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ADSO पर मिल मालिकों ने लगाया घूसखोरी का आरोप, जबर्दस्ती ले गए गोदाम से 40 लाख का अनाज - बीजेपी नेता मनोज सिंह

कैसर जमाल मूल रूप से छपरा के निवासी हैं. लगभग 5 बार सिवान में अपने रसूख से ट्रासंफर करा चुके हैं. 2017 में पहले पटना और फिर गोपालगंज ट्रांसफर हुआ. रसूख के बल पर सिवान में फिर से पहुंच गए हैं. इस अधिकारी के कार्यशैली पर बीजेपी नेता भी सवाल खड़ा कर रहे हैं.

सिवान
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Published : May 10, 2020, 5:13 PM IST

Updated : May 11, 2020, 12:25 AM IST

सिवान: लॉक डाउन में जहां गरीबों के लिए सरकार अनाज एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही है. वहीं, दूसरी तरफ व्यवसायियों और उनके गोदाम में रखे अनाज पर सिवान के कुछ अधिकारियों की बुरी नजर पड़ी हुई है. लीगल रुप से व्यवसाय करने वाले व्यवसायी एडीएसओ कैसर जमाल पर बेवजह छापेमारी कर परेशान और बदले में घूस मांगने का आरोप लगा रहे हैं.

शहर के आंदर रोड में राजा सिंह कॉलेज के पास एक राइस और आटा मिल व्यवसायी के गोदाम पर एडीएसओ कैसर जमाल ने कुछ एमओ के साथ मिलकर छापेमारी की. वहीं, मिल में रखें अनाज को अपने साथ ले गए. मिल व्यवसायी ने बताया कि वो किसान से अनाज खरीदकर बेचते है. उनका एफसीआई से कोई संबंध नही हैं. उनका क्रय-विक्रय सब सही हैं. बावजूद इसकेएडीएसओ हर महीने पैसे की मांग कर रहे हैं. फिलहाल 1 लाख रुपये की मांग की गई. जबरन 60 हजार रुपया के साथ छापेमारी कर मिल सील करने के बजाय लगभग 40 लाख का अनाज दूसरे जगह भेज दिया.

देखें रिपोर्ट

एडीएसओ पर मिल मालिकों का आरोप

मिल मालिक ने बताया कि 40 लाख का लोन लेकर व्यवसाय को शुरू किया था. दूसरी तरफ एडीएसओ कैसर जमाल के नेतृत्व में सिवान आंदर मुख्य मार्ग पर टेडीघाट के समीप सहदुल्लेपुर में एक राइस और आटा मील में छापेमारी की गई. मीडिया के पहुंचते ही कैसर जमाल वहां से निकल गए. मिल व्यवसायी ने बताया कि कैसर आलम ने 2 लाख की घूस की मांग की. इसका वीडियो बनााने पर मोबाइल लेकर जबरन वीडियो डिलीट किया गया. व्यव्सायी का कहना है कि उनका सारा हिसाब सही हैं. एफसीआई से कोई संबंध नही है फिर उनके यहां छापेमारी क्यों?

बीजेपी नेता ने भी लगाया आरोप
इस मामले में एडीएसओ कैसर जमाल से बात करने पर उन्होंने कैमरे पर हाथ मारा. वहीं, उन्होंने इस छापेमारी को वरीय अधिकारी का निर्देश बताते हुए अपने आप को बेकसूर बताया. वहीं, पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष मनोज सिंह ने कैसर जमाल पर प्रश्नचिन्ह लगाया है. उनकाा कहना है कि व्यव्सायी के साथ गलत हुआ है. बीजेपी नेता ने इसे धन उगाही की आशंका जाहिर की है.

सिवान: लॉक डाउन में जहां गरीबों के लिए सरकार अनाज एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही है. वहीं, दूसरी तरफ व्यवसायियों और उनके गोदाम में रखे अनाज पर सिवान के कुछ अधिकारियों की बुरी नजर पड़ी हुई है. लीगल रुप से व्यवसाय करने वाले व्यवसायी एडीएसओ कैसर जमाल पर बेवजह छापेमारी कर परेशान और बदले में घूस मांगने का आरोप लगा रहे हैं.

शहर के आंदर रोड में राजा सिंह कॉलेज के पास एक राइस और आटा मिल व्यवसायी के गोदाम पर एडीएसओ कैसर जमाल ने कुछ एमओ के साथ मिलकर छापेमारी की. वहीं, मिल में रखें अनाज को अपने साथ ले गए. मिल व्यवसायी ने बताया कि वो किसान से अनाज खरीदकर बेचते है. उनका एफसीआई से कोई संबंध नही हैं. उनका क्रय-विक्रय सब सही हैं. बावजूद इसकेएडीएसओ हर महीने पैसे की मांग कर रहे हैं. फिलहाल 1 लाख रुपये की मांग की गई. जबरन 60 हजार रुपया के साथ छापेमारी कर मिल सील करने के बजाय लगभग 40 लाख का अनाज दूसरे जगह भेज दिया.

देखें रिपोर्ट

एडीएसओ पर मिल मालिकों का आरोप

मिल मालिक ने बताया कि 40 लाख का लोन लेकर व्यवसाय को शुरू किया था. दूसरी तरफ एडीएसओ कैसर जमाल के नेतृत्व में सिवान आंदर मुख्य मार्ग पर टेडीघाट के समीप सहदुल्लेपुर में एक राइस और आटा मील में छापेमारी की गई. मीडिया के पहुंचते ही कैसर जमाल वहां से निकल गए. मिल व्यवसायी ने बताया कि कैसर आलम ने 2 लाख की घूस की मांग की. इसका वीडियो बनााने पर मोबाइल लेकर जबरन वीडियो डिलीट किया गया. व्यव्सायी का कहना है कि उनका सारा हिसाब सही हैं. एफसीआई से कोई संबंध नही है फिर उनके यहां छापेमारी क्यों?

बीजेपी नेता ने भी लगाया आरोप
इस मामले में एडीएसओ कैसर जमाल से बात करने पर उन्होंने कैमरे पर हाथ मारा. वहीं, उन्होंने इस छापेमारी को वरीय अधिकारी का निर्देश बताते हुए अपने आप को बेकसूर बताया. वहीं, पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष मनोज सिंह ने कैसर जमाल पर प्रश्नचिन्ह लगाया है. उनकाा कहना है कि व्यव्सायी के साथ गलत हुआ है. बीजेपी नेता ने इसे धन उगाही की आशंका जाहिर की है.

Last Updated : May 11, 2020, 12:25 AM IST
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