सिवान: बिहार के सिवान जंक्शन पर ट्रेन से विस्फोटक मिलने के मामले में जीआरपी संदिग्ध की पहचान करने में जुटी हुई है. सिवान जंक्शन से लेकर ग्वालियर तक सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच हुई है. बता दें कि चार माह पहले सिवान जंक्शन पर एक ट्रेन से जीआरपी स्टाफ साबिर मिया को बारूद से भरा झोला मिला था. जिसमे विस्फोटक सामग्रियां भरी थी. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि 22 मार्च 2023 की सुबह ट्रेन नंबर 11123 डाउन जो ग्वालियर से चलकर बरौनी तक जाती है उसमें विस्फोटक बरामद सामाग्री बरामद की गई थी.
ट्रेन में कपड़े के झोले में विस्फोटक: सिवान जक्शन पर ड्यूटी पर तैनात एक जीआरपी का सीपाही ट्रेन में पहुंचा जहां कई डब्बों की जांच करने के बाद वो ट्रेन के जनरल डब्बे के बाथरूम के दरवाजे के पास गया. वहां जीआरपी पुलिस को कपड़े के झोले में कुछ रखा हुआ दिखाई दिया. उसने काफी पूछताछ की के यह झोला किसका है लेकिन वहां पर मौजूद यात्रियों में किसी ने कुछ भी नहीं बताया. तब जीआरपी सीपाही ने वह झोला लाकर अपने चौकी के अंदर ही टांग दिया और फिर अपने काम पर चला गया.
पुलिस चौकी में बम निरोधक दस्ता: करीब तीन घण्टे के बाद जब पुलिस चौकी में बड़ा बाबू आए तो उन्होंने उसे टंगा हुआ झोला देखा तो पूछा कि यह क्या है. तो उन्हें बताया कि कोई लावारिस झोला था इसलिए इसको जब्त कर लाया गया है. जब खोल कर झोला देखा गया तो पूरे जीआरपी महकमे में अफरातफरी मंच गई. रेलवे के बड़े अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. आनन-फानन में रात के करीब 12 बजे बम निरोधक दस्ता बुलाया गया तब जाकर विस्फोटक बारूद को कब्जे में लेकर सुरक्षित जगह रखा गया. जिसको दो दिन बाद सुनसान इलाके में लेजाकर डिस्ट्रॉय कर दिया गया था.
क्या कहते हैं जीआरपी थाना प्रभारी: बता दें कि इस विस्फोटक सामग्री में किसी संदिग्ध की पहचान नहीं हो सकी थी. जिसे लेकर सिवान जक्शन से ग्वालियर तक सभी सीसीटीवी कमरों की जांच की गई है. इस पूरे मामले पर सिवान जीआरपी थानाध्यक्ष ने बताया कि विस्फोटक बारूद मामले पर मुजफ्फपुर एसपी रेल डॉ कुमार आशीष के द्वारा जांच टीम का गठन किया गया था. जो सिवान से लेकर ग्वालियर तक सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच कर रही है, इसमें अभी तक कोई उपलब्धि हासिल नहीं हुई है.
"विस्फोटक बारूद मामले पर मुजफ्फपुर एसपी रेल डॉ कुमार आशीष के द्वारा जांच टीम बनाई गई थी. जो सिवान से लेकर ग्वालियर तक सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच कर रही है, इसमें मामले में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है."-थानाध्यक्ष, जीआरपी, सिवान