सिवान: सरकार प्रदेश में विकास के बड़े बड़े दावे तो करती है. लेकिन प्रदेश के कई क्षेत्र बुनियादी सुविधाएं के लिए तरस रही है. जिले के एक गांव में आज भी लोग लकड़ी के पुल के सहारे आवागमन करते हैं. इससे यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
मामला जिले से महज 10 किलोमीटर दूर चाप पंचायत स्थित बिंदवल रसूलपुर गांव का है. यहां कई सालों से लोग एक पुल के निर्माण का इंतजार कर रहे हैं. यहां बरसात के दिनों में बच्चे स्कूल तक नहीं जा पाते हैं. इस गांव में बरसात के मौसम में इस पुल से कई हादसे भी हो चुके हैं. लेकिन आज तक इस समस्या के ओर किसी भी प्रतिनिधि का ध्यान तक नहीं है.
'कोई सुनने वाला नहीं है'
ग्रामीणों का कहना है कि यहां कुछ साल पहले गंडक विभाग ने पुल बनाने का काम शुरू किया था. लेकिन पुल का काम आज तक अधूरा ही है. इसको लेकर कई बार प्रतिनिधि सहित अधिकारियों से भी मिल चुके हैं. लेकिन इसके निर्माण को लेकर अब तक कोई पहल नहीं किया गया.
गंडक विभाग के हिस्से में आता है यह पुल
बता दें कि यहां बरसात के दिनों में इस पुल की स्थिति भयानक हो जाती है. इस मौसम में बांस के पुल टूटने से कई बार बच्चे हादसे के शिकार हो जाते हैं. रसूलपुर गांव नहर की वजह से दो हिस्सों में बंटा हुआ है. इस पर पुल निर्माण का जिम्मेवारी गंडक विभाग की हैं. इसलिए कई सालों से इसका निर्माण कार्य रूका हुआ है.