सीतामढ़ी: एक तरफ कोरोना वायरस की महामारी को लेकर लोग अपने-अपने घरों में बंद है, दूसरी तरफ शुक्रवार को आई आंधी, बारिश और ओले गिरने से किसानों की फसल बर्बाद हो गई. इससे किसानों में मायूसी छाई है. इस, आपदा की घड़ी में गेहूं के साथ-साथ आम की फसल भी बर्बाद हो गई है.
बीते दिनों हुई बारिश ने गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया था. इससे किसान उबर भी नहीं पाए थे कि शुक्रवार की रात में आंधी बारिश के साथ आसमान से गिरे ओले ने किसानों की कमर तोड़ दी. बारिश और आंधी के कारण जिले के किसानों में मायूसी छाई हुई है.बेमौसम बारिश ने गेहूं की फसल के साथ आम को भी पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. किसानों ने बताया कि बर्फ गिरने के कारण आम के पेड़ पर लगे टीकोले पेड़ से टूट कर जमीन पर गिर गए. जिससे काफी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ा है.
किसानों को सरकार से मदद की आस
डुमरा प्रखंड के परसौनी गांव निवासी किसान नरेंद्र झा ने बताया कि पिछली बार बारिश ने गेहूं की फसल को बर्बाद कर दिया. खेत में ही फसल रह गई. वहीं, आज हुई बारिश और ओले ने आम को भी बर्बाद कर दिया है. किसानों का कहना है कि इस संकट की घड़ी में जिले के किसानों को अब सरकार से आस है. सरकार उनके दर्द को समझे और मदद करे. किसान नरेंद्र झा के मुताबिक जिले के किसान भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. फसल बर्बाद होने से किसानों को परिवार के भरण पोषण की चिंता रही है.