जमशेदपुर/सीवान: जुगसलाई थाना क्षेत्र में रहने वाले प्रदीप मिश्रा के परिजनों ने मोहम्मद शहाबुद्दीन की मौत की खबर सुनने पर कहा है कि भगवान के घर देर है, लेकिन अंधेर नहीं. प्रदीप मिश्रा की 1989 में उनकी हत्या कर दी गई थी. मिश्रा पूर्वी सिंहभूम जिले की कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन जिला अध्यक्ष थे. इनकी हत्या में शहाबुद्दीन का नाम सामने आया था. हालांकि 27 वर्ष मुकदमा चलने के बाद इस कांड के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था.
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कौन थे प्रदीप मिश्रा
दरअसल, जमशेदपुर में 2 फरवरी 1989 की शाम लगभग 7 बजे जुगसलाई थाना अंतर्गत पावर हाउस गेट के पास युवा कांग्रेस के तत्कालीन जिला अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा की उनके दो साथियों समेत गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त के रूप में मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम सामने आया था, जो कि बाद में निर्दलीय विधायक और राजद से सांसद बने. इस हत्याकांड में चश्मदीद गवाह प्रदीप मिश्रा के सरकारी अंगरक्षक ब्रह्मेश्वर पाठक थे, जिनकी ओर से जुगसलाई थाने में हत्याकांड को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया था.
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कोर्ट ने किया बरी
लगभग 27 वर्ष मुकदमा चलने के बाद सबूतों और गवाहों की अनुपस्थिति और अभाव में सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया. इसमें सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन, लोजपा सांसद रामा सिंह, साहिब सिंह( रोहतास में एक पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके) कल्लू सिंह, वीरेंद्र सिंह( मृत) शामिल थे.