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सीवान में 4 नए मरीज कोरोना पॉजिटिव, सैंपल देने के बाद खुलेआम घूमते रहे लोग

लोग आक्रोशित होकर सवाल उठा रहे हैं कि जब संदिग्धों का सैंपल लिया गया. तो उन्हें आइसोलेशन में क्यों नहीं रखा गया. इस पूरे घटनाक्रम से कोरोना को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की गंभीरता सामने आ गई है.

सिवाना
सिवाना
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Published : Apr 1, 2020, 9:50 PM IST

सीवान: जिले में कोरोना के 4 नए मरीजों के सामने आने के बाद सिवान में हड़कंप मच गया है. अब सिवान में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है.

जानकारी के मुताबिक सैंपल देने के बाद ये चारों मरीज खुलेआम घूम रहे थे, जिस कारण से और भी कई लोगों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है.

सीवान में कोरोना के 5 मरीज
इन चार मरीजों में हसनपुरा से 1, दरौली से 1 और बड़हरिया से 2 कोरोना के मरीज हैं. वहीं, इससे पहले 1 कोरोना मरीज़ नौतन के अंगौता से मिला था. जिन लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है वे सभी खाड़ी देशों से आये हैं. खाड़ी देशों से आने के बाद उनके जांच सैंपल लेकर उन्हें छोड़ दिया गया था. जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से गांव वालों में हड़कंप मच गया.

जिला प्रशासन पर सवाल
इस घटना के बाद अब जिला प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं. लोग आक्रोशित होकर सवाल उठा रहे हैं कि जब संदिग्धों का सैंपल लिया गया तो उन्हें आइसोलेशन में क्यों नहीं रखा गया. इस पूरे घटनाक्रम से कोरोना को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की गंभीरता सामने आ गई है.

सिविल सर्जन को नहीं है मामले की जानकारी
वहीं सिविल सर्जन अशेष कुमार को इस पूरे मामले की जानकारी ही नहीं है. पहले तो वो मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इनकार करते रहे लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि अभी तक उन्हें इसकी कोई जानकारी नही है. उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें इसका कोई लेटर नहीं मिला है.

सीवान: जिले में कोरोना के 4 नए मरीजों के सामने आने के बाद सिवान में हड़कंप मच गया है. अब सिवान में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है.

जानकारी के मुताबिक सैंपल देने के बाद ये चारों मरीज खुलेआम घूम रहे थे, जिस कारण से और भी कई लोगों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है.

सीवान में कोरोना के 5 मरीज
इन चार मरीजों में हसनपुरा से 1, दरौली से 1 और बड़हरिया से 2 कोरोना के मरीज हैं. वहीं, इससे पहले 1 कोरोना मरीज़ नौतन के अंगौता से मिला था. जिन लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है वे सभी खाड़ी देशों से आये हैं. खाड़ी देशों से आने के बाद उनके जांच सैंपल लेकर उन्हें छोड़ दिया गया था. जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से गांव वालों में हड़कंप मच गया.

जिला प्रशासन पर सवाल
इस घटना के बाद अब जिला प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं. लोग आक्रोशित होकर सवाल उठा रहे हैं कि जब संदिग्धों का सैंपल लिया गया तो उन्हें आइसोलेशन में क्यों नहीं रखा गया. इस पूरे घटनाक्रम से कोरोना को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की गंभीरता सामने आ गई है.

सिविल सर्जन को नहीं है मामले की जानकारी
वहीं सिविल सर्जन अशेष कुमार को इस पूरे मामले की जानकारी ही नहीं है. पहले तो वो मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इनकार करते रहे लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि अभी तक उन्हें इसकी कोई जानकारी नही है. उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें इसका कोई लेटर नहीं मिला है.

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