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थाना और जिला के फेर में फंसी दो पंचायत की जनता, DM ने दिया समस्या के सामाधान का आश्वासन - Problem will be solved soon

सीतामढ़ी के जिलाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि जल्द ही सौली रुपौली गांव को बेलसंड थाना से जोड़ने और खोठ्ठा गांव को शिवहर जिले के तरियानी छपरा थाना से जोड़ने की कवायद शुरू की जाएगी. ताकि विधि व्यवस्था के साथ अन्य सरकारी विभागीय कार्यों में किसी प्रकार की समस्या इन दोनों पंचायतों की जनता को न उठानी पड़े.

थाना और जिला के फेर में फंसी दो पंचायत की जनता
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Published : Aug 31, 2019, 3:22 PM IST

सीतामढ़ी: सीतामढ़ी और शिवहर जिले की हजारों आबादी प्रशासनिक उदासीनता के कारण कई वर्षों से थाना और जिला के चक्कर में फंसी हुई है. इस कारण दोनों पंचायतों की जनता का सही समय पर न तो कामकाज का निपटारा हो पाता है ना ही न्याय मिल पाता है. नतीजा यह है कि जनता त्राहिमाम कर रही है.

मामला जन्म प्रमाण पत्र से लेकर पासपोर्ट का हो, या फिर चरित्र प्रमाण पत्र का. इन दोनों पंचायतों की जनता को दो जिले का चक्कर काटना पड़ रहा है. इसका असर आम जनता के जीवन के साथ-साथ पुलिसिया कार्रवाई पर भी पड़ता है. नतीजा है कि अत्याचार, अन्याय, विद्वेष, हिंसा का शिकार होने के बावजूद पीड़ित जनता उचित न्याय से वंचित हो जाती है. पुलिस भी इस मामले में उनकी मदद करने में विफल रहती है. इसे लेकर दोनों पंचायत की करीब 15000 की आबादी ने मांग की है कि जिस जिले के वो निवासी हैं, उन्हें उसी जिले के थाना से उनके पंचायत और गांव को जोड़ दिया जाए. ताकि उन्हें कागजी काम के साथ-साथ उचित न्याय लेने में परेशानी न हो.

थाना और जिला के फेर में फंसी दो पंचायत की जनता

सौली रुपौली पंचायत की समस्या
सौली रुपौली पंचायत सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड के अंतर्गत आता है. इस पंचायत से बेलसंड थाना की दूरी महज 2 किलोमीटर है. इस पंचायत के अंदर 4 गांव आते हैं जिसमें सौली, सिरसिया, रूपौली और ओलीपुर शामिल है. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण इस पंचायत के ओलीपुर गांव को बेलसंड थाना में शामिल नहीं किया गया है. वहीं सौली, रुपौली और सिरसिया गांव को शिवहर जिला के तरियानी छपरा थाना में शामिल किया गया है. जबकि तरियानी छपरा थाना की इस तीनों गांव की दूरी करीब 8 किलोमीटर है और बेलसंड थाना की दूरी महज दो किलोमीटर.

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यातायात प्रभावित होने से बढ़ी परेशानी

कागजात बनवाने में होती है परेशानी
बाढ़ की विभीषिका के कारण थाना और इस पंचायत के बीच का सड़क मार्ग साल में 4 महीने पूरी तरीके से बाधित रहता है. इस कारण ना तो पीड़ित जनता थाने तक पहुंच पाते हैं, न ही सूचना मिलने पर पुलिस समय से पीड़ितों तक पहुंच पाती है. इसके अलावा चरित्र प्रमाण पत्र बनाना हो या फिर पासपोर्ट का मामला हो, इन 3 गांवों की जनता को इसके लिए शिवहर जिला के तरियानी छपरा और जिला मुख्यालय का चक्कर काटना पड़ता है. वहीं, राजस्व से संबंधित कार्यो का निपटारा सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड में होता है. लिहाजा इस पंचायत की करीब छह हजार की आबादी थाना और जिला के चक्कर में बरसों से पीस रही है.

खुर पट्टी पंचायत की समस्या
खुर पट्टी पंचायत शिवहर जिला के तरियानी थाना क्षेत्र में है. इस पंचायत के अंदर 4 गांव आता है जिसमें जगदीशपुर, कोठिया और महादेवा सहित 3 गांव तरियानी थाना में शामिल हैं. इस पंचायत का एक गांव खोठ्ठा बेलसंड थाना में शामिल है, जबकि खोठ्ठा गांव से तरियानी छपरा थाना की दूरी महज 2 किलोमीटर है. वहीं बेलसंड थाना की दूरी 15 किलोमीटर से ज्यादा है. इस गांव के वैसे लोग जिनका आचरण प्रमाण पत्र बनाना होता है, उनका सत्यापन बेलसंड थाना पुलिस करती है. उस प्रमाण पत्र को शिवहर जिला एसपी कार्यालय से निर्गत किया जाता है. ऐसे में इन दोनों पंचायतों की हजारों जनता प्रशासनिक चक्की में पीस रही है. हैरत की बात ये है कि इस पर किसी भी राजनेता या आलाअधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है.

यातायात प्रभावित होने से होती है परेशानी
जिलाऔर पंचायत की चक्की में पिस रही जनता और पुलिसकर्मी दोनों ही परेशान हैं. प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि सौली रुपौली पंचायत के 3 गांव बेलसंड थाना से काफी करीब है. इसलिए उन तीनों गांव को उस थाना से जोड़ देना चाहिए ताकि लोगों को समुचित लाभ मिल सके. तरियानी छपरा थाना से इन तीनों गांव की बहुत ज्यादा दूरी है और यातायात महीनों प्रभावित है. इस कारण न तो समय पर पुलिस पहुंच पाती है ना ही पीड़ित जनता थाना आ पाती है. लिहाजा जनता को हक, अधिकार और न्याय कुछ भी नहीं मिल पाता.

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डॉ. रंजीत कुमार सिंह, जिलाधिकारी

'जल्द ही समस्या का होगा समाधान'
मामले पर सीतामढ़ी के जिलाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि यह बहुत बड़ी समस्या है. इसके लिए बहुत जल्द शिवहर के जिला अधिकारी और एसपी से बातचीत की जाएगी. जल्द ही सौली रुपौली गांव को बेलसंड थाना से जोड़ने और खोठ्ठा गांव को शिवहर जिले के तरियानी छपरा थाना से जोड़ने की कवायद शुरू की जाएगी. ताकि विधि व्यवस्था के साथ अन्य सरकारी विभागीय कार्यों में किसी प्रकार की समस्या इन दोनों पंचायतों की जनता को न उठानी पड़े. जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा.

सीतामढ़ी: सीतामढ़ी और शिवहर जिले की हजारों आबादी प्रशासनिक उदासीनता के कारण कई वर्षों से थाना और जिला के चक्कर में फंसी हुई है. इस कारण दोनों पंचायतों की जनता का सही समय पर न तो कामकाज का निपटारा हो पाता है ना ही न्याय मिल पाता है. नतीजा यह है कि जनता त्राहिमाम कर रही है.

मामला जन्म प्रमाण पत्र से लेकर पासपोर्ट का हो, या फिर चरित्र प्रमाण पत्र का. इन दोनों पंचायतों की जनता को दो जिले का चक्कर काटना पड़ रहा है. इसका असर आम जनता के जीवन के साथ-साथ पुलिसिया कार्रवाई पर भी पड़ता है. नतीजा है कि अत्याचार, अन्याय, विद्वेष, हिंसा का शिकार होने के बावजूद पीड़ित जनता उचित न्याय से वंचित हो जाती है. पुलिस भी इस मामले में उनकी मदद करने में विफल रहती है. इसे लेकर दोनों पंचायत की करीब 15000 की आबादी ने मांग की है कि जिस जिले के वो निवासी हैं, उन्हें उसी जिले के थाना से उनके पंचायत और गांव को जोड़ दिया जाए. ताकि उन्हें कागजी काम के साथ-साथ उचित न्याय लेने में परेशानी न हो.

थाना और जिला के फेर में फंसी दो पंचायत की जनता

सौली रुपौली पंचायत की समस्या
सौली रुपौली पंचायत