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सिवान में 2 नवजात समेत प्रसूता की मौत, परिजनों का आरोप- डॉक्टर की गैरमौजूदगी मौत का कारण

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Published : Jul 10, 2022, 8:06 AM IST

Updated : Jul 10, 2022, 8:45 AM IST

सिवान के जामो थाना क्षेत्र निवासी अनिल यादव की पत्नी कृष्णावती देवी को प्रसव पीड़ा हुआ. जिसके बाद परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे. अस्पताल में डॉक्टर की अनुपस्थिति में नर्सों ने डिलीवरी कराई. उसके बाद डॉक्टर पहुंचा. वहीं इलाज के दौरान महिला समेत दोनों नवजात की मौत (Woman Died In Siwan) हो गई. पढ़ें पूरी खबर...

सिवान
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सिवान: बिहार के सिवान में नवजात समेत मां की मौत (Maternity Death in Siwan) हो गई. जिले के जामो थाना क्षेत्र से सदर अस्पताल में प्रसूता को डिलीवरी के लिए लाया गया था. अस्पताल में पहुंचने पर वहां से डॉक्टर गायब था. वहीं ज्यादा लेवर पेन होने की वजह से अस्पताल में मौजूद नर्स ने नार्मल डिलीवरी कराया. उसके बाद डॉक्टर अस्पताल पहुंचा और इलाज शुरू किया, तब तक जच्चे और बच्चे की मौत हो गई.

ये भी पढ़ें: नाबालिग नौकरानी का शिक्षक ने किया यौन शोषण, प्रेगनेंट हुई तो घर में कराया प्रसव, मौत

दरअसल, जिले के खोरीपाकर जद्दी निवासी कृष्णावती देवी पति (अनिल यादव) के परिजनों ने बताया कि प्रसूता को प्रसव पीड़ा से तड़पते देख सदर अस्पताल में डिलीवरी के लिए लाया गया था. जब इसे लेकर अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि यहां डॉक्टर मौजूद नही है. वहां मौजूद नर्सों ने महिला की हालत गम्भीर होते देख गाड़ी में ही महिला का नार्मल डिलीवरी कराया. वहीं डिलीवरी के बाद डॉक्टर पहुंचे और महिला का इलाज शुरू किया. वहीं महिला की इलाज के दौरान ही मौत हो गयी. जानकारी यह भी मिली है कि प्रसूता के पहले से ही तीन बच्चे थे.

महिला ने दो बच्चों को दिया था जन्म: सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने बताया कि ड्यूटी पर डॉक्टर तैनात नहीं थे. जिसके कारण नर्सों ने किसी तरह नॉर्मल डिलीवरी कराया, जिसमें दो शिशुओं का जन्म हुआ था. वहीं डॉक्टर की लापरवाही के कारण दोनों नवजात के साथ प्रसूता की भी मौत हो गई.

तीन दिन पहले दिखा कर गए थे परिजन: वहीं नवजात बच्चों के साथ ही उसकी मां की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने कहा कि अस्पताल में सही समय पर अगर डॉक्टर रहते तो प्रसूता समेत बच्चे की जान बच सकती थी. वहीं परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने बताया था कि महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन मात्र 4 ग्राम है. इसके शरीर में खून चढ़ाने की जरुरत है. जिसके बाद एक यूनिट खून भी चढ़वाया गया था. उसके बाद डॉक्टर ने सबकुछ सही बताया था. जब परिजनों ने डॉक्टर से डिलीवरी का समय पूछा तब डॉक्टर ने कहा था कि समय होने पर सदर अस्पताल लेकर चले आना उसके बाद डिलीवरी सही से हो जाएगा.

अस्पताल से गायब डॉक्टर: वहीं प्रसूता को लेवर पेन शुरु होने के बाद अस्पताल लेकर आये तो सदर अस्पताल में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे, जो प्रसूता की अत्यधिक प्रसव पीड़ा को देखते हुए डिलीवरी करा सके. महिला की मौत के बाद सदर अस्पताल कर्मियों ने बताया कि महिला बहुत ही गम्भीर गैसपिंग की स्थिति में आ गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई.

बगहा: झोला छाप डॉक्टर ने ली जच्चे और बच्चे की जान, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया हंगामा

सिवान: बिहार के सिवान में नवजात समेत मां की मौत (Maternity Death in Siwan) हो गई. जिले के जामो थाना क्षेत्र से सदर अस्पताल में प्रसूता को डिलीवरी के लिए लाया गया था. अस्पताल में पहुंचने पर वहां से डॉक्टर गायब था. वहीं ज्यादा लेवर पेन होने की वजह से अस्पताल में मौजूद नर्स ने नार्मल डिलीवरी कराया. उसके बाद डॉक्टर अस्पताल पहुंचा और इलाज शुरू किया, तब तक जच्चे और बच्चे की मौत हो गई.

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दरअसल, जिले के खोरीपाकर जद्दी निवासी कृष्णावती देवी पति (अनिल यादव) के परिजनों ने बताया कि प्रसूता को प्रसव पीड़ा से तड़पते देख सदर अस्पताल में डिलीवरी के लिए लाया गया था. जब इसे लेकर अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि यहां डॉक्टर मौजूद नही है. वहां मौजूद नर्सों ने महिला की हालत गम्भीर होते देख गाड़ी में ही महिला का नार्मल डिलीवरी कराया. वहीं डिलीवरी के बाद डॉक्टर पहुंचे और महिला का इलाज शुरू किया. वहीं महिला की इलाज के दौरान ही मौत हो गयी. जानकारी यह भी मिली है कि प्रसूता के पहले से ही तीन बच्चे थे.

महिला ने दो बच्चों को दिया था जन्म: सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने बताया कि ड्यूटी पर डॉक्टर तैनात नहीं थे. जिसके कारण नर्सों ने किसी तरह नॉर्मल डिलीवरी कराया, जिसमें दो शिशुओं का जन्म हुआ था. वहीं डॉक्टर की लापरवाही के कारण दोनों नवजात के साथ प्रसूता की भी मौत हो गई.

तीन दिन पहले दिखा कर गए थे परिजन: वहीं नवजात बच्चों के साथ ही उसकी मां की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने कहा कि अस्पताल में सही समय पर अगर डॉक्टर रहते तो प्रसूता समेत बच्चे की जान बच सकती थी. वहीं परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने बताया था कि महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन मात्र 4 ग्राम है. इसके शरीर में खून चढ़ाने की जरुरत है. जिसके बाद एक यूनिट खून भी चढ़वाया गया था. उसके बाद डॉक्टर ने सबकुछ सही बताया था. जब परिजनों ने डॉक्टर से डिलीवरी का समय पूछा तब डॉक्टर ने कहा था कि समय होने पर सदर अस्पताल लेकर चले आना उसके बाद डिलीवरी सही से हो जाएगा.

अस्पताल से गायब डॉक्टर: वहीं प्रसूता को लेवर पेन शुरु होने के बाद अस्पताल लेकर आये तो सदर अस्पताल में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे, जो प्रसूता की अत्यधिक प्रसव पीड़ा को देखते हुए डिलीवरी करा सके. महिला की मौत के बाद सदर अस्पताल कर्मियों ने बताया कि महिला बहुत ही गम्भीर गैसपिंग की स्थिति में आ गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई.

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Last Updated : Jul 10, 2022, 8:45 AM IST
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