सीतामढ़ी: जिले के लोगों को बाढ़ राहत की अनुदान राशि नहीं मिलने से स्थानीय प्रशासन सवालों के दायरे में है. बता दें कि जिले में 13 जुलाई को भीषण बाढ़ आई थी. इस बाढ़ की विभीषिका के कारण 17 प्रखंडों की करीब 30 लाख की आबादी प्रभावित हुई थी.
लोगों के मुताबिक बाढ़ के पानी में डूबने से 45 लोगों की मौत हुई थी. इसमें 90 हजार हेक्टेयर में लगी लाखों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. इसमें 30 हजार से ज्यादा मवेशी प्रभावित हुए थे.
पांच महीने बाद भी नहीं मिली अनुदान राशि
बाढ़ पीड़तों को राहत शिविर में 2 महीने गुजारा करना पड़ा था. इसके बाद आपदा विभाग और स्थानीय प्रशासन की ओर से उनको बाढ़ राहत की अनुदान राशि दिलाने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन बाढ़ खत्म होने के पांच माह बीतने के बाद भी अभी तक लोगों को अनुदान राशि नहीं मिल पाई है. लिहाजा उनके सामने परिवार का भरण पोषण करने की समस्या खड़ी हो गई है. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
'ठंडे बस्ते में आपदा विभाग के प्रधान सचिव का आदेश'
आपदा विभाग के प्रधान सचिव ने स्थानीय प्रशासन को 5 दिसंबर तक बाढ़ पीड़ितों को अनुदान राशि मुहैया कराने के निर्देश दिए थे. लेकिन साल 2019 बीतने को है. इसके बावजूद अभी तक बाढ़ पीड़ितों को अनुदान राशि नहीं मिल पाई है. जदयू जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि मेरी तरफ से बाढ़ पीड़ितों को राशि मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मैंने आपदा विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात कर इसका समाधान करने कि लए अनुरोध किया था. उन्होंने स्थानीय प्रशासन को हर हाल में पीड़ितों का अनुदान राशि दिलाने का आदेश दिया था. लेकिन यह आदेश भी ठंडे बस्ते में है.
प्रभारी मंत्री ने नहीं दिया ठोस जवाब
जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश शर्मा ने बताया कि जो भी बाढ़ पीड़ित सरकारी सहायता से वंचित हैं. उन्हें अनुदान राशि जल्द मुहैया कराई जाएगी. लेकिन कब तक इस संबंध में उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया. वहीं, बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि बाढ़ की विभीषिका के कारण उनकी लाखों की फसल बर्बाद हो गई, घर ध्वसत हो गए. इसके बाद यह उम्मीद थी कि सरकार इस विपत्ति में मदद करेगी. लेकिन कई बार आवेदन करने के बावजूद अभी तक अनुदान राशि नहीं मिल पाई है.