ETV Bharat / state

बेगूसरायः सदर अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही ने ली 2 मासूम बच्चों की जान

परिजनों ने आरोप लगाया कि जब सुबह डॉक्टर मरीजों के निरीक्षण के लिए आए, तो मुकेश मलिक के पुत्र रवि किशन की गम्भीर हालत को देखकर, डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर कर अपना पल्ला झाड़ लिया.

डॉक्टरों की लापरवाही
author img

By

Published : Sep 14, 2019, 3:24 PM IST

बेगूसरायः जिले के सदर अस्पताल की कुव्यवस्था ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है. डायरिया से एक के बाद एक दो बच्चों की मौत ने सदर अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अस्पताल में डॉक्टरों के इलाज में लापरवाही से एक बच्चे की मौत हो गई.

begusarai
सदर अस्पताल

इलाज नहीं होने से बच्ची की हुई मौत
दरअसल नाव कोठी थाना क्षेत्र के महेश बारा निवासी मुकेश मलिक के पुत्र एवं पुत्री की हालत बीती रात बिगड़ने लगी. दोनों बच्चों को दस्त और उल्टी होने लगी थी. जिसके बाद परिजनों ने दोनों बच्चों को सदर अस्पताल लाया. जहां परिजन घंटों अस्पताल में भटकते रहे, तब जाकर बच्चों को एडमिट किया गया और इलाज के नाम पर सिर्फ एक बोतल पानी चढ़ाया गया. परिणाम यह रहा कि मुकेश मलिक की पुत्री जुली कुमारी की मौत हो गई.

begusarai
बच्चे की मां

डॉक्टरों ने मरीज को रेफर कर झाड़ा पल्ला
वहीं, परिजनों ने आरोप लगाया कि जब सुबह डॉक्टर मरीजों के निरीक्षण के लिए आए, तो मुकेश मलिक के पुत्र रवि किशन की गम्भीर हालत को देखकर, डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर कर अपना पल्ला झाड़ लिया. लेकिन रेफर करने के बाद ना तो मरीज को एंबुलेंस मुहैया कराई गई और ना ही किसी अन्य प्रकार की सुविधा दी गई. थक हार कर परिजन इलाज के लिए बच्चे को बाइक से ही ले गए.

डॉक्टरों की लापरवाही ने ली, दो मासूम बच्चों की जान

सदर अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही
यदि ऐसे मामले सामने आएंगे तो सवाल उठना भी लाजमी है क्योंकि बेगूसराय सदर अस्पताल पूरे देश के नामी अस्पतालों में से एक है और बेगूसराय सदर अस्पताल को पूर्व में पुरस्कार भी दिया जा चुका है. लेकिन सुविधा की दृष्टिकोण से देखा जाए तो डायरिया जैसे आम बीमारी का इलाज भी बेगूसराय सदर अस्पताल में संभव नहीं है. अब इसे डॉक्टर की लापरवाही कहा जाए या प्रबंधन की कमजोरी कि एक परिवार अपने बच्चे के इलाज के लिए भटकता रहा और अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस सिर्फ अस्पताल की शोभा बढ़ाती रही.

बेगूसरायः जिले के सदर अस्पताल की कुव्यवस्था ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है. डायरिया से एक के बाद एक दो बच्चों की मौत ने सदर अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अस्पताल में डॉक्टरों के इलाज में लापरवाही से एक बच्चे की मौत हो गई.

begusarai
सदर अस्पताल

इलाज नहीं होने से बच्ची की हुई मौत
दरअसल नाव कोठी थाना क्षेत्र के महेश बारा निवासी मुकेश मलिक के पुत्र एवं पुत्री की हालत बीती रात बिगड़ने लगी. दोनों बच्चों को दस्त और उल्टी होने लगी थी. जिसके बाद परिजनों ने दोनों बच्चों को सदर अस्पताल लाया. जहां परिजन घंटों अस्पताल में भटकते रहे, तब जाकर बच्चों को एडमिट किया गया और इलाज के नाम पर सिर्फ एक बोतल पानी चढ़ाया गया. परिणाम यह रहा कि मुकेश मलिक की पुत्री जुली कुमारी की मौत हो गई.

begusarai
बच्चे की मां

डॉक्टरों ने मरीज को रेफर कर झाड़ा पल्ला
वहीं, परिजनों ने आरोप लगाया कि जब सुबह डॉक्टर मरीजों के निरीक्षण के लिए आए, तो मुकेश मलिक के पुत्र रवि किशन की गम्भीर हालत को देखकर, डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर कर अपना पल्ला झाड़ लिया. लेकिन रेफर करने के बाद ना तो मरीज को एंबुलेंस मुहैया कराई गई और ना ही किसी अन्य प्रकार की सुविधा दी गई. थक हार कर परिजन इलाज के लिए बच्चे को बाइक से ही ले गए.

