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राजेंद्र प्रसाद ने इस आयुर्वेदिक अस्पताल का कराया था निर्माण, खंडहर में हुआ तब्दील

जिले में आयुर्वेदिक चिकित्सालय खंडहर में तब्दील हुआ. वैसे तो यहां इंसानों का अस्पताल था लेकिन अब इसमें गाय,भैंस ही नजर आती हैं.

आयुर्वेदिक अस्पताल
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Published : Mar 17, 2019, 8:56 AM IST



सिवान: देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद के प्रयास से उनकी धर्मपत्नी राजवंशी देवी के नाम पर सिवान जिले में सन 1957 में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निर्माण हुआ था. लेकिन आज यह चिकित्सालय खंडहर में तब्दील हो गया है और अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.


आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक बड़ी महत्वकांक्षी स्वास्थ्य योजना है. जिसके तहत देश भर में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का उद्देश्य है. लेकिन एक समय था जब देश के किसी गांव में अस्पताल होना बड़ी बात मानी जाती थी. उस समय आयुर्वेद पर लोगों का बहुत ज्यादा भरोसा हुआ करता था, सैकड़ों लोग इलाज कराने दूर-दूर से आते थे.

आयुर्वेदिक अस्पताल


सांसद ने लिया है गांव को गोद
समय के साथ देश के सपनों का आयुर्वेदिक अस्पताल भी बदहाल होता चला गया. वैसे तो यहां इंसानों का अस्पताल था लेकिन अब इसमें गाय,भैंस ही नजर आती हैं. इस अस्पताल की दुर्दशा पर किसी जनप्रतिनिधि ने आज तक ध्यान नहीं दिया. वहीं सिवान के वर्तमान सांसद ओम प्रकाश यादव ने जीरादेई गांव को गोद लिया पर अस्पताल का उद्धार नहीं कर पाए. राजेंद्र बाबू के नाम पर जनप्रतिनिधि अपनी राजनीति की शुरुआत करते हैं. आज उस राजेंद्र बाबू की इस यादगार धरोहर को भी संरक्षण की जरूरत है ताकि आयुर्वेदिक अस्पताल में फिर से सेवा शुरू हो सके.



सिवान: देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद के प्रयास से उनकी धर्मपत्नी राजवंशी देवी के नाम पर सिवान जिले में सन 1957 में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निर्माण हुआ था. लेकिन आज यह चिकित्सालय खंडहर में तब्दील हो गया है और अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.


आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक बड़ी महत्वकांक्षी स्वास्थ्य योजना है. जिसके तहत देश भर में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का उद्देश्य है. लेकिन एक समय था जब देश के किसी गांव में अस्पताल होना बड़ी बात मानी जाती थी. उस समय आयुर्वेद पर लोगों का बहुत ज्यादा भरोसा हुआ करता था, सैकड़ों लोग इलाज कराने दूर-दूर से आते थे.

आयुर्वेदिक अस्पताल


सांसद ने लिया है गांव को गोद
समय के साथ देश के सपनों का आयुर्वेदिक अस्पताल भी बदहाल होता चला गया. वैसे तो यहां इंसानों का अस्पताल था लेकिन अब इसमें गाय,भैंस ही नजर आती हैं. इस अस्पताल की दुर्दशा पर किसी जनप्रतिनिधि ने आज तक ध्यान नहीं दिया. वहीं सिवान के वर्तमान सांसद ओम प्रकाश यादव ने जीरादेई गांव को गोद लिया पर अस्पताल का उद्धार नहीं कर पाए. राजेंद्र बाबू के नाम पर जनप्रतिनिधि अपनी राजनीति की शुरुआत करते हैं. आज उस राजेंद्र बाबू की इस यादगार धरोहर को भी संरक्षण की जरूरत है ताकि आयुर्वेदिक अस्पताल में फिर से सेवा शुरू हो सके.

Intro: खंडहर में तब्दील हुआ देश रत्न का आयुर्वेदिक अस्पताल

सिवान।

आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक बड़ी महत्वकांक्षी स्वास्थ्य योजना है. जिसके तहत देश भर में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का उद्देश्य है लेकिन एक समय था जब देश के किसी गांव में अस्पताल होना बड़ी बात मानी जाती थी. देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद के प्रयास से उनकी धर्मपत्नी राजवंशी देवी के नाम पर सिवान जिले में सन 1957 में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निर्माण हुआ था.


Body:उस वक्त आयुर्वेद पर लोगों का बहुत ज्यादा भरोसा हुआ करता था, सैकड़ों लोग ईलाज कराने दूर-दूर से आते थे. समय के साथ देश के सपनों का आयुर्वेदिक अस्पताल भी बदहाल होता चला गया आज यह अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. अब तो आंसू भी सुख गए होंगे. चिकित्सालय खंडहर में तब्दील हो गया है वैसे तो यहां इंसानों का अस्पताल था लेकिन इसमें गाय,भैंस ही नजर आती हैं इस अस्पताल की दुर्दशा पर किसी जनप्रतिनिधि ने आज तक ध्यान नहीं दिया. वही सिवान के वर्तमान सांसद ओम प्रकाश यादव ने इस जीरादेई गांव को गोद लिया पर अस्पताल का उद्धार नहीं कर पाए. राजेंद्र बाबू के नाम पर राजनीति की शुरुआत जनप्रतिनिधि करते हैं उस राजेंद्र बाबू की इस यादगार धरोहर को भी संरक्षण की जरूरत है ताकि आयुर्वेदिक अस्पताल फिर से सेवा में आ सके.


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