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विद्यालय पर अतिक्रमण कर बना दिया पशुओं की शरण स्थली - बाढ़ का पानी

विद्यालय में रह रहे परिवार ने बताया कि ढाई महीने बीत जाने के बावजूद हम लोगों के घरों से पानी नहीं निकला है. जिससे वे लोग विद्यालय परिसर में अपने पशुओं के साथ रह रहे हैं.

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Published : Sep 26, 2020, 2:30 PM IST

सीतामढ़ीः जिले के परसौनी प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कठौर टोल पर 5 परिवारों ने ढाई माह से अतिक्रमण कर रखा है. यह विद्यालय परिसर पशुओं की शरण स्थली बन गया है. साथ ही यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है. प्रशासन की तरफ से भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

घरों में घुसा बाढ़ का पानी
स्थानीय लोगों ने बताया कि विद्यालय को अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. विद्यालय के कमरो में चारा रखने और चारा काटने का काम किया जा रहा है. वहीं, अतिक्रमण करने वाले राज किशोर मुखिया ने बताया कि 10 जुलाई को जिले में बाढ़ आई थी. उनके घरों में बाढ़ का पानी घुस गया था जिससे वे लोग विद्यालय में शरण लेकर रह रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

पशुओं के साथ रह रहे लोग
विद्यालय में रह रही सुनीता देवी ने बताया कि ढाई महीने बीत जाने के बावजूद हम लोगों के घरों से पानी नहीं निकला है. जिससे वे लोग विद्यालय परिसर में अपने पशुओं के साथ रह रहे हैं. शरण लिए हुए परिवार विद्यालय के कमरे में चारा रखने काटने और पशुओं को खिलाने का काम करते हैं. साथ ही विद्यालय परिसर में पशुओं के गोबर का अंबार लगा रहता है.

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गंदगी का अंबार

जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई
परसौनी प्रखंड के अंचलाधिकारी राहुल कुमार ने इस संबंध में बताया कि बाढ़ का पानी काफी दिनों पहले गांव और घरों से निकल चुका है. इसके बावजूद अगर विद्यालय को अतिक्रमण किया गया है तो यह गंभीर मामला है. इसकी जांच कराई जाएगी. साथ ही अतिक्रमण करने वाले परिवारों को मवेशियों के साथ अपने घरों में जाने का निर्देश दिया जाएगा. किस परिस्थिति में अब तक विद्यालय को पशु शरण स्थली के रूप में उपयोग किया जा रहा है यह जांच का विषय है.

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विद्यालय में पशु

सीतामढ़ीः जिले के परसौनी प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कठौर टोल पर 5 परिवारों ने ढाई माह से अतिक्रमण कर रखा है. यह विद्यालय परिसर पशुओं की शरण स्थली बन गया है. साथ ही यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है. प्रशासन की तरफ से भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

घरों में घुसा बाढ़ का पानी
स्थानीय लोगों ने बताया कि विद्यालय को अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. विद्यालय के कमरो में चारा रखने और चारा काटने का काम किया जा रहा है. वहीं, अतिक्रमण करने वाले राज किशोर मुखिया ने बताया कि 10 जुलाई को जिले में बाढ़ आई थी. उनके घरों में बाढ़ का पानी घुस गया था जिससे वे लोग विद्यालय में शरण लेकर रह रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

पशुओं के साथ रह रहे लोग
विद्यालय में रह रही सुनीता देवी ने बताया कि ढाई महीने बीत जाने के बावजूद हम लोगों के घरों से पानी नहीं निकला है. जिससे वे लोग विद्यालय परिसर में अपने पशुओं के साथ रह रहे हैं. शरण लिए हुए परिवार विद्यालय के कमरे में चारा रखने काटने और पशुओं को खिलाने का काम करते हैं. साथ ही विद्यालय परिसर में पशुओं के गोबर का अंबार लगा रहता है.

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गंदगी का अंबार

जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई
परसौनी प्रखंड के अंचलाधिकारी राहुल कुमार ने इस संबंध में बताया कि बाढ़ का पानी काफी दिनों पहले गांव और घरों से निकल चुका है. इसके बावजूद अगर विद्यालय को अतिक्रमण किया गया है तो यह गंभीर मामला है. इसकी जांच कराई जाएगी. साथ ही अतिक्रमण करने वाले परिवारों को मवेशियों के साथ अपने घरों में जाने का निर्देश दिया जाएगा. किस परिस्थिति में अब तक विद्यालय को पशु शरण स्थली के रूप में उपयोग किया जा रहा है यह जांच का विषय है.

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विद्यालय में पशु
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