डॉक्टरों की लापरवाही ने ली, दो मासूम बच्चों की जान

सदर अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही
यदि ऐसे मामले सामने आएंगे तो सवाल उठना भी लाजमी है क्योंकि बेगूसराय सदर अस्पताल पूरे देश के नामी अस्पतालों में से एक है और बेगूसराय सदर अस्पताल को पूर्व में पुरस्कार भी दिया जा चुका है. लेकिन सुविधा की दृष्टिकोण से देखा जाए तो डायरिया जैसे आम बीमारी का इलाज भी बेगूसराय सदर अस्पताल में संभव नहीं है. अब इसे डॉक्टर की लापरवाही कहा जाए या प्रबंधन की कमजोरी कि एक परिवार अपने बच्चे के इलाज के लिए भटकता रहा और अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस सिर्फ अस्पताल की शोभा बढ़ाती रही.

Intro:बेगूसराय सडर अस्पताल की कुब्यवस्था ने स्वास्थ्य ब्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है और डायरिया से एक के बाद एक दो बच्चों की मौत ने सदर अस्पताल की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
एक रिपोर्टBody:बेगूसराय में सदर अस्पताल प्रबंधन की संवेदनहीनता एक बार फिर देखने को मिली जब डायरिया से आक्रांत एक बच्चे को रेफर करने के बाद ना तो उसको एंबुलेंस मुहैया कराया गया और ना ही उसका समुचित इलाज हो सका। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में डॉक्टरों के द्वारा इलाज में लापरवाही की वजह से एक बच्चे की मौत हुई है वही दूसरे की हालत गंभीर बनी हुई थी जिसकी दूसरे निजी अस्पताल पहुचने से पहले मौत हो गयी। थक हार कर परिजन मोटरसाइकिल से ही अपने बच्चे को दूसरी जगह इलाज कराने के लिए ले गए और लोग तमाशबीन बने देखते रहे ।

वहीं डायरिया से आक्रांत दूसरे बच्चे रवि किशन की निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान मौत हो गई । रवि किशन के बहन की आज सुबह ही सदर अस्पताल मौत हो चुकी है। । क्याहै पूरा मामला एक रिपोर्ट
भी ओ- दरअसल नाव कोठी थाना क्षेत्र के महेश बारा निवासी मुकेश मलिक के पुत्र एवं पुत्री की हालत बीती रात बिगड़ने लगी। दोनों बच्चों को दस्त और उल्टी की शिकायत थी । परिजनों के द्वारा दोनों बच्चों को सदर अस्पताल लाया गया जहां परिजन घंटों अस्पताल में भटकते रहे तब जाकर बच्चों को एडमिट किया गया और इलाज के नाम पर सिर्फ एक बोतल पानी चढ़ाया गया । परिणाम यह रहा कि मुकेश मलिक की पुत्री जुली कुमारी की मौत आज सवेरे हो गई।
बाईट- बच्चे की मां
भी ओ- वहीं परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब सवेरे डॉक्टर मरीजों के निरीक्षण के लिए आए तो मुकेश मलिक के पुत्र रवि किशन की हालत को देखकर डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर कर अपना पल्ला झाड़ लिया । लेकिन रेफर करने के बाद ना तो मरीज को एंबुलेंस मुहैया कराई गई और ना ही किसी अन्य प्रकार की सुविधा दी गई । थक हार कर परिजन इलाज के लिए बच्चे को बाइक से ही लेकर चले गए ।
बाइट- मुकेश मलिक- पिता
फाइनल भी ओ- ऐसे मामले सामने आएंगे तो सवाल उठना भी लाजमी है क्योंकि बेगूसराय सदर अस्पताल पूरे देश के नामचीन अस्पतालों में से एक है और बेगूसराय सदर अस्पताल को पूर्व में पुरस्कार भी दिया जा चुका है । लेकिन सुविधा की दृष्टिकोण से देखा जाए तो डायरिया जैसे आम बीमारी का इलाज भी बेगूसराय सदर अस्पताल में संभव नहीं है। अब इसे डॉक्टर की लापरवाही कहा जाए या प्रबंधन की कमजोरी कि एक परिवार अपने बच्चे के इलाज के लिए भटकता रहा और अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस सिर्फ अस्पताल की शोभा बढ़ाती रही। वजह जो भी हो लेकिन आज समुचित इलाज की वजह से एक परिवार ने अपने चिराग को खो दिया
- Conclusion:।।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.