सीतामढ़ीः जिले के सुप्पी प्रखंड के अख्ता गांव निवासी सह जीविका दीदी रुबीना खातून ने जिले का नाम रोशन किया है. दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें पत्र लिख जमकर प्रशंसा की है. पीएम का पत्र मिलने के बाद से रुबीना काफी उत्साहित है. रुबीना खातून ने वैश्विक महामारी के दौर में रक्षा बंधन के मौके पर प्रधानमंत्री को मिथिला पेंटिंग का मास्क और खुद की बनायी राखी डाक के माध्यम से भेजी थी. इसके बाद पीएम ने रूबीना खातून को पत्र लिखकर रक्षा बंधन की शुभकामना दी. साथ ही उनके उज्वल भविष्य की कामना की.
रुबीना ने अपने काम की वजह से एक अलग पहचान बनाई है. कोरोना महामारी के बचाव को लेकर समाज की रक्षा करने के लिये अपने सहयोगियों के साथ मिलकर प्रयास किया और मास्क का निर्माण किया. इतना ही नहीं रक्षा बंधन के मौके पर रुबीना ने सीतामढ़ी जिला प्रशासन की ओर से चलाये जाने वाले मास्क फोर्स अभियान को भी एक नई दिशा देने की कोशिश की. रुबीना खातून ने हस्त निर्मित राखी का निर्माण कर कोरोना संक्रमण से कैसे बचा जाए, इस संदेश को लोगों तक पहुंचाने का काम किया.
पीएम ने की जीविका दीदी की प्रशंसा
रुबीना ने रक्षा बंधन के मौके पर देश के पीएम को मास्क फोर्स का हिस्सा संदेश वाली राखी और मधुबनी पेन्टिंग वाला मास्क भेजा था. जिसके जवाब में पीएम ने भी रुबीना के हौसले को एक नई उड़ान देने के लिये पत्र लिखकर उसका ना सिर्फ धन्यवाद किया, बल्कि रुबीना को उसके बेहतरीन काम के लिये हौसला आफजाई की. रुबीना सीतामढ़ी जिले मे जीविका दीदी के रुप मे लगातार वैसे प्रयासों को बढ़ावा दे रही है, जिससे वैश्विक महामारी को दूर किया जा सके. प्रधानमंत्री के पत्र मिलने के बाद रुबीना के हौसले बुलंद है और रुबीना काफी खुश है.
डीएम ने हर सहयोग करने का रुबीना से किया वादा
वहीं दूसरी ओर सीतामढ़ी प्रशासन ने भी रुबीना के जज्बे को सलाम किया है. डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने रुबीना के इस मुहिम में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है. डीएम ने रुबीना और उसके सहयोगियों को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. इसके लिये 10 लाख मास्क निर्माण करने का निर्देश दिया है. डीएम का मानना है कि रुबीना जैसे महिलाओं की मदद से मधुबनी पेन्टिंग जैसी विलुप्त हो रही संसकृति को ना सिर्फ बचाई जा सकती है, बल्कि गांवों में बेरोजगार महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है.
बहरहाल, सूबे की विलुप्त हो रही पौराणिक संस्कृति को बचाने में रुबीना का प्रयास काफी कारगर साबित हो रहा है. रुबीना के प्रयास का ही नतीजा है कि मास्क के जरिए आज मधुबनी पेंटिंग का रंग घर-घर में चढ़ रहा है.