सिवान: बिहार के सिवान में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी इंद्राणी किशकु की अदालत में सरेंडर करने आए 4 अभियुक्त जमानत याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट से फरार (4 Accused Absconded From Siwan Court ) हो गये. मंगलवार की शाम छेड़खानी और रंगदारी से जुड़े मामले में चार अभियुक्तों ने पुलिस दबिश के बाद अदालत में सरेंडर किया था. कोर्ट में तैनात पुलिसकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लग रहे हैं. अभियुक्तों की तलाशी में लगातार छापेमारी जारी है.
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मिली जानकारी के अनुसार, चारों अभियुक्तों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने जमानत याचिका खारिज कर कस्टडी मे लेने को कहा. इसी बीच चारों अभियुक्त पुलिस को चकमा देकर कोर्ट से फरार हो गये. इसके बाद अदालत परिसर में अफरातफरी मच गई.
ज्ञात हो कि अदालत परिसर से फरार होने वाले पवन सिंह, मुन्ना सिंह, उपेन्द्र सिंह और प्रिंस सिंह ने अदालत में सरेंडर के साथ ही अपने आप को मामले में निर्दोष बताते हुए अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत की अर्जी दाखिल कराई थी. जमानत अर्जी पर अभियोजन पदाधिकारी एपीओ तथा पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता चंद्रशेखर सिंह ने मामले को गंभीर बताते हुए जमानत याचिका को खारिज करने की अपील की.
अदालत में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बातों को सुनने के बाद मामले को गंभीर पाते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने जमानत की अर्जी को खारिज करते हुए सभी अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश पारित किया. न्यायधीश के द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के बाद सभी अभियुक्तों को पुलिस सुरक्षा में सौंप दिया गया. इसके बाद चारों अभियुक्त पुलिस को चकमा देकर कस्टडी से फरार हो गए. उसके बाद से चारों तरफ ये चर्चा का विषय बना रहा .
इधर, चारो अभियुक्तों के पुलिस कस्टडी के फरार होने के बाद पुलिस के पसीने छूटने शुरू हो गए. परिसर में मौजूद पुलिसकर्मियों ने अभियुक्तों की काफी खोजबीन की लेकिन देर शाम फरार अभियुक्तों के बारे में कहीं भी कोई सुराग नहीं मिल सका. जिस तरीके से अदालत परिसर से चारों अभियुक्त फरार हुए हैं, उससे पुलिस पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं.
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