सीतामढ़ी: जिले में हुई ओलावृष्टि, बारिश और आंधी तूफान के कारण हजारों किसानों के रवी की फसल बर्बाद हो गई थी. इसके लिए सरकार ने अनुदान देने की घोषणा की है. अनुदान की राशि लेने के लिए किसानों को कृषि विभाग के वेबसाइट पर दिए गए डीवीटी लिंक पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना है. इसके लिए 6 मई से 20 मई तक की तिथि निर्धारित की गई है. लेकिन सर्वर में समस्या होने के कारण जिले के अधिकांश किसान कृषि इनपुट योजना का आवेदन करने से वंचित हो रहे हैं.
आवेदन करने की तिथि निर्धारित
पीड़ित किसानों का बताना है कि विभाग और सरकार की ओर से आवेदन करने की तिथि निर्धारित की गई है. लेकिन सर्वर में खामी होने के कारण अधिकांश किसान इस योजना का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं. सरकार को सरवर की समस्या को दुरुस्त करना चाहिए, ताकि पीड़ित किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में आवेदन कर सरकारी योजना का लाभ ले पाए. लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है लिहाजा किसानों में नाराजगी है. बिहार के 19 जिलों के किसानों के लिए आवेदन करने की तिथि 6 मई से 20 मई तक निर्धारित की गई है.
सर्वर डाउन होने से हो रही समस्या
किसानों का ऑनलाइन आवेदन करने वाले साइबर कैफे संचालक का बताना है कि डीबीटी का सर्वर अक्सर खराब होने के कारण किसान ऑनलाइन आवेदन करने से वंचित हो रहे हैं. जब सर्वर में समस्या नहीं रहती थी तो उस दौरान 1 दिन में 50 से 80 किसानों का ऑनलाइन आवेदन कर दिया जाता था. लेकिन अभी सर्वर की खराबी के कारण पूरे 24 घंटे के अंदर केवल 3 से 4 किसानों का ऑनलाइन आवेदन किया जा रहा है. अगर सर्वर की समस्या को दुरुस्त नहीं किया गया तो 80 प्रतिशत किसान कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ लेने से वंचित हो जाएंगे.सरकार की ओर से कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत प्रभावित किसानों को असिंचित भूमि के लिए 6800, सिंचित भूमि के लिए 13500 और फसल के लिए 18 हजार प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाना है.
कृषि इनपुट योजना के तहत दिया जा रहा अनुदान
जिला कृषि अधिकारी अनिल कुमार यादव ने बताया कि ओलावृष्टि बारिश और आंधी तूफान से जिले के किसानों को जो क्षति हुई है. उसकी भरपाई के लिए सरकार की ओर से कृषि इनपुट योजना के तहत अनुदान दिया जाना है. इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है. लेकिन किसानों की शिकायत है कि सरवर में खामी रहने के कारण अधिकांश किसानों का समय से आवेदन नहीं हो पा रहा है. इस खामी को दूर करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को सूचित किया गया है. जल्द ही यह समस्या दूर कर ली जाएगी ताकि किसानों को अनुदान की राशि से वंचित न होना पड़े.