सीतामढ़ी : रीगा डिस्टलरी प्रबंधन के अथक प्रयास के बाद बिहार के मुख्य औषधि नियंत्रक ने सैनिटाइजर उत्पादन के लिए लाइसेंस प्रदान कर दिया है. यहां 16 जून से डिस्टलरी में सैनिटाइजर का उत्पादन प्रारंभ कर दिया जाएगा.
कम कीमत में मिलेगा सैनिटाइजर
कंपनी के महाप्रबंधक शशि गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन 1.0 के बाद से जिलेवासियों और राज्य के लोगों को वैश्विक आपदा के दौरान सैनिटाइजर उत्पादन कर आसानी से उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार से बार-बार लाइसेंस की मांग की जा रही थी. अंततः औषधि नियंत्रण विभाग ने उत्पादन की अनुमति दे दी है. अब डिस्टलरी में उच्च क्वालिटी का सैनिटाइजर बनाकर बाजारों में बिकने वाले सैनिटाइजर की तुलना में काफी कम दामों में लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा.
मंगलवार से शुरू होगा उत्पादन
महाप्रबंधक ने बताया कि सैनिटाइजर उत्पादन के लिए सभी आवश्यक उपकरण और रॉ मटेरियल की उपलब्धता सुनिश्चित करा ली गई है. डिस्टलरी के पास अत्याधुनिक लैब भी तैयार है. साथ ही इसके निर्माण के लिए उच्च तकनीक क्षमता वाले कर्मियों की तैनाती कर दी गई है. मंगलवार से सैनिटाइजर का उत्पादन शुरू हो जाएगा.
प्रतिदिन उत्पादन क्षमता
जीएम ने बताया कि उत्पाद अधिनियम 2016 लागू होने से पहले चीनी मिल की डिस्टलरी में वाइन का उत्पादन किया जाता था, लेकिन नई उत्पाद नीति लागू होने के बाद से डिस्टलरी में इथेनॉल का उत्पादन हो रहा है. अब लाइसेंस मिलने के बाद प्रतिदिन 12,000 से 20,000 लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन किया जाएगा, जो इस वैश्विक आपदा में जिले और राज्य वासियों के लिए वरदान साबित होगा. वहीं, उन्होंने बताया कि सैनिटाइजर बनाने के लिए इथेनॉल, ग्लिसरीन, हाइड्रोजन पराक्साइड, डिस्टिल्ड वॉटर के अलावा एसेंस के मिश्रण से इसका निर्माण किया जाएगा और यह सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध हो चुकी है.
उपलब्धता वजन
डिस्टलरी में उत्पादित सैनिटाइजर की पैकिंग तीन प्रकार से की जाएगी. 5 लीटर, 1 लीटर और आधा लीटर का जार बनाया जाएगा और यह उच्च गुणवत्ता और कम दरों पर जरूरतमंदों को मुहैया कराई जाएगी.
25 कर्मियों की तैनाती
डिस्टलरी के महाप्रबंधक शशि गुप्ता ने बताया कि सैनिटाइजर उत्पादन के लिए उच्च तकनीक क्षमता वाले 25 कर्मियों की तैनाती की गई है. जिनकी देखरेख में उच्च गुणवत्ता वाले सैनिटाइजर का निर्माण सुनिश्चित कराया जाएगा.