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सीतामढ़ी: सिंहवाहिनी पंचायत की कायापलट करने वाली मुखिया रितु जायसवाल को PM करेंगे सम्मानित

रितु जायसवाल साल 2016 में सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया बनी. उन्होंने बतौर मुखिया पंचायत के विकास के लिए अनेकों कार्य किए. इसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरस्कार मिलने जा रहा है.

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Published : Sep 22, 2019, 9:33 AM IST

Updated : Sep 26, 2019, 5:40 PM IST

सीतामढ़ी: केवल प्रदेश ही नहीं देशभर से जन प्रतिनिधियों की अनदेखी और उदासीन रवैए की खबर आती है. इन सभी के लिए जिले की मुखिया रितु जायसवाल एक मिसाल हैं. आदर्श पंचायत बनाने वाली सिंहवाहिनी की महिला मुखिया रितु को उनके सराहनीय कार्यों के लिए 'दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण' पुरस्कार से नवाजा जा रहा है.

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ग्रामीणों के साथ मुखिया

रितु जायसवाल साल 2016 में सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया बनीं. उन्होंने बतौर मुखिया पंचायत के विकास के लिए कई काम किए. इसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरस्कार मिलने जा रहा है. इससे पहले साल 2018 में उन्हें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी 'चैंपियंस ऑफ चेंज' अवार्ड से सम्मानित किया था.

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महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

3 सालों में किया कायापलट
मुखिया को सम्मान मिलने से ग्रामीणों में भी काफी खुशी है. वह बताते हैं कि आजादी के 70 सालों तक गांव में कुछ नहीं था. ग्रामीणों ने पक्की सड़क तक नहीं देखी थी. जब रितु बतौर मुखिया यहां आईं तो उन्होंने गांव की रुपरेखा ही बदल दी. महज 3 साल के अंदर रितु ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत इस पंचायत की तस्वीर और तकदीर बदल कर रख दी है.

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ग्रामीणों में खासी खुशी

बायोगैस पहुंचाने की तैयारी
ग्रामीण कहते हैं कि पहले जहां लोग पगडंडियों पर चलने को मजबूर थे, आज वहां सड़कों का जाल बिछा है. यह पंचायत ओडीएफ है. यहां बायोगैस सिस्टम भी लगाया गया है. जिससे पाइपलाइन के जरिए पंचायत के 75 घरों में बायोगैस पहुंचाई जाएगी. साथ ही हर चौक-चौराहे और गलियों में सोलर सिस्टम से पंचायत को रौशन कर दिया गया है.

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ओडीएफ घोषित है पंचायत

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद
इस पंचायत की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी मुखिया रितु जायसवाल ने बहुत कुछ किया है. उन्होंने लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पंचायत में तीन जगह पर सेनेटरी पैड बैंक की स्थापना की है. यहां सस्ते दरों पर 1 महीने के सेनेटरी पैड 5 से 10 रुपये में मुहैया कराए जा रहे हैं. वहीं तीन सिलाई केंद्र भी खोले गए हैं. नर्सिंग कोर्स और मैनेजमेंट के पढ़ाई की व्यवस्था भी कराई गई है. इस कोर्स को पूरा करने के बाद उन्हें प्लेसमेंट भी मुहैया कराई जा रही है.

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छात्राओं से मिलने पहुंची मुखिया

पंचायत को दिलाया योजनाओं का भरपूर लाभ
मुखिया रितु जायसवाल ने कहा कि इस पंचायत में पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. जिले से पहले उन्होंने पंचायत को ओडीएफ घोषित करवा दिया था. इस पंचायत में करीब 2500 से अधिक शौचालय का निर्माण किया जा चुका है. 150 से अधिक प्रधानमंत्री आवास बनाए गए हैं. गांव की विधवाओं को हुनरमंद बनाकर रोजगार मुहैया कराया जा रहा है.

आम चुनाव के कारण देर से हुई घोषणा
बता दें कि हरन साल 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के अवसर पर 'दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण' पुरस्कार दिल्ली में दिया जाता है. भव्य समारोह में माननीय प्रधानमंत्री योग्य लोगों के सम्मानित करते हैं. लेकिन, इस साल उस दौरान आम चुनाव के कारण इसकी घोषणा नहीं हो पाई थी. सिंहवाहिनी ने सरकारी योजनाओं से अलग आपसी तालमेल और संघर्ष से कई कीर्तिमान रचे हैं.

