुलिया ध्वस्त हो गया था. जिस वजह से प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया. इसके बाद गांव के कुछ युवाओं ने मिलकर चचरी पुल तैयार किया है. अब इसके सहारे लोग नदी को आसानी से पार कर रहे हैं.

सिवान: पिछले एक महीने से जिले के कई इलाकों में बाढ़ का पानी जमा है. भगवानपुर प्रखंड के ससराव गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के कारण यहां का मुख्य मार्ग पूरी तरह से टूट गया है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ में ध्वस्त मार्ग तकरीबन 20 गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है.

वहीं सड़क का टूटना स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है. वहीं सड़क बनवाने को लेकर प्रशासन की अनदेखी के कारण ग्रामीणों में खासी नाराजगी है.

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चचरी पुल बना स्थानीय लोगों का सहारा

लोग डर के साये में स्वनिर्मित चचरी पुल से आवागमन को मजबूर हैं. हालांकि जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बांस के पुलिया से आवागमन शुरू तो हो गया, लेकिन मुख्यालय से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क होने के कारण यहां अक्सर जाम लग जाता है. वहीं लोगों ने कहा कि अगर जल्द ही प्रशासन की नींद नहीं टूटी तो दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. चचरी पुल से आवागमन करने वाले लोगों की संख्या को देखकर स्थानीय लोगों को अपनी सुरक्षा की चिंता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्थानीय युवाओं ने बनाया चचरी पुल
स्थानीय निवासियों ने बताया कि बाढ़ के तेज बहाव में पुलिया ध्वस्त हो गया था. जिस वजह से प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया. इसके बाद गांव के कुछ युवाओं ने मिलकर चचरी पुल तैयार किया है. अब इसके सहारे लोग नदी को आसानी से पार कर रहे हैं.

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