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सीतामढ़ी: मिल प्रबंधन की मनमानी से किसानों में आक्रोश, आंदोलन की दी चेतावनी - sugarcane farmer angry in sitamarhi

किसानों ने बताया कि मिल गेट पर मिल प्रबंधन की ओर से 5 से 7 प्रतिशत की कटौती की जा रही है. वहीं सेंटर पर जो धर्म कांटा लगाया गया है, उसमें  प्रबंधन की ओर से पहले से ही छेड़छाड़ कर वजन कम करने की विधि लगा दी गई है.

sugarcane farmer warn mill administration for protest in sitamarhi
मिल प्रबंधन की मनमानी से किसानों में आक्रोश
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Published : Jan 27, 2020, 5:09 PM IST

Updated : Jan 27, 2020, 5:20 PM IST

सीतामढ़ी: जिले का एकमात्र उद्योग रीगा शुगर मिल प्रबंधन के खिलाफ किसानों में आक्रोश है. मिल प्रबंधन की मनमानी की वजह से किसान परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि मिल प्रबंधन जबरन उनके गन्ने से 5 से 7 प्रतिशत की कटौती कर रहा है, जो कहीं से उचित नहीं है. जो किसान इस कटौती का विरोध करते हैं, उनके गन्ने को तौलने से इंकार कर दिया जाता है और घंटों उनकी गाड़ियां खड़ी कर दी जाती है. इस बात से जिले के किसान काफी आहत हैं और आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.

किसानों ने बताया कि मिल के गेट पर प्रबंधन की ओर से 5 से 7 प्रतिशत की कटौती की जा रही है. वहीं सेंटर पर जो धर्म कांटा लगाया गया है, उसमें प्रबंधन की ओर से पहले से ही छेड़छाड़ कर वजन कम करने की विधि लगा दी गई है. जिसके जरिए प्रत्येक किसान के गन्ने से 2 से 4 प्रतिशत की कटौती खुद हो जाती है.

30 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य
रीगा शुगर मिल से जुड़े सूत्रों का बताना है कि किसानों के गन्ने से जो कटौती की जा रही है, उसके जरिए मिल प्रबंधन करोड़ों का घोटाला करती है. इस पेराई सत्र में मिल प्रबंधन की ओर से 30 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा गया है. इसमें अगर 5 से 7 प्रतिशत की कटौती होती है, तो करीब छह लाख क्विंटल गन्ने की कटौती कर ली जाती है. वहीं सामान्य गन्ने का दर मिल प्रबंधन की ओर से 290 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. इससे 6 लाख क्विंटल गन्ने का मूल्य करीब 1 करोड़ 74 लाख रुपये होता है. जो किसान के गन्ने से कटौती कर मिल प्रबंधन अपने खाते में रख लेते हैं.

sugarcane farmer warn mill administration for protest in sitamarhi
रीगा शुगर मिल

'किसानों का आरोप निराधार'
इस मामले पर शुगर मिल के जीएम केन सीबीपी सिन्हा ने बताया कि किसानों का आरोप निराधार है. क्योंकि सरकार के आदेश और किसानों की सहमति के बाद ही गन्ने में कटौती की जा रही है. प्रबंधन की ओर से किसानों के ऊपर कटौती के लिए कोई दबाव नहीं डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने रिकवरी को मेंटेन करने के लिए ऐसा निर्णय लिया है.

देखें ये रिपोर्ट

किसानों के गन्ने से जबरन कटौती
इस कटौती को लेकर किसान आक्रोशित हैं, क्योंकि पिछले साल जिले के 30 हजार गन्ना किसानों ने मिल प्रबंधन को करीब 7 लाख क्विंटल गन्ना का आपूर्ति दिया था. जिसका अधिकांश भुगतान अब तक बकाया है. किसानों के गन्ने से जबरन कटौती की जा रही है. किसानों का कहना है कि प्रबंधन या तो इसका समाधान करे नहीं तो वो इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे.

सीतामढ़ी: जिले का एकमात्र उद्योग रीगा शुगर मिल प्रबंधन के खिलाफ किसानों में आक्रोश है. मिल प्रबंधन की मनमानी की वजह से किसान परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि मिल प्रबंधन जबरन उनके गन्ने से 5 से 7 प्रतिशत की कटौती कर रहा है, जो कहीं से उचित नहीं है. जो किसान इस कटौती का विरोध करते हैं, उनके गन्ने को तौलने से इंकार कर दिया जाता है और घंटों उनकी गाड़ियां खड़ी कर दी जाती है. इस बात से जिले के किसान काफी आहत हैं और आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.

किसानों ने बताया कि मिल के गेट पर प्रबंधन की ओर से 5 से 7 प्रतिशत की कटौती की जा रही है. वहीं सेंटर पर जो धर्म कांटा लगाया गया है, उसमें प्रबंधन की ओर से पहले से ही छेड़छाड़ कर वजन कम करने की विधि लगा दी गई है. जिसके जरिए प्रत्येक किसान के गन्ने से 2 से 4 प्रतिशत की कटौती खुद हो जाती है.

30 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य
रीगा शुगर मिल से जुड़े सूत्रों का बताना है कि किसानों के गन्ने से जो कटौती की जा रही है, उसके जरिए मिल प्रबंधन करोड़ों का घोटाला करती है. इस पेराई सत्र में मिल प्रबंधन की ओर से 30 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा गया है. इसमें अगर 5 से 7 प्रतिशत की कटौती होती है, तो करीब छह लाख क्विंटल गन्ने की कटौती कर ली जाती है. वहीं सामान्य गन्ने का दर मिल प्रबंधन की ओर से 290 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. इससे 6 लाख क्विंटल गन्ने का मूल्य करीब 1 करोड़ 74 लाख रुपये होता है. जो किसान के गन्ने से कटौती कर मिल प्रबंधन अपने खाते में रख लेते हैं.

sugarcane farmer warn mill administration for protest in sitamarhi
रीगा शुगर मिल

'किसानों का आरोप निराधार'
इस मामले पर शुगर मिल के जीएम केन सीबीपी सिन्हा ने बताया कि किसानों का आरोप निराधार है. क्योंकि सरकार के आदेश और किसानों की सहमति के बाद ही गन्ने में कटौती की जा रही है. प्रबंधन की ओर से किसानों के ऊपर कटौती के लिए कोई दबाव नहीं डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने रिकवरी को मेंटेन करने के लिए ऐसा निर्णय लिया है.

देखें ये रिपोर्ट

किसानों के गन्ने से जबरन कटौती
इस कटौती को लेकर किसान आक्रोशित हैं, क्योंकि पिछले साल जिले के 30 हजार गन्ना किसानों ने मिल प्रबंधन को करीब 7 लाख क्विंटल गन्ना का आपूर्ति दिया था. जिसका अधिकांश भुगतान अब तक बकाया है. किसानों के गन्ने से जबरन कटौती की जा रही है. किसानों का कहना है कि प्रबंधन या तो इसका समाधान करे नहीं तो वो इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे.

Intro:रीगा शुगर मिल प्रबंधन पर जबरन गन्ने में कटौती का आरोप। किसानों में मिल प्रबंधन के विरुद्ध आक्रोश व्याप्त।


Body:जिले का एकमात्र उद्योग रीगा शुगर मिल प्रबंधन के विरुद्ध जिले के किसानों में आक्रोश व्याप्त है। किसान मिल प्रबंधन की मनमानी के विरोध में आंदोलन पर उतारू है। जिले के किसानों का आरोप है कि मिल प्रबंधन जबरन उनके गन्ने से 5 से 7% की कटौती कर रहा है जो कहीं से उचित नहीं है। किसानों का बताना है कि जो किसान इस कटौती का विरोध करते हैं उनके गन्ने को तौल करने से इंकार कर दिया जाता है। और घंटों उनकी गाड़ियां खड़ी कर दी जाती है जब तक कि किसान लाचार होकर उस कटौती को देने के लिए तैयार नहीं होते। इस बात से जिले के किसान काफी आहत है और आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। किसानों का यह भी बताना है कि मिल गेट पर मिल प्रबंधन द्वारा पांच से 7% की कटौती की जा रही है। वहीं गन्ना तौल सेंटर पर जो धर्म कांटा लगाया गया है उसके अंदर प्रबंधन की ओर से पूर्व से ही छेड़छाड़ कर वजन कम करने की विधि लगा दी गई है। जिसके जरिए प्रत्येक किसान के गन्ने से 2 से 4% की कटौती स्वतः कर ली जाती है।
बाइट टू बाइट 1. सुधीर कुमार काला जैकेट मे।
संजय कुमार सिंह उजला स्वेटर में। दोनों जिले के गन्ना किसान।
कटौती से करोड़ों का गोलमाल:------------------------
रीगा शुगर मिल से जुड़े सूत्रों का बताना है कि किसानों के गन्ने से जो कटौती की जा रही है। उसके जरिए मिल प्रबंधन करोड़ों का गोलमाल कर लेता है। इस पेराई सत्र में मिल प्रबंधन की ओर से 30 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा गया है। उस लक्ष्य में अगर 5 से 7% की कटौती होती है तो करीब छह लाख क्विंटल गन्ने की कटौती कर ली जाती है। और सामान्य गन्ने का दर मिल प्रबंधन की ओर से ₹290 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इस प्रकार 6 लाख क्विंटल गन्ने का मूल्य करीब 1 करोड़ 74 लाख रुपए होता है जो किसान के गन्ने से कटौती कर मिल प्रबंधन अपने खाते में गोलमाल तरीके से कर ले रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर शुगर मिल के जीएम केन सीबीपी सिन्हा ने बताया कि किसानों का आरोप निराधार है। क्योंकि सरकार के आदेश और किसानों की सहमति के बाद ही गन्ने में कटौती की जा रही है। प्रबंधन की ओर से किसानों के ऊपर कटौती के लिए कोई दबाव नहीं डाला जा रहा है। हम रिकवरी को मेंटेन करने के लिए ऐसा निर्णय लिया है ताकि किसान साफ सुथरा गन्ना लेकर मिल को आपूर्ति करें।
बाइट 2, सी बी पी सिंहा। जीएम केन। रीगा शुगर मिल सीतामढ़ी। लाल स्वेटर में।



Conclusion:इस कटौती को लेकर किसान खासे आक्रोशित है क्योंकि पिछले वर्ष जिले के 30,000 गन्ना किसानों ने मिल प्रबंधन को करीब 7 लाख क्विंटल गन्ना आपूर्ति दिया था। जिसका अधिकांश भुगतान अब तक बकाया है। ऊपर से अब खून पसीना बहा कर गन्ने की खेती करने वाले किसानों के गन्ने से जबरन कटौती की जा रही है। जिससे किसान प्रबंधन के खिलाफ बेहद आक्रोशित है। और इसका समाधान चाहते हैं नहीं तो किसान अब गन्ने की खेती नही करने की चेतावनी दे रहे हैं।
Last Updated : Jan 27, 2020, 5:20 PM IST
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