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सीतामढ़ी: बाढ़ राशि के इंतजार में पथराई आंखे, 5 महीने बाद भी नहीं मिली मदद - जदयू जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान

जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश शर्मा ने बताया कि जो भी बाढ़ पीड़ित सरकारी सहायता से वंचित हैं. उन्हें अनुदान राशि जल्द मुहैया कराई जाएगी. लेकिन कब तक इस संबंध में उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया.

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बाढ़ राशि के इंतजार में पथराई आंखे
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Published : Dec 30, 2019, 5:43 PM IST

सीतामढ़ी: जिले के लोगों को बाढ़ राहत की अनुदान राशि नहीं मिलने से स्थानीय प्रशासन सवालों के दायरे में है. बता दें कि जिले में 13 जुलाई को भीषण बाढ़ आई थी. इस बाढ़ की विभीषिका के कारण 17 प्रखंडों की करीब 30 लाख की आबादी प्रभावित हुई थी.

लोगों के मुताबिक बाढ़ के पानी में डूबने से 45 लोगों की मौत हुई थी. इसमें 90 हजार हेक्टेयर में लगी लाखों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. इसमें 30 हजार से ज्यादा मवेशी प्रभावित हुए थे.

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शारदा देवी, बाढ़ पीड़ित

पांच महीने बाद भी नहीं मिली अनुदान राशि
बाढ़ पीड़तों को राहत शिविर में 2 महीने गुजारा करना पड़ा था. इसके बाद आपदा विभाग और स्थानीय प्रशासन की ओर से उनको बाढ़ राहत की अनुदान राशि दिलाने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन बाढ़ खत्म होने के पांच माह बीतने के बाद भी अभी तक लोगों को अनुदान राशि नहीं मिल पाई है. लिहाजा उनके सामने परिवार का भरण पोषण करने की समस्या खड़ी हो गई है. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

पेश है रिपोर्ट

'ठंडे बस्ते में आपदा विभाग के प्रधान सचिव का आदेश'
आपदा विभाग के प्रधान सचिव ने स्थानीय प्रशासन को 5 दिसंबर तक बाढ़ पीड़ितों को अनुदान राशि मुहैया कराने के निर्देश दिए थे. लेकिन साल 2019 बीतने को है. इसके बावजूद अभी तक बाढ़ पीड़ितों को अनुदान राशि नहीं मिल पाई है. जदयू जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि मेरी तरफ से बाढ़ पीड़ितों को राशि मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मैंने आपदा विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात कर इसका समाधान करने कि लए अनुरोध किया था. उन्होंने स्थानीय प्रशासन को हर हाल में पीड़ितों का अनुदान राशि दिलाने का आदेश दिया था. लेकिन यह आदेश भी ठंडे बस्ते में है.

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सुरेश शर्मा, प्रभारी मंत्री सीतामढ़ी

प्रभारी मंत्री ने नहीं दिया ठोस जवाब
जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश शर्मा ने बताया कि जो भी बाढ़ पीड़ित सरकारी सहायता से वंचित हैं. उन्हें अनुदान राशि जल्द मुहैया कराई जाएगी. लेकिन कब तक इस संबंध में उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया. वहीं, बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि बाढ़ की विभीषिका के कारण उनकी लाखों की फसल बर्बाद हो गई, घर ध्वसत हो गए. इसके बाद यह उम्मीद थी कि सरकार इस विपत्ति में मदद करेगी. लेकिन कई बार आवेदन करने के बावजूद अभी तक अनुदान राशि नहीं मिल पाई है.

सीतामढ़ी: जिले के लोगों को बाढ़ राहत की अनुदान राशि नहीं मिलने से स्थानीय प्रशासन सवालों के दायरे में है. बता दें कि जिले में 13 जुलाई को भीषण बाढ़ आई थी. इस बाढ़ की विभीषिका के कारण 17 प्रखंडों की करीब 30 लाख की आबादी प्रभावित हुई थी.

लोगों के मुताबिक बाढ़ के पानी में डूबने से 45 लोगों की मौत हुई थी. इसमें 90 हजार हेक्टेयर में लगी लाखों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. इसमें 30 हजार से ज्यादा मवेशी प्रभावित हुए थे.

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शारदा देवी, बाढ़ पीड़ित

पांच महीने बाद भी नहीं मिली अनुदान राशि
बाढ़ पीड़तों को राहत शिविर में 2 महीने गुजारा करना पड़ा था. इसके बाद आपदा विभाग और स्थानीय प्रशासन की ओर से उनको बाढ़ राहत की अनुदान राशि दिलाने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन बाढ़ खत्म होने के पांच माह बीतने के बाद भी अभी तक लोगों को अनुदान राशि नहीं मिल पाई है. लिहाजा उनके सामने परिवार का भरण पोषण करने की समस्या खड़ी हो गई है. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

पेश है रिपोर्ट

'ठंडे बस्ते में आपदा विभाग के प्रधान सचिव का आदेश'
आपदा विभाग के प्रधान सचिव ने स्थानीय प्रशासन को 5 दिसंबर तक बाढ़ पीड़ितों को अनुदान राशि मुहैया कराने के निर्देश दिए थे. लेकिन साल 2019 बीतने को है. इसके बावजूद अभी तक बाढ़ पीड़ितों को अनुदान राशि नहीं मिल पाई है. जदयू जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि मेरी तरफ से बाढ़ पीड़ितों को राशि मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मैंने आपदा विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात कर इसका समाधान करने कि लए अनुरोध किया था. उन्होंने स्थानीय प्रशासन को हर हाल में पीड़ितों का अनुदान राशि दिलाने का आदेश दिया था. लेकिन यह आदेश भी ठंडे बस्ते में है.