विशेष पैकेज

सिंहवाहिनी पंचायत की उपलब्धियां

  • खुले में शौच मुक्त अभियान को लेकर जागरूकता
  • बायो गैस प्लांट का निर्माण
  • बाढ़ जैसी भीषण आपदा में मुखिया के नेतृत्व में की गई सेवा
  • बाल विवाह को रोकने केलिए सिलाई सेंटर की स्थापना
  • सैनिटरी पैड बैंक की स्थापना
  • विधवाओं को उनका अधिकार दिलाना
  • आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाले बच्चों के लिए आउट ऑफ स्कूल सपोर्ट क्लास चलाना
  • सामूहिक प्रयास से सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कराकर मुख्य सड़क बनवाना
  • मिथिला की परम्परा को बनाये रखने पर कार्य करना

बिहार के कुल तीन पंचायतों का चयन इस पुरस्कार के लिए हुआ है. जिसमें सिंहवाहिनी पंचायत के अलावा जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखण्ड का धरनई पंचायत और नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखण्ड का दामोदरपुर बलधा पंचायत शामिल है.

सीतामढ़ी: केवल प्रदेश ही नहीं देशभर से जन प्रतिनिधियों की अनदेखी और उदासीन रवैए की खबर आती है. इन सभी के लिए जिले की मुखिया रितु जायसवाल एक मिसाल हैं. आदर्श पंचायत बनाने वाली सिंहवाहिनी की महिला मुखिया रितु को उनके सराहनीय कार्यों के लिए 'दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण' पुरस्कार से नवाजा जा रहा है.

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ग्रामीणों के साथ मुखिया

रितु जायसवाल साल 2016 में सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया बनीं. उन्होंने बतौर मुखिया पंचायत के विकास के लिए कई काम किए. इसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरस्कार मिलने जा रहा है. इससे पहले साल 2018 में उन्हें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी 'चैंपियंस ऑफ चेंज' अवार्ड से सम्मानित किया था.

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महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

3 सालों में किया कायापलट
मुखिया को सम्मान मिलने से ग्रामीणों में भी काफी खुशी है. वह बताते हैं कि आजादी के 70 सालों तक गांव में कुछ नहीं था. ग्रामीणों ने पक्की सड़क तक नहीं देखी थी. जब रितु बतौर मुखिया यहां आईं तो उन्होंने गांव की रुपरेखा ही बदल दी. महज 3 साल के अंदर रितु ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत इस पंचायत की तस्वीर और तकदीर बदल कर रख दी है.

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ग्रामीणों में खासी खुशी

बायोगैस पहुंचाने की तैयारी
ग्रामीण कहते हैं कि पहले जहां लोग पगडंडियों पर चलने को मजबूर थे, आज वहां सड़कों का जाल बिछा है. यह पंचायत ओडीएफ है. यहां बायोगैस सिस्टम भी लगाया गया है. जिससे पाइपलाइन के जरिए पंचायत के 75 घरों में बायोगैस पहुंचाई जाएगी. साथ ही हर चौक-चौराहे और गलियों में सोलर सिस्टम से पंचायत को रौशन कर दिया गया है.

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ओडीएफ घोषित है पंचायत

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद
इस पंचायत की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी मुखिया रितु जायसवाल ने बहुत कुछ किया है. उन्होंने लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पंचायत में तीन जगह पर सेनेटरी पैड बैंक की स्थापना की है. यहां सस्ते दरों पर 1 महीने के सेनेटरी पैड 5 से 10 रुपये में मुहैया कराए जा रहे हैं. वहीं तीन सिलाई केंद्र भी खोले गए हैं. नर्सिंग कोर्स और मैनेजमेंट के पढ़ाई की व्यवस्था भी कराई गई है. इस कोर्स को पूरा करने के बाद उन्हें प्लेसमेंट भी मुहैया कराई जा रही है.

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छात्राओं से मिलने पहुंची मुखिया

पंचायत को दिलाया योजनाओं का भरपूर लाभ
मुखिया रितु जायसवाल ने कहा कि इस पंचायत में पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. जिले से पहले उन्होंने पंचायत को ओडीएफ घोषित करवा दिया था. इस पंचायत में करीब 2500 से अधिक शौचालय का निर्माण किया जा चुका है. 150 से अधिक प्रधानमंत्री आवास बनाए गए हैं. गांव की विधवाओं को हुनरमंद बनाकर रोजगार मुहैया कराया जा रहा है.

आम चुनाव के कारण देर से हुई घोषणा
बता दें कि हरन साल 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के अवसर पर 'दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण' पुरस्कार दिल्ली में दिया जाता है. भव्य समारोह में माननीय प्रधानमंत्री योग्य लोगों के सम्मानित करते हैं. लेकिन, इस साल उस दौरान आम चुनाव के कारण इसकी घोषणा नहीं हो पाई थी. सिंहवाहिनी ने सरकारी योजनाओं से अलग आपसी तालमेल और संघर्ष से कई कीर्तिमान रचे हैं.

विशेष पैकेज

सिंहवाहिनी पंचायत की उपलब्धियां

  • खुले में शौच मुक्त अभियान को लेकर जागरूकता
  • बायो गैस प्लांट का निर्माण
  • बाढ़ जैसी भीषण आपदा में मुखिया के नेतृत्व में की गई सेवा
  • बाल विवाह को रोकने केलिए सिलाई सेंटर की स्थापना
  • सैनिटरी पैड बैंक की स्थापना
  • विधवाओं को उनका अधिकार दिलाना
  • आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाले बच्चों के लिए आउट ऑफ स्कूल सपोर्ट क्लास चलाना
  • सामूहिक प्रयास से सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कराकर मुख्य सड़क बनवाना
  • मिथिला की परम्परा को बनाये रखने पर कार्य करना

बिहार के कुल तीन पंचायतों का चयन इस पुरस्कार के लिए हुआ है. जिसमें सिंहवाहिनी पंचायत के अलावा जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखण्ड का धरनई पंचायत और नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखण्ड का दामोदरपुर बलधा पंचायत शामिल है.

Intro:पंचायत को आदर्श बनाने वाली सिंहवाहिनी की महिला मुखिया ऋतु जसवाल को पीएम देंगे दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार।Body: वर्ष 2016 में सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया बनी रितु जायसवाल को बेहतर कार्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। ऋतु जसवाल को वर्ष 2018 में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी चैंपियंस ऑफ चेंज अवार्ड से सम्मानित कर चुके हैं। इस पंचायत में आजादी के बाद और वर्ष 2016 से पूर्व किसी भी प्रकार की कोई सुविधा बहाल नहीं थी। लेकिन 3 वर्षों के अंदर रितु जायसवाल ने अपने कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत इस पंचायत की तस्वीर और तकदीर बदल कर रख दी है। जहां लोग पगडंडियों पर चलने को विवश है वहां आज सड़कों की जाल बिछ गई है। पुल पुलिया का निर्माण किया गया है। और यह ओडीएफ पंचायत है। वहीं बायोगैस सिस्टम भी लगाया गया है। जिससे पाइपलाइन के जरिए पंचायत के 75 घरों में बायोगैस पहुंचाई जाएगी। साथ ही हर चौक चौराहे और गलियों में सोलर सिस्टम से पंचायत को प्रकाशित कर दिया गया है। इसके अलावा लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सेनेटरी पैड बैंक की स्थापना पंचायत में तीन जगह पर की गई है। जहां सस्ते दरों पर 1 माह का पैड 5 से ₹10 में मुहैया कराई जा रही है। वही तीन सिलाई केंद्र खोले गए हैं, नर्सिंग कोर्स और मैनेजमेंट की पढ़ाई की व्यवस्था भी कराई गई है। और इस कोर्स को कर लेने के बाद उन्हें प्लेसमेंट सर्विस भी मुहैया कराई जा रही है।पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जब जिला ओडीएफ घोषित नहीं हुआ था। उससे पूर्व ही ऋतु जसवाल ने अपने पंचायत को ओडीएफ घोषित करवा दिया था। करीब 25 सौ से ऊपर इस पंचायत में शौचालय का निर्माण किया जा चुका है। 150 से अधिक प्रधानमंत्री आवास बनाए गए हैं। गांव की विधवाओं को हुनरमंद बनाकर रोजगार मुहैया कराई जा रही है। इन सभी उपलब्धियों के कारण ऋतु जसवाल जनता की चहेती बन गई हैं। और इन्हीं सब बेहतर कार्यों के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा है। जो जिला ही नहीं प्रदेश के लिए बड़े गर्व की बात है। अपने 3 साल के कार्यकाल के दौरान रितु जायसवाल ने अब तक 25 करोड़ तक की योजनाओं को अपने पंचायत में क्रियान्वित करवा चुकी है।
सिंहवाहिनी पंचायत को भारत सरकार का प्रतिष्ठित पुरस्कार शीघ्र।:_____________________
सीतामढ़ी जिले के किसी पंचायत को पहली बार राष्ट्रीय सम्मान मिलने का यह गौरव प्राप्त हुआ है। जिले के सिंहवाहिनी पंचायत का चयन भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के द्वारा प्रत्येक वर्ष दिए जाने वाले "दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार -2019" के लिए चयन किया गया है। इस कीर्ति से जिले का हीं नहीं पूरे राज्य का मान बढ़ा है। प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार दिल्ली में भव्य समारोह में माननीय प्रधानमंत्री जी के हाथों दिया जाता है। उस दौरान आम चुनाव के कारण इसकी घोषणा देरी से हुई।
सिंहवाहिनी को यह राष्ट्रीय सम्मान पंचायत में वहाँ की चर्चित मुखिया श्रीमती रितु जयसवाल के कुशल नेतृत्व में थीमेटिक कैटेगरी "कम्युनिटी बेस्ड आर्गेनाईजेशन (CBOs)/इंडिविजुअल्स टेकिंग वोल्युन्ट्री एक्शन्स" को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। सिंहवाहिनी ने सरकारी योजनाओं से अलग आपसी तालमेल और संघर्ष से कई कीर्तिमान रचे हैं। खुले में शौच मुक्त अभियान को लेकर जागरूकता, बायो गैस प्लांट का निर्माण, बाढ़ जैसी भीषण आपदा में पंचायत के युवाओं की टीम के द्वारा मुखिया के नेतृत्व में की गई सेवा, बाल विवाह को रोकने केलिए सिलाई सेंटर की स्थापना, सैनिटरी पैड बैंक की स्थापना, घरेलू हिंसा को रोकने पर ग्रामीण स्तरीय कमिटी के द्वारा किये गए कार्य, विधवाओं को उनका अधिकार दिलाना, आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवार से आने वाले बच्चों के लिए आउट ऑफ स्कूल सपोर्ट क्लास चलाना, सामूहिक प्रयास से अतिक्रमण मुक्त करा कर मुख्य सड़क निकालना, मिथिला की परम्परा को बनाये रखने पर कार्य करना, इत्यादि जैसे कार्यों को इस कैटेगरी में सम्मान देने केलिए पैरामीटर बनाया गए।
इस पुरस्कार के लिए प्रखण्ड स्तरीय कमिटी के द्वारा पहले गहन जाँच की गई। जिसके बाद रिपोर्ट जिला स्तरीय कमिटी को भेजी गई थी। फ़िर जिला स्तरीय कमिटी के द्वारा वहाँ किये गए कार्यों की जाँच कर के राज्य स्तर पर रिपोर्ट भेजी गई। जहाँ से बिहार से कुछ पंचायतों का चयन कर के भारत सरकार को बिहार सरकार के द्वारा भेजा गया। जिसके बाद भारत सरकार से भेजी गई राष्ट्रीय कमिटी के द्वारा स्थलीय जाँच कर उस रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार के द्वारा बिहार राज्य से कुल तीन पंचायतों का चयन किया गया।
सिंहवाहिनी का इस गौरवपूर्ण सम्मान के लिए चयन होने पर मुखिया रितु जयसवाल ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा "यह सम्मान सिंहवाहिनी की प्रत्येक आम जनता को समर्पित करती हूँ। जिन्होंने सत्य और न्याय की हमारी लड़ाई में हमेशा डट कर मेरा साथ दिया।
सिंहवाहिनी के अलावा जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखण्ड के धरनई पंचायत एवं नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखण्ड के दामोदरपुर बलधा पंचायत का चयन इस महत्वपूर्ण पुरस्कार के लिए हुआ है।
बाइट 1. पंचायत के पुरुष निवासी। उजला कुर्ता में।
बाइट 2. पंचायत की महिला निवासी।
बाइट 3. रितु जायसवाल। मुखिया सिंहवाहिनी पंचायत।
पी टू सी 4.
विजुअल 5,6,7,8,9,10Conclusion:पी टू सी:____राहुल देव सोलंकी। सीतामढ़ी।
Last Updated : Sep 26, 2019, 5:40 PM IST
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