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नहीं रहे सिवान के चंदा बाबू, बेटों की हत्या के दोषी शहाबुद्दीन को भेजवाया था जेल

शहाबुद्दीन को जेल भेजवाने वाले सिवान के चर्चित चंदा बाबू की मौत हो गई. चंदा बाबू पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और घर पर ही रहते थे.

Chanda Babu
Chanda Babu
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Published : Dec 17, 2020, 9:44 AM IST

Updated : Dec 17, 2020, 9:55 AM IST

सिवान: चर्चित तेजाब कांड में अपने दो बेटों को गंवाने वाले और आरजेडी के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को जेल भेजवाने वाले चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू का निधन हो गया. बड़हरिया स्टैंड स्थित अपने आवास पर देर शाम उन्होंने अंतिम सांस ली. बताया जा रहा है कि चंदा बाबू पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे.

अचानक तबीयत हुई खराब
अचानक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. चंदा बाबू की मौत की सूचना मिलते ही उनके आवास पर काफी संख्या में नेताओं सहित अन्य लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. सभी लोग उनके दिव्यांग पुत्र को सांत्वना दे रहे थे.

2004 में दोनों बेटों की हुई थी हत्या
16 अगस्त 2004 को चंद्रकेश्वर प्रसाद के दोनों बेटे गिरीश और सतीश की तेजाब से नहला कर हत्या कर दी गई थी. 16 जून 2015 को उनके बड़े बेटे और दोनों भाइयों की हत्या का चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. हत्या की इस घटना के महज 18 दिन पहले ही राजीव की शादी हुई थी. वर्षों तक चंदा बाबू केस लड़ते रहे और आखिकार शहाबुद्दीन को जेल जाना पड़ा.

सिवान: चर्चित तेजाब कांड में अपने दो बेटों को गंवाने वाले और आरजेडी के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को जेल भेजवाने वाले चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू का निधन हो गया. बड़हरिया स्टैंड स्थित अपने आवास पर देर शाम उन्होंने अंतिम सांस ली. बताया जा रहा है कि चंदा बाबू पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे.

अचानक तबीयत हुई खराब
अचानक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. चंदा बाबू की मौत की सूचना मिलते ही उनके आवास पर काफी संख्या में नेताओं सहित अन्य लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. सभी लोग उनके दिव्यांग पुत्र को सांत्वना दे रहे थे.

2004 में दोनों बेटों की हुई थी हत्या
16 अगस्त 2004 को चंद्रकेश्वर प्रसाद के दोनों बेटे गिरीश और सतीश की तेजाब से नहला कर हत्या कर दी गई थी. 16 जून 2015 को उनके बड़े बेटे और दोनों भाइयों की हत्या का चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. हत्या की इस घटना के महज 18 दिन पहले ही राजीव की शादी हुई थी. वर्षों तक चंदा बाबू केस लड़ते रहे और आखिकार शहाबुद्दीन को जेल जाना पड़ा.

Last Updated : Dec 17, 2020, 9:55 AM IST
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