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शिवलिंग का रखवाला नाग! रहस्यों से भरा है सिवान का ये गांव, यहां जिसने भी मंदिर बनवाया उसकी हो गई मौत - सूरवीर गांव में एक भी मंदिर नहीं

बिहार का एक गांव मंदिर विहीन (Village without temple of Siwan) है, यानी इस गांव में एक भी मंदिर नहीं है. अगर कोई मंदिर बनाने के बारे में सोचता भी है तो उसकी रहस्यमयी ढंग से मौत हो जाती है. आखिर क्या है इस गांव में एक भी मंदिर न होने की पूरी कहानी जानने के लिए नीचे पढ़ें..

no temple in Surveer Village at Siwan bihar
no temple in Surveer Village at Siwan bihar
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Published : Apr 18, 2022, 3:35 PM IST

Updated : Apr 18, 2022, 4:00 PM IST

सिवान: मंदिर एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां प्रवेश मात्र से ही हम सकारात्मक महसूस करते हैं. मंदिर में आने वाले को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, जिससे मन के साथ ही तन को भी शांति मिलती है. लेकिन अगर कोई आपको ये कहे कि बिहार के एक गांव में मंदिर (No Temple village in Bihar) है ही नहीं तो.. ये सुनने में आपको अटपटा लगेगा, लेकिन ये हकीकत है. सिवान के महाराजगंज अनुमंडल के सूरवीर गांव (Surveer Village at Siwan bihar) में एक भी मंदिर नहीं है. खुले आकाश के नीचे देवता विराजमान हैं और श्रद्धालु सदियों से इसी तरह से भगवान की पूजा करते हैं. क्या है इसके पीछे का रहस्य आगे पढ़ें..

पढ़ें- क्या आप जानते हैं बिहार के किस गांव में होती है चमगादड़ की पूजा? ग्रामीण करते हैं 'बादुर' की रक्षा


मंदिर नहीं होने का रहस्य: सिवान में मंदिर न होने की कहानी यहां मौजूद एक शिवलिंग से जुड़ी है. कहा जाता है कि इस शिवलिंग की रखवाली नाग देवता करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि एक बार किसी ने मंदिर बनवाने की कोशिश की थी लेकिन उसे नाग ने डस लिया था. व्यक्ति की मौत से बाद इलाके में दहशत फैल गया. लोगों का कहना है कि जिसने भी मन्दिर बनाने की कोशिश की उसकी मौत हो गई. डर के मारे मन्दिर का निर्माण आज तक नहीं हो सका. यही वजह है कि पूरे गांव में एक भी मन्दिर नहीं है और खुले में लोग ईश्वर की पूजा अर्चना करते हैं.

शिवलिंग की रखवाली करते हैं नाग: पूरे गांव की लगभग 3000 की आबादी है. लेकिन गांव में एक भी मन्दिर नही है. गांव में खुले में ही वर्षों से लोग भगवान की पूजा करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि अब लोगों के मन में ये बात घर घर गई है कि मंदिर का निर्माण कराने से जान चली जाएगी. इसलिए अब तक सूरवीर गांव में एक भी मंदिर नहीं बन पाई है. लोगों ने बताया कि नाग देवता को आए दिन सभी देखते हैं. नाग शिवलिंग के आस-पास ही निवास करता है. शिव मंदिर के ठीक बगल में एक पेड़ है जिसपर नाग देवता रहते हैं.

ग्रामीण ने कहा: गांव के 80 वर्षीय सर्वानंद पांडे के अनुसार उन्होंने ऐसा सुना है कि उनके दादा ने जब शिवलिंग की स्थापना की थी तो सब ठीक था. जब मन्दिर का निर्माण कराने लगे तो उनका खड़ाऊ चप्पल मिट्टी के अन्दर धंस गया और पैरों से खून निकलने लगा. उसके बाद उनकी अकाल मृत्यु हो गई. तबसे यह गांव चर्चा का विषय बना हुआ है. जो भी मन्दिर निर्माण के लिए आगे आएगा उसकी जहरीले नाग के काटने से मौत हो जाएगी.

"हमारे पूर्वजों ने मंदिर बनाने की कोशिश की थी लेकिन जब गड्ढा खोदा गया तो उससे निकलकर उनको सांप काट लिया जिससे उनकी मृत्यु हो गयी. उसी के डर से आजतक गांव में मंदिर नहीं बन सका है. शिवलिंग के ठीक बगल में एक वृक्ष है. यह कितना पुराना है ये कोई नहीं बता सकता है. इस पेड़ में नाग देवता निवास करते हैं. पेड़ पर रहते हैं, घूमते हैं. देवता के सारे स्थान खुले में है."- सर्वानंद पांडे, ग्रामीण

नाग के डर से घरों में होती है पूजा: महराजगंज पटेढा पंचायत (Siwan Maharajganj Patedha Panchayat) के सूरवीर गांव में आज भी अपने अपने घरों में या खुले में पूजा करते हैं. इस गांव में सालो पुराना एक शिवलिंग है. लोग बताते हैं कि इस पर उनके पूर्वजों ने मन्दिर बनाने की कोशिश की लेकिन नाग के काटने से उनकी मौत हो गई. गांव के ही एक बुजुर्ग के अनुसार शिवलिंग की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा करने की कोशिश की थी तो उनकी भी रहस्यमय मौत हो गई.

पढ़ें- क्या वजह है कि बिहार के इस गांव में प्याज लहसुन खाने पर लगी है पाबंदी?



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सिवान: मंदिर एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां प्रवेश मात्र से ही हम सकारात्मक महसूस करते हैं. मंदिर में आने वाले को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, जिससे मन के साथ ही तन को भी शांति मिलती है. लेकिन अगर कोई आपको ये कहे कि बिहार के एक गांव में मंदिर (No Temple village in Bihar) है ही नहीं तो.. ये सुनने में आपको अटपटा लगेगा, लेकिन ये हकीकत है. सिवान के महाराजगंज अनुमंडल के सूरवीर गांव (Surveer Village at Siwan bihar) में एक भी मंदिर नहीं है. खुले आकाश के नीचे देवता विराजमान हैं और श्रद्धालु सदियों से इसी तरह से भगवान की पूजा करते हैं. क्या है इसके पीछे का रहस्य आगे पढ़ें..

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मंदिर नहीं होने का रहस्य: सिवान में मंदिर न होने की कहानी यहां मौजूद एक शिवलिंग से जुड़ी है. कहा जाता है कि इस शिवलिंग की रखवाली नाग देवता करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि एक बार किसी ने मंदिर बनवाने की कोशिश की थी लेकिन उसे नाग ने डस लिया था. व्यक्ति की मौत से बाद इलाके में दहशत फैल गया. लोगों का कहना है कि जिसने भी मन्दिर बनाने की कोशिश की उसकी मौत हो गई. डर के मारे मन्दिर का निर्माण आज तक नहीं हो सका. यही वजह है कि पूरे गांव में एक भी मन्दिर नहीं है और खुले में लोग ईश्वर की पूजा अर्चना करते हैं.

शिवलिंग की रखवाली करते हैं नाग: पूरे गांव की लगभग 3000 की आबादी है. लेकिन गांव में एक भी मन्दिर नही है. गांव में खुले में ही वर्षों से लोग भगवान की पूजा करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि अब लोगों के मन में ये बात घर घर गई है कि मंदिर का निर्माण कराने से जान चली जाएगी. इसलिए अब तक सूरवीर गांव में एक भी मंदिर नहीं बन पाई है. लोगों ने बताया कि नाग देवता को आए दिन सभी देखते हैं. नाग शिवलिंग के आस-पास ही निवास करता है. शिव मंदिर के ठीक बगल में एक पेड़ है जिसपर नाग देवता रहते हैं.

ग्रामीण ने कहा: गांव के 80 वर्षीय सर्वानंद पांडे के अनुसार उन्होंने ऐसा सुना है कि उनके दादा ने जब शिवलिंग की स्थापना की थी तो सब ठीक था. जब मन्दिर का निर्माण कराने लगे तो उनका खड़ाऊ चप्पल मिट्टी के अन्दर धंस गया और पैरों से खून निकलने लगा. उसके बाद उनकी अकाल मृत्यु हो गई. तबसे यह गांव चर्चा का विषय बना हुआ है. जो भी मन्दिर निर्माण के लिए आगे आएगा उसकी जहरीले नाग के काटने से मौत हो जाएगी.

"हमारे पूर्वजों ने मंदिर बनाने की कोशिश की थी लेकिन जब गड्ढा खोदा गया तो उससे निकलकर उनको सांप काट लिया जिससे उनकी मृत्यु हो गयी. उसी के डर से आजतक गांव में मंदिर नहीं बन सका है. शिवलिंग के ठीक बगल में एक वृक्ष है. यह कितना पुराना है ये कोई नहीं बता सकता है. इस पेड़ में नाग देवता निवास करते हैं. पेड़ पर रहते हैं, घूमते हैं. देवता के सारे स्थान खुले में है."- सर्वानंद पांडे, ग्रामीण

नाग के डर से घरों में होती है पूजा: महराजगंज पटेढा पंचायत (Siwan Maharajganj Patedha Panchayat) के सूरवीर गांव में आज भी अपने अपने घरों में या खुले में पूजा करते हैं. इस गांव में सालो पुराना एक शिवलिंग है. लोग बताते हैं कि इस पर उनके पूर्वजों ने मन्दिर बनाने की कोशिश की लेकिन नाग के काटने से उनकी मौत हो गई. गांव के ही एक बुजुर्ग के अनुसार शिवलिंग की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा करने की कोशिश की थी तो उनकी भी रहस्यमय मौत हो गई.

पढ़ें- क्या वजह है कि बिहार के इस गांव में प्याज लहसुन खाने पर लगी है पाबंदी?



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Last Updated : Apr 18, 2022, 4:00 PM IST
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