सिवानः बिहार के सिवान में चुनाव आयोग (Election Commission Action In Siwan) ने बड़ी कार्रवाई की है. आयोग ने बीजेपी के पूर्व विधायक व्यासदेव प्रसाद (Former BJP MLA Vyas Dev Prasad) पर तीन साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दिया है. सूत्रों के मुताबिक आयोग द्वारा भेजी गई नोटिस के बावजूद भी पूर्व एमएलए ने चुनाव में खर्च का डिटेल जमा नहीं किया, जिसके बाद उन पर ये कार्रवाई हुई है.
ये भी पढ़ेंः RJD समेत कई दलों ने चुनाव आयोग को अबतक नहीं सौंपा बिहार चुनाव खर्च का ब्यौरा, ADR ने की कार्रवाई की सिफारिश
निर्वाचन आयोग ने लिया कड़ा फैसलाः सिवान सदर के 105 विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के कद्दावर नेता और लगातार तीन बार विधायक रह चुके व्यासदेव प्रसाद अब अगले 3 साल तक भारत के किसी भी कोने में विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा व विधान परिषद का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. भारत निर्वाचन आयोग ने बाकायदा यह कड़ा फैसला लिया है. दरअसल पूर्व भाजपा विधायक व्यासदेव प्रसाद पर यह आरोप गठित है कि उन्होंने आयोग के द्वारा लगातार तीन बार नोटिस भेजने के बावजूद भी चुनाव में खर्च का ब्यौरा जमा नहीं कराया, जिसके बाद आयोग को ये फैसला लेना पड़ा.
आयोग को नहीं दिया खर्च का ब्योराः इस पूरे मामले पर जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी सोहेल अहमद ने बताया कि चुनाव संचालन के अधिनियम के तहत सिवान सदर से 2020 में प्रत्याशी रहे व्यासदेव प्रसाद पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है. ये कार्रवाई जिला निर्वाचन के प्रतिवेदन पर होती है. पूर्व विधायक द्वारा नोटिस के बाद भी खर्च का ब्योरा आयोग को जमा नहीं कराया गया है.
3 टर्म तक विधायक रह चुके हैं व्यासदेव प्रसादः आपको बता दें कि पूर्व भाजपा विधायक 3 टर्म तक विधयक रह चुके हैं. जिले की सदर सीट पर 15 साल तक व्यासदेव प्रसाद का कब्जा रहा. वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के अवध बिहार चौधरी वर्तमान समय में बिहार विधानसभा अध्यक्ष सिवान से दो बार सांसद रहे. उन्होंने बीजेपी के ओमप्रकाश यादव को मात दी थी और जीत दर्ज की थी.
ये भी पढ़ेः समस्तीपुर: दूसरे चरण के चुनाव से पहले उम्मीदवारों को देना होगा का खर्च का ब्योरा