काशीपुर/सिवान: सीमा सुरक्षा बल में मुख्य आरक्षी पद पर तैनात रंजीत सिंह का बीते दिन फरीदाबाद में रेलवे ट्रैक के पास से शव मिला था. आज रंजीत सिंह को उनके पैतृक निवास काशीपुर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. बता दें कि रंजीत सिंह दिल्ली डीजी बीएसएफ के चालक पद पर तैनात थे. रंजीत सिंह 6 भाई-बहनों में तीसरे नंबर के थे. बीते सुबह फरीदाबाद स्थित अपने निवास के पास ही रेलवे ट्रेक के निकट मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. जिसके बाद रेलवे पुलिस को ट्रैक के किनारे उनका शव मिला था.
बीएसएफ जवान रंजीत सिंह को आज सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. इस मौके पर सेक्टर-1 आरके पुरम दिल्ली से आई बीएसएफ की 9 सदस्यीय टीम ने तीन राउंड फायरिंग कर रंजीत सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
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बता दें कि रंजीत सिंह मूलरूप से बिहार के सिवान जिले के ग्राम तिलमापुर निवासी रामायण सिंह के 6 पुत्र-पुत्रियों में तीसरे नंबर के थे. उनके पिता साल 1965 में काशीपुर में आकर बस गए थे. वहीं रंजीत सिंह 1995 में बीएसएफ की 25वीं बटालियन में हजारीबाग में भर्ती हुए थे. रंजीत सिंह की शादी ऋतु सिंह के साथ हुई और वह पुराना फरीदाबाद में अपनी पत्नी, बेटी और बेटे के साथ रह रहे थे.
वह बीएसएफ की 25वीं बटालियन में पिछले साढ़े तीन साल से हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे. अभी वो दिल्ली के सेक्टर-1 आरके पुरम में डीजी के वाहन चालक थे. काशीपुर पहुंचे रंजीत सिंह के सहयोगी एएसआई मिल्लू राम ने बताया कि वह रोजाना सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए जाते थे. बीते रोज सुबह रेलवे ट्रैक के किनारे उनके घायल अवस्था में पड़े होने की सूचना रेलवे पुलिस को मिली. सूचना मिलने पर रेलवे पुलिस फरीदाबाद के बीके हॉस्पिटल में उन्हें ले गई. डॉक्टरों ने रंजीत सिंह को मृत घोषित कर दिया था.