सीतामढ़ी: सीतामढ़ी और शिवहर जिले की हजारों आबादी प्रशासनिक उदासीनता के कारण कई वर्षों से थाना और जिला के चक्कर में फंसी हुई है. इस कारण दोनों पंचायतों की जनता का सही समय पर न तो कामकाज का निपटारा हो पाता है ना ही न्याय मिल पाता है. नतीजा यह है कि जनता त्राहिमाम कर रही है.
मामला जन्म प्रमाण पत्र से लेकर पासपोर्ट का हो, या फिर चरित्र प्रमाण पत्र का. इन दोनों पंचायतों की जनता को दो जिले का चक्कर काटना पड़ रहा है. इसका असर आम जनता के जीवन के साथ-साथ पुलिसिया कार्रवाई पर भी पड़ता है. नतीजा है कि अत्याचार, अन्याय, विद्वेष, हिंसा का शिकार होने के बावजूद पीड़ित जनता उचित न्याय से वंचित हो जाती है. पुलिस भी इस मामले में उनकी मदद करने में विफल रहती है. इसे लेकर दोनों पंचायत की करीब 15000 की आबादी ने मांग की है कि जिस जिले के वो निवासी हैं, उन्हें उसी जिले के थाना से उनके पंचायत और गांव को जोड़ दिया जाए. ताकि उन्हें कागजी काम के साथ-साथ उचित न्याय लेने में परेशानी न हो.
सौली रुपौली पंचायत की समस्या
सौली रुपौली पंचायत सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड के अंतर्गत आता है. इस पंचायत से बेलसंड थाना की दूरी महज 2 किलोमीटर है. इस पंचायत के अंदर 4 गांव आते हैं जिसमें सौली, सिरसिया, रूपौली और ओलीपुर शामिल है. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण इस पंचायत के ओलीपुर गांव को बेलसंड थाना में शामिल नहीं किया गया है. वहीं सौली, रुपौली और सिरसिया गांव को शिवहर जिला के तरियानी छपरा थाना में शामिल किया गया है. जबकि तरियानी छपरा थाना की इस तीनों गांव की दूरी करीब 8 किलोमीटर है और बेलसंड थाना की दूरी महज दो किलोमीटर.
कागजात बनवाने में होती है परेशानी
बाढ़ की विभीषिका के कारण थाना और इस पंचायत के बीच का सड़क मार्ग साल में 4 महीने पूरी तरीके से बाधित रहता है. इस कारण ना तो पीड़ित जनता थाने तक पहुंच पाते हैं, न ही सूचना मिलने पर पुलिस समय से पीड़ितों तक पहुंच पाती है. इसके अलावा चरित्र प्रमाण पत्र बनाना हो या फिर पासपोर्ट का मामला हो, इन 3 गांवों की जनता को इसके लिए शिवहर जिला के तरियानी छपरा और जिला मुख्यालय का चक्कर काटना पड़ता है. वहीं, राजस्व से संबंधित कार्यो का निपटारा सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड में होता है. लिहाजा इस पंचायत की करीब छह हजार की आबादी थाना और जिला के चक्कर में बरसों से पीस रही है.
खुर पट्टी पंचायत की समस्या
खुर पट्टी पंचायत शिवहर जिला के तरियानी थाना क्षेत्र में है. इस पंचायत के अंदर 4 गांव आता है जिसमें जगदीशपुर, कोठिया और महादेवा सहित 3 गांव तरियानी थाना में शामिल हैं. इस पंचायत का एक गांव खोठ्ठा बेलसंड थाना में शामिल है, जबकि खोठ्ठा गांव से तरियानी छपरा थाना की दूरी महज 2 किलोमीटर है. वहीं बेलसंड थाना की दूरी 15 किलोमीटर से ज्यादा है. इस गांव के वैसे लोग जिनका आचरण प्रमाण पत्र बनाना होता है, उनका सत्यापन बेलसंड थाना पुलिस करती है. उस प्रमाण पत्र को शिवहर जिला एसपी कार्यालय से निर्गत किया जाता है. ऐसे में इन दोनों पंचायतों की हजारों जनता प्रशासनिक चक्की में पीस रही है. हैरत की बात ये है कि इस पर किसी भी राजनेता या आलाअधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है.
यातायात प्रभावित होने से होती है परेशानी
जिलाऔर पंचायत की चक्की में पिस रही जनता और पुलिसकर्मी दोनों ही परेशान हैं. प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि सौली रुपौली पंचायत के 3 गांव बेलसंड थाना से काफी करीब है. इसलिए उन तीनों गांव को उस थाना से जोड़ देना चाहिए ताकि लोगों को समुचित लाभ मिल सके. तरियानी छपरा थाना से इन तीनों गांव की बहुत ज्यादा दूरी है और यातायात महीनों प्रभावित है. इस कारण न तो समय पर पुलिस पहुंच पाती है ना ही पीड़ित जनता थाना आ पाती है. लिहाजा जनता को हक, अधिकार और न्याय कुछ भी नहीं मिल पाता.
'जल्द ही समस्या का होगा समाधान'
मामले पर सीतामढ़ी के जिलाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि यह बहुत बड़ी समस्या है. इसके लिए बहुत जल्द शिवहर के जिला अधिकारी और एसपी से बातचीत की जाएगी. जल्द ही सौली रुपौली गांव को बेलसंड थाना से जोड़ने और खोठ्ठा गांव को शिवहर जिले के तरियानी छपरा थाना से जोड़ने की कवायद शुरू की जाएगी. ताकि विधि व्यवस्था के साथ अन्य सरकारी विभागीय कार्यों में किसी प्रकार की समस्या इन दोनों पंचायतों की जनता को न उठानी पड़े. जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा.