सिवानः बिहार के सिवान में जहरीली शराब से अबतक 10 लोगों की मौत (10 people died due to poisonous liquor in Siwan ) की जानकारी मिली है. इस बाबत मरीजों से मिलने मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा सिवान सदर अस्पताल पहुंचे. अस्पतालों में मरीजों को नहीं देख वह अस्तपालकर्मियों पर खूब भड़के और सत्ता पक्ष को जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि अपनी नाकामी छुपाने के लिए प्रशासन ने मरीजों को घर भेज दिया या फिर रेफर कर दिया. वरना सबको सच पता चल जाता. उन्होंने ने इसका दोषी सरकार को बताया और कहा कि सरकार मौत का सौदागर बन गई है.
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नेता प्रतिपक्ष के आने की सूचना मिलते ही मरीजों को कर दिया डिस्चार्चः मालूम हो कि जिले में जहरीली शराब से मौत से कोहराम मचा हुआ है. मौत के आंकड़ों की अगर बात करे तो आंकड़ा यह दहाई अंक यानी की 10 तक पहुंच गया है. वहीं अभी भी प्रशासन पांच मौत की ही पुष्टि कर रही है. सिवान सदर अस्पताल में जहरीली शराब से बीमार मरीज भर्ती थे. अचानक सूचना मिली के बिहार नेता प्रतिपक्ष सीवान सदर अस्पताल आ रहे है फिर क्या था 10 मिनट के अंदर मरीजों को डिसचार्ज कर दिया गया. इस पर विजय सिन्हा भड़क गए औए अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से बहस भी हुई है.
पाप को छुपा रही सरकारः विजय सिन्हा ने कहा कि यह सरकार और प्रशासन लोगों को बचाने वाली नहीं है. यह सरकार मौत का सौदागर है. यहां आए हैं तो कोई बोल रहा है कि मरीज को डिस्चार्ज कर दिया, कोई बोल रहा है रेफर कर दिये. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जी अपने पाप को कहां छुपाएंगे. इस मामले की जांच कराईये. सरकार नहीं चाहती है कि प्रतिपक्ष सच को जाने और प्रतिपक्ष के माध्यम से पूरी जनता को पता चले. अस्पताल के अंदर घोर अनियमितता है. इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
"अपनी नाकामी छुपाने के लिए प्रशासन ने मरीजों को घर भेज दिया. यह सरकार और प्रशासन लोगों को बचाने वाली नहीं है. सरकार मौत का सौदागर बन गई है. ख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जी अपने पाप को कहां छुपाएंगे. इस मामले की जांच कराईये. सरकार नहीं चाहती है कि प्रतिपक्ष सच को जाने और प्रतिपक्ष के माध्यम से पूरी जनता को पता चले. अस्पताल के अंदर घोर अनियमितता है. इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए" - विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
अस्पताल में घोर अनियमितताः विजय सिन्हा के अस्पताल आने की खबर सुनते ही जिन भर्ती मरीजों को डिस्चार्च किया गया. उनमें जितेंद्र मांझी पिता मोती लाल मांझी, शंकर मांझी पिता मथुरा मांझी,लोरिक मांझी पिता मथुरा मांझी शामिल हैं. इस पर विजय सिन्हा भड़क गए और कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. अस्पताल की स्थिति बद से बदतर है. विजय सिन्हा ने बताया गया कि मरीज सही थे, लेकिन उसको यहां सूई दी गई और वह छटपटा कर मर गया. अस्पताल बीमारी का इलाज के लिए नहीं उसे दबाने के खेल में लगा हुआ है. हमलोगों के आने की जानकारी हुई तो मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया.
सरकार के संरक्षण में हो रहा शराब का खेलः विजय सिन्हा ने कहा कि शराब का खेल प्रशासन के संरक्षण में हो रहा है. अगर इसकी ईमानदारी से समीक्षा होती, तो सब पता चल जाता. इस जिला के ही मुख्य सचिव भी हैं. जंगलराज के समय जो इस जिले की स्थिति थी, वही स्थिति आज भी बनाना चाहते हैं. आज फिर से जिला को अपराधियों के हवाले कर दिये हैं और गुंडाराज स्थापित करना चाहते हैं. यह कतई नहीं होने देंगे. हस्तिनापुर के भ्रष्ट गुलामों को समझना चाहिये कि यह सरकार जाने वाली है और बीजेपी की सरकार आने वाली है. ऐसे भ्रष्ट गुलामों को चिह्नित कर चुन-चुनकर खबर लिया जाएगा. यहां के बगल जिला में सरकार शराब फैक्ट्री के मालिक को उम्मीदवार बनाती है और गरीबों को जेल भेजती है.