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सुरेश शर्मा, प्रभारी मंत्री सीतामढ़ी

प्रभारी मंत्री ने नहीं दिया ठोस जवाब
जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश शर्मा ने बताया कि जो भी बाढ़ पीड़ित सरकारी सहायता से वंचित हैं. उन्हें अनुदान राशि जल्द मुहैया कराई जाएगी. लेकिन कब तक इस संबंध में उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया. वहीं, बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि बाढ़ की विभीषिका के कारण उनकी लाखों की फसल बर्बाद हो गई, घर ध्वसत हो गए. इसके बाद यह उम्मीद थी कि सरकार इस विपत्ति में मदद करेगी. लेकिन कई बार आवेदन करने के बावजूद अभी तक अनुदान राशि नहीं मिल पाई है.

Intro: जिले में बाढ़ आने के 5 माह बाद भी बाढ़ राहत राशि से वंचित है 17 प्रखंडों के हजारों पीड़ितBody:जिले में 13 जुलाई को भीषण बाढ़ आई थी और इस बाढ़ की विभीषिका के कारण 17 प्रखंडों में निवास करने वाली करीब 30 लाख की आबादी पूरी तरह प्रभावित हो गई थी। बाढ़ के पानी में डूब कर करीब 45 लोगों की मौत हो चुकी थी। 90 हजार हेक्टेयर में लगी किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई थी। 30,000 से अधिक मवेशी प्रभावित हुई थी। कई सड़कें और पुल पुलिया ध्वस्त हो गया था। करीब 2 माह पीड़ित लोगों को राहत शिविर में गुजारा करना पड़ा था। इसके बाद आपदा विभाग और जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों को सूचित किया गया कि सभी प्रभावित बाढ़ पीड़ितों को सरकारी सहायता मुहैया कराई जाएगी। लेकिन बाढ़ आने के 5 माह बाद भी अब तक हजारों पीड़ित सरकारी सहायता की लिए टकटकी लगाए हुए हैं। लेकिन उन्हें अब तक सरकारी सहायता नहीं मिल पाई है। लिहाजा उनके सामने परिवार का भरण पोषण करने की समस्या खड़ी हो गई है। लेकिन इसका निदान अब तक नहीं निकाला जा सका है।
जबकि आपदा के प्रधान सचिव ने जिले के वरीय अधिकारियों को निर्देश दिया था कि 5 दिसंबर तक सभी वंचित पीड़ित के खाते में बाढ़ राहत राशि मुहैया कराई जाए। इसके बावजूद वर्ष बीतने को है लेकिन अब तक बाढ़ पीड़ितों को सरकारी सहायता नहीं मिल पाई है। जदयू जिला अध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को सरकारी सहायता मुहैया कराने के लिए मेरे द्वारा भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। जबकि इसके लिए मैंने आपदा के प्रधान सचिव से मुलाकात कर इस दिशा में समाधान निकालने के लिए अनुरोध किया था। और उनके द्वारा आश्वासन दिया गया था कि हर हाल में बाढ़ पीड़ितों को सरकारी सहायता मिलेगी। लेकिन वह आदेश अब तक ठंडे बस्ते में है।
वही इस संबंध में पूछे जाने पर जिला के प्रभारी मंत्री सुरेश शर्मा ने बताया कि जो भी बाढ़ पीड़ित सरकारी सहायता से वंचित हैं। उन्हें जरूर सरकारी राशि मुहैया कराई जाएगी लेकिन कब तक इस संबंध में उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया। वही बाढ़ पीड़ितों की शिकायत है कि बाढ़ की विभीषिका के कारण उनके खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो गई थी घर ध्वस्त हो गए थे इसके बाद यह उम्मीद जगी थी कि सरकार इस विपत्ति में मदद करेगी। लेकिन कई बार आवेदन करने के बावजूद हजारों बाढ़ पीड़ित अब तक उस राशि को पाने से वंचित है।
बाइट 1. शारदा देवी। बाढ़ पीड़ित महिला।
बाइट 2. राणा रणधीर सिंह चौहान। जदयू जिलाध्यक्ष सीतामढ़ी। ब्लू कुर्ता में।
बाइट 3. सुरेश शर्मा। जिला प्रभारी मंत्री सीतामढ़ी।
विजुअल 4,5,6,7,8Conclusion:जदयू जिला अध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान का आरोप है कि जिला प्रशासन के कर्मियों ने आनन-फानन में वर्ष 2017 की सूची को अपलोड कर दिया। जिस कारण वर्ष 2019 में जो परिवार पीड़ित हुए वह बाढ़ राहत राशि लेने से वंचित हो गया। प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह गड़बड़ी हुई है।
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