सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले के परमानंदपुर में बना सुपर पावर ग्रिड चालू (Supergrid built in Sitamarhi ) हो गया है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित (RK Singh inaugurated Supergrid in Sitamarhi ) किया. इस ग्रिड से सीतामढ़ी के अलावा दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर जिले में बिजली आपूर्ति होगी. इसके साथ ही पावरग्रिड सीतामढ़ी उपकेंद्र से नेपाल की पनबिजली परियोजना अरुण-तीन से भी बिजली लेने में सक्षम होगा.
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36 एकड़ भूमि में बना है पावर ग्रिड: मिली जानकारी के अनुसार, 36 एकड़ भूमि में बने इस विद्युत उप केंद्र की कुल लागत 644 करोड़ रुपए है. इसकी ट्रांसफॉरमेशन क्षमता 1400 एमवीए तक है. यह उपकेंद्र 400/220/132 केवी मोतिहारी और दरभंगा उपकेंद्र से जुड़ा है. यह उत्तर बिहार के लिए 400 केवी अंतरराज्यीय प्रणाली का एक एक्स्ट्रा स्रोत प्रदान कर, नेशनल ग्रिड के साथ राज्य की कनेक्टिविटी को मजबूती प्रदान करेगा.
लोगों को 24 घंटे मिलेगी बिजली: केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के उपलब्धियों को देखकर अन्य देश उसका अनुकरण करेंगे. उन्होंने कहा कि जब बिहार में एनडीए की सरकार बनी थी तो बिजली की स्थिति बेहद खराब थी. लेकिन एनडीए की सरकार बनते ही बिहार में बिजली की स्थिति बेहतर हो गई. आने वाले दिनों में बिजली के क्षेत्र में देश को और बेहतर किया जाएगा. प्रदेश में बिजली की कटौती की बात अब पुरानी हो गई है. अब लोगों को 24 घंटे बिजली मिलेगी.
"हमारी सरकार में नये 12 पावर ग्रिड का निर्माण हुआ है. हमने बिहार के लिए 22 हजार करोड़ की योजना स्वीकृत किया है. बिहार के बिजली को आधुनिक बनाने के लिए और राशि दी जाएगी. देश के हर घर मे हमारी सरकार ने बिजली का कनेक्शन दिया. अब हम दूसरे देशों को बिजली देते है. हमारी सरकार ने बिजली का कायाकल्प कर दिया. लोग घर पर सोलर प्लेट लगायें इससे बिजली का बिल कम आएगा. सरकार सोलर प्लेट पर 40 फीसदी की सब्सिडी दे रही है. इसके इस्तेमाल से पर्यावरण में भी सुधार होगा." - आरके सिंह, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री
'एनडीए की सरकार में हुआ विकास': कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार विधान परिषद के उप नेता दिनेश चंद ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह जब बिहार सरकार में पथ निर्माण के सचिव थे तो उन्हीं की देखरेख में बिहार में सड़कों का निर्माण हुआ. एक वक्त था जब सीतामढ़ी से पटना लोग 6 घंटे में जाते थे लेकिन इनकी देखरेख में लोग अब ढाई घंटे में पटना पहुंचना आसान हुआ है. उप नेता ने कहा कि इसी तरह उन्होंने केंद्र में ऊर्जा मंत्री बनकर उर्जा के क्षेत्र में विकास का काम किया है.
सहरसा में भी सुपरग्रिड बनकर तैयार : बता दें कि दूसरा ग्रिड सहरसा में बनकर तैयार हो गया है. बताया जाता है कि 400/220/132 केवी वाले सहरसा उपकेंद्र से पटना एवं किशनगंज ग्रिड स्टेशन को जोड़ा गया है. इससे सहरसा, सुपौल, खगड़िया एवं बेगूसराय जिले में बिजली आपूर्ति की जा रही है. इस परियोजना की कमिशनिंग के बाद इन जिलों मे 1400 एमवीए तक पावर सप्लाई की जा रही है. 391 करोड़ लागत वाले इस ग्रिड सब-स्टेशन के चालू होने के बाद बाद उत्तर बिहार में बिजली की निर्बाध बिजली आपूर्ति हो सकेगी. इस ग्रिड का शिलान्यास 19 जनवरी 2019 को हुआ था.
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