सीतामढ़ी(बेलसंड): जिले के बेलसंड नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर 1 और 9 में मुख्यमंत्री शहरी नल जल योजना का काम करवाने वाला संवेदक इनदिनों दर-दर भटकने को मजबूर है. दरअसल, उसके बकाए रुपयों का भुगतान नहीं किया गया है. पीड़ित संवेदक रामाधार साह पिछले 2 वर्षों से 61 लाख की बकाया राशि लेने के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं.
बताया जाता है कि संवेदक रामाधार साह ने मुख्यमंत्री शहरी नल जल योजना के तहत दोनों वार्ड के घरों में कनेक्शन पहुंचाने का काम किया था. लेकिन आज तक संवेदक का भुगतान नहीं किया गया. प्रशासन से निराश होकर संवेदक ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई.
पीड़ित ने बताई आपबीती
संवेदक रामाधार शाह ने बताया कि नगर पंचायत की ओर से भुगतान नहीं किए जाने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में फरियाद की. जिसके बाद न्यायालय ने 3 सप्ताह के भीतर बकाया भुगतान करने का आदेश दिया था. विलंब होने पर 6% ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया गया था. इसके बावजूद भुगतान आज तक लंबित रखा गया है. ऐसे में उन्होंने दोबारा उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
क्या बोले कार्यपालक पदाधिकारी ?
इस संबंध में पूछे जाने पर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी शिव नाथ ठाकुर ने बताया कि नल जल योजना मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. इसके बावजूद संवेदक ने इस योजना का काम समय पर पूरा नहीं किया. संवेदक को दोनों वार्ड के 783 घरों में नल जल का कनेक्शन पहुंचाना था. लेकिन संवेदक ने केवल 456 घरों में कनेक्शन पहुंचाने का काम किया. अधूरे काम की उच्च स्तरीय जांच हुई थी. जिसमें संवेदक दोषी पाए गए थे इसलिए आंशिक भुगतान के बाद इनके 61 लाख रुपये के भुगतान पर रोक लगा दी गई.
विभागीय जांच में दोषी पाया गया संवेदक
नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी शिव नाथ ठाकुर की मानें तो विभागीय जांच में पाया गया था कि बोरिंग चालू हालत में नहीं है. वित्तीय वर्ष 2017-18 में वार्ड नंबर 1 और 9 में मुख्यमंत्री शहरी नल जल योजना का काम कराने के लिए 80 लाख 85 हजार 634 रुपये की प्राक्कलित राशि स्वीकृत की गई थी. इसके बावजूद संवेदक ने काम समय पर पूरा नहीं किया. कार्यपालक पदाधिकारी का बताना है कि संवेदक को यह निर्देश दिया गया है कि वह अधूरे काम को जल्द से जल्द पूरा करा दें. उसके बाद उनके सभी बकाए का भुगतान 15 रोज के अंदर कर दिया जाएगा.