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सीतामढ़ी: मुहर्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, चौक-चौराहों पर पुलिस बल तैनात - tradition to keep fasting and donating

मोहर्रम को लेकर जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किये गये हैं. विधि व्यवस्था को भंग करने वाले और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

मोहर्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम
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Published : Sep 10, 2019, 2:59 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 6:16 PM IST

सीतामढ़ी: जिले में मोहर्रम का त्यौहार मनाया जा रहा है. इसे लेकर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के मुकम्मल इंतेजाम किए गए हैं. हर चौक-चौराहे और आयोजन स्थल पर महिला और पुरुष बल की तैनाती की गई है. वहीं विधि व्यवस्था पर नजर बनाए रखने के लिए दंडाधिकारी की भी प्रतिनियुक्ति की गई है.

मोहर्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम

विधि व्यवस्था को भंग करने वाले और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. इस त्यौहार को लेकर कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जहां से पल-पल की जानकारी मिल रही है. जहां भी मोहर्रम मनाया जा रहा है वहां वीडियोग्राफी कराई जा रही है. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्पेशल पुलिस ऑफिसर की भी सहायता ली जा रही है.

sitamarhi
निकाला गया ताजिया जुलूस

रोजा रखने और दान करने की है परंपरा
मोहम्मद नाजिम ने बताया कि मोहर्रम की नवमी और दशमी को रोजा रखने और दान करने की परंपरा है. यह शहादत का पर्व है. यह पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 1400 साल पहले आज ही के दिन मुसलमानों के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हसन और हुसैन को कर्बला के मैदान में हक की लड़ाई लड़ते-लड़ते यजीद ने कत्ल कर दिया था. उस परिवार के केवल मोहम्मद जैनुल आब्दीन ही बचे थे जो बीमार चल रहे थे. इस कारण उनकी जान बच गई थी. इस अवसर पर जो ताजिया निकालने की परंपरा है, वह देश में उस समय से लागू है जब तैमूर लंग ने देश पर शासन करना शुरू किया था.

सीतामढ़ी: जिले में मोहर्रम का त्यौहार मनाया जा रहा है. इसे लेकर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के मुकम्मल इंतेजाम किए गए हैं. हर चौक-चौराहे और आयोजन स्थल पर महिला और पुरुष बल की तैनाती की गई है. वहीं विधि व्यवस्था पर नजर बनाए रखने के लिए दंडाधिकारी की भी प्रतिनियुक्ति की गई है.

मोहर्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम

विधि व्यवस्था को भंग करने वाले और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. इस त्यौहार को लेकर कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जहां से पल-पल की जानकारी मिल रही है. जहां भी मोहर्रम मनाया जा रहा है वहां वीडियोग्राफी कराई जा रही है. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्पेशल पुलिस ऑफिसर की भी सहायता ली जा रही है.

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निकाला गया ताजिया जुलूस

रोजा रखने और दान करने की है परंपरा
मोहम्मद नाजिम ने बताया कि मोहर्रम की नवमी और दशमी को रोजा रखने और दान करने की परंपरा है. यह शहादत का पर्व है. यह पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 1400 साल पहले आज ही के दिन मुसलमानों के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हसन और हुसैन को कर्बला के मैदान में हक की लड़ाई लड़ते-लड़ते यजीद ने कत्ल कर दिया था. उस परिवार के केवल मोहम्मद जैनुल आब्दीन ही बचे थे जो बीमार चल रहे थे. इस कारण उनकी जान बच गई थी. इस अवसर पर जो ताजिया निकालने की परंपरा है, वह देश में उस समय से लागू है जब तैमूर लंग ने देश पर शासन करना शुरू किया था.

Intro:जिले में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है मोहर्रम का त्यौहार। सभी आयु वर्ग के लोग हैं शामिल। सुरक्षा के किए गए हैं पुख्ता इंतजाम। Body: जिले के सभी प्रखंडों में आज बड़े ही धूमधाम से मोहर्रम का त्यौहार मनाया जा रहा है। इस त्यौहार को लेकर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के मुकम्मल व्यवस्था किए गए हैं। हर चौक चौराहे व आयोजन स्थल पर महिला व पुरुष बल की तैनाती की गई है। वहीं विधि व्यवस्था पर नजर बनाए रखने के लिए दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। किसी भी तरह से विधि व्यवस्था को भंग करने वाले और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इस त्यौहार को लेकर कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। जहां से पल-पल की जानकारी हासिल की जा रही है। इसके अलावा हर कोई ऐसी जगह जहां पर मोहर्रम का त्यौहार मनाया जा रहा है। उसकी वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। ताकि किसी भी प्रकार से गड़बड़ी फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाए। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन की ओर से एसपीओ स्पेशल पुलिस ऑफिसर की भी सहायता ली जा रही है।
रोजा रखने और दान करने की है परंपरा:__________
मुहर्रम त्यौहार के संबंध में पूछे जाने पर इस धर्म को मानने वाले मोहम्मद नाजिम ने बताया कि इस त्यौहार के अवसर पर मोहर्रम की नवमी और दशमी तारीख को रोजा रखने और दान करने की परंपरा चलती आ रही है। इसके अलावा अच्छा खानपान सेवन कर शांति का संदेश देना है। यह शहादत का पर्व है इसलिए घर पर ही रह कर इस्लाम को याद करना है। यह पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि मोहम्मद साहब के नवासे ने इसी माह में अपने पूरे खानदान को शहादत दी थी। उस परिवार के केवल मोहम्मद जैनुल आब्दीन ही बचे थे। जो बीमार चल रहे थे। इस कारण उनकी जान बच गई थी। इसलिए उसी समय से उनकी याद में यह मुहर्रम त्योहार मनाया जाता है। और इस अवसर पर जो ताजिया निकालने की परंपरा है। वह भारत देश में उस समय से लागू है। जब तैमूर लंग ने देश पर शासन शुरू किया था।
महिलाएं और बच्चों भी दिखाएं खेल तमाशे:_________
मोहर्रम को लेकर जिला मुख्यालय के मेहसौल, धुरवार, परसौनी, अकता, राजोपट्टी, गौशाला, बड़ी बाजार, आमघटा, विश्वनाथपुर, राजखंड, महुआ गाछी, पुपरी, सोनबरसा, रुनीसैदपुर, कंसार, जाफरपुर, चैनपुर, मौलानगर, चंदौली, बेलसंड और दरियापुर गाँव में यह नजारा देखने को मिला, इस अवसर पर युवक और किशोर के साथ-साथ महिलाएं और बच्चे भी जमकर खेल तमाशे दिखाएं और जुलूस की अगुवाई की। निर्माण स्थल से चलकर ताजिया का जुलूस सभी जगह पर अपने निर्धारित रेन बसेरा तक ले जाया गया। और इस दौरान तरह-तरह के करतब और खेल तमाशे दिखाए गए जो आम लोगों का मन मोह लिया।
बाइट 1. मोहम्मद नाजिम। उजला शर्ट में।
बाइट 2. प्रकाश सिंह। डीएसपी।
पी टू सी 3.
विजुअल 4,5,6,7,8Conclusion:पी टू सी राहुल देव सोलंकी। सीतामढ़ी।
Last Updated : Sep 10, 2019, 6:16 PM IST
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