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सिवान में एक शख्स की संदिग्ध मौत.. दो ने गंवाई आंखों की रौशनी, जहरीली शराब पीने की आशंका

सिवान में जहरीली शराब (Poisonous liquor in Siwan) पीने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोगों की आंखों की रौशनी चली गई. पुलिस जहरीली शराब से मौत होने से इनकार कर रही है. परिजन भी कानूनी कार्रवाई के डर से शराब से मौत की घटना से इनकार कर रहे हैं. गांव वालों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि शख्स की मौत जहरीली शराब पीने से ही हुई है.

सिवान में जहरीली शराब
सिवान में जहरीली शराब
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Published : Apr 3, 2022, 9:06 PM IST

सिवान: बिहार के सिवान में जहरीली शराब से मौत (Death due to Poisonous Liquor in Siwan) का मामला सामने आया है. यही नहीं दो से ज्यादा लोगों की आंखों की रोशनी जाने की भी बात सामने आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक का नाम सलाऊ उर्फ लंगड़ा है, जो पचरूखी थाना क्षेत्र के भाटी टोला का रहने वाला था. जिसकी शराब पीने से मौत बताई जा रही है. वहीं, दो अन्य लोगों की आंखों की रोशनी चली गई.

ये भी पढ़ें- भागलपुर में युवक की संदिग्ध मौत.. 2 की हालत गंभीर, जहरीली शराब पीने की आशंका

जहरीली शराब से मौत: मृतक सलाऊ उर्फ लंगड़ा के परिजनों का कहना है कि पेट में दर्द और उल्टी होने के बाद उसे डॉक्टर को दिखाया गया, जिसके थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई. वहीं, गांव वालों का कहना है कि शराब पीने के बाद उसको उल्टी हुई, फिर पेट में दर्द और तबीयत ज्यादा खराब होने लगी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. हालांकि, परिजन कार्रवाई के डर से शराब की बात से इनकार कर रहे हैं.

शराब पीने से गई आंखों की रोशनी: आंख की रोशनी गंवाने वाले केदार साह के परिजनों ने रविवार को शहर के एक निजी चिकित्सक के यहां आंख का इलाज कराया था. पहले से मूक बाधिर होने की वजह से वह बोल नहीं सकता है. परिजनों ने बताया कि शनिवार को काफी मात्रा में शराब पीने के बाद उसकी आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगी. जिससे वह अब देख नहीं पा रहा है. परिजनों ने बताया कि एक अन्य व्यक्ति सत्येंद्र महतो की भी शराब पीने से आंखों की रोशनी कम हो गई थी, लेकिन इससे सत्येंद्र ने इनकार किया है. जबकि गांव वालों की बातों पर अगर यकीन किया जाए तो सत्येंद्र महतो गांव में लम्बे समय से शराब बेचता है.

शराब पीने से एक की मौत और दो लोगों की आंखों की रोशनी जाने की बात पर पचरूखी थानाध्यक्ष ने इससे इनकार किया है. सवाल यह है कि कार्रवाई के डर से परिजन नहीं बता रहे हैं. वहीं, गांव वालों का कहना है कि शराब से मौत और आंखों की रोशनी गई है, लेकिन गांव वाले सामने नहीं आना चाहते हैं, तो कैसे समाज से शराब को दूर किया जाएगा. जिसमें बिहार सरकार करोड़ों रूपये खर्च कर शराब बंदी को सफल बनाने में जुटी हुई है, हालांकि यह सब जांच का विषय है.

ये भी पढ़ें- शराबबंदी कानून में संशोधन: BJP ने किया स्वागत तो बोले मांझी- आखिरकार सरकार ने खामियों को महसूस किया

बिहार में पूर्ण शराबबंदी के 6 साल: बता दें कि बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए 6 साल बीत चुके हैं. इन 6 सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी कानून तोड़ने की खबर ना आई हो. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. होली पर जहरीली शराब पीने से अलग-अलग जिलों में अब तक 40 से ज्यादा मौत हो चुकी हैं. इनमें कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.

नोट- अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री या उपभोग की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर कॉल कर शिकायत करें.

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सिवान: बिहार के सिवान में जहरीली शराब से मौत (Death due to Poisonous Liquor in Siwan) का मामला सामने आया है. यही नहीं दो से ज्यादा लोगों की आंखों की रोशनी जाने की भी बात सामने आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक का नाम सलाऊ उर्फ लंगड़ा है, जो पचरूखी थाना क्षेत्र के भाटी टोला का रहने वाला था. जिसकी शराब पीने से मौत बताई जा रही है. वहीं, दो अन्य लोगों की आंखों की रोशनी चली गई.

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जहरीली शराब से मौत: मृतक सलाऊ उर्फ लंगड़ा के परिजनों का कहना है कि पेट में दर्द और उल्टी होने के बाद उसे डॉक्टर को दिखाया गया, जिसके थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई. वहीं, गांव वालों का कहना है कि शराब पीने के बाद उसको उल्टी हुई, फिर पेट में दर्द और तबीयत ज्यादा खराब होने लगी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. हालांकि, परिजन कार्रवाई के डर से शराब की बात से इनकार कर रहे हैं.

शराब पीने से गई आंखों की रोशनी: आंख की रोशनी गंवाने वाले केदार साह के परिजनों ने रविवार को शहर के एक निजी चिकित्सक के यहां आंख का इलाज कराया था. पहले से मूक बाधिर होने की वजह से वह बोल नहीं सकता है. परिजनों ने बताया कि शनिवार को काफी मात्रा में शराब पीने के बाद उसकी आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगी. जिससे वह अब देख नहीं पा रहा है. परिजनों ने बताया कि एक अन्य व्यक्ति सत्येंद्र महतो की भी शराब पीने से आंखों की रोशनी कम हो गई थी, लेकिन इससे सत्येंद्र ने इनकार किया है. जबकि गांव वालों की बातों पर अगर यकीन किया जाए तो सत्येंद्र महतो गांव में लम्बे समय से शराब बेचता है.

शराब पीने से एक की मौत और दो लोगों की आंखों की रोशनी जाने की बात पर पचरूखी थानाध्यक्ष ने इससे इनकार किया है. सवाल यह है कि कार्रवाई के डर से परिजन नहीं बता रहे हैं. वहीं, गांव वालों का कहना है कि शराब से मौत और आंखों की रोशनी गई है, लेकिन गांव वाले सामने नहीं आना चाहते हैं, तो कैसे समाज से शराब को दूर किया जाएगा. जिसमें बिहार सरकार करोड़ों रूपये खर्च कर शराब बंदी को सफल बनाने में जुटी हुई है, हालांकि यह सब जांच का विषय है.

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बिहार में पूर्ण शराबबंदी के 6 साल: बता दें कि बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए 6 साल बीत चुके हैं. इन 6 सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी कानून तोड़ने की खबर ना आई हो. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. होली पर जहरीली शराब पीने से अलग-अलग जिलों में अब तक 40 से ज्यादा मौत हो चुकी हैं. इनमें कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.

नोट- अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री या उपभोग की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर कॉल कर शिकायत करें.

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