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सिवान: 'मौत का पुल' पार करने को मजबूर हैं लोग, सरकार नहीं दे रही ध्यान

सिवान के दाहा नदी पर बना पुल लोगों की जान का मुसीबत बन गया है. इस पुल से लोगों के गुजरते वक्त हर वक्त जान जाने के डर बना रहता है.

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Published : Feb 21, 2020, 6:26 PM IST

सिवान: जिले के सिवान रेलवे स्टेशन और कचहरी स्टेशन के बीच दाहा नदी पर बना रेलवे का पुल लोगों की जान का खतरा बनता जा रहा है. नया किला नवलपुर से कचहरी स्टेशन जाने के लिए लोग इस पुल का प्रयोग करते हैं. कोई दूसरा रास्ता नहीं होने के कारण लोगों को इस भयानक रेल पुल का सहारा लेना पड़ता है. जिससे लोगों की जान जाने की डर बना रहता है.

दरअसल, दाहा नदी पर बना पुल एक तरह से रेल ट्रैक है. जहां से ट्रेनें गुजरती हैं. वहीं, आसपास के लोगों के लिए भी दूसरा सहारा है. इसका कारण है कि प्रशासन और सरकार की ओर से यहां एक भी अलग रास्ता नहीं बनाया गया है. जिससे लोग अपना रास्ता बदल सके. इस पुल से गुजरते वक्त लोगों की जान हलक में अटकी रहती है.

siwan
जान जोखिम में डाल पुर पार कर रहे छात्र

'हर वक्त सताता मौत का डर'
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल रही है. उन्होंने ये भी कहा कि जब भी पुल से रास्ता क्रॉस करते हैं, तब-तब मौत का डर लगा रहता है.

सिवान से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

छात्राओं की बढ़ी परेशानी
बता दें कि अभी मैट्रिक का परीक्षा चल रही है. इसमें सबसे ज्यादा छात्राओं को परेशानी हो रही है. छात्राओं का कहना है कि रोजाना जान जोखिम में डालकर पुल पार करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पुल पार करते वक्त सामने से ट्रेन न आ जाए, इस बात का डर बना रहता है.

2018 में हुई 4 लोगों की मौत
मालूम हो कि इस पुल पर 4 लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो चुकी है. फरवरी 2018 में एक साथ 4 लोगों की कटकर मौत हुई थी. जबकि 7 लोगों ने पुल से कूदकर अपनी जान बचाई.

सिवान: जिले के सिवान रेलवे स्टेशन और कचहरी स्टेशन के बीच दाहा नदी पर बना रेलवे का पुल लोगों की जान का खतरा बनता जा रहा है. नया किला नवलपुर से कचहरी स्टेशन जाने के लिए लोग इस पुल का प्रयोग करते हैं. कोई दूसरा रास्ता नहीं होने के कारण लोगों को इस भयानक रेल पुल का सहारा लेना पड़ता है. जिससे लोगों की जान जाने की डर बना रहता है.

दरअसल, दाहा नदी पर बना पुल एक तरह से रेल ट्रैक है. जहां से ट्रेनें गुजरती हैं. वहीं, आसपास के लोगों के लिए भी दूसरा सहारा है. इसका कारण है कि प्रशासन और सरकार की ओर से यहां एक भी अलग रास्ता नहीं बनाया गया है. जिससे लोग अपना रास्ता बदल सके. इस पुल से गुजरते वक्त लोगों की जान हलक में अटकी रहती है.

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जान जोखिम में डाल पुर पार कर रहे छात्र

'हर वक्त सताता मौत का डर'
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल रही है. उन्होंने ये भी कहा कि जब भी पुल से रास्ता क्रॉस करते हैं, तब-तब मौत का डर लगा रहता है.

सिवान से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

छात्राओं की बढ़ी परेशानी
बता दें कि अभी मैट्रिक का परीक्षा चल रही है. इसमें सबसे ज्यादा छात्राओं को परेशानी हो रही है. छात्राओं का कहना है कि रोजाना जान जोखिम में डालकर पुल पार करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पुल पार करते वक्त सामने से ट्रेन न आ जाए, इस बात का डर बना रहता है.

2018 में हुई 4 लोगों की मौत
मालूम हो कि इस पुल पर 4 लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो चुकी है. फरवरी 2018 में एक साथ 4 लोगों की कटकर मौत हुई थी. जबकि 7 लोगों ने पुल से कूदकर अपनी जान बचाई.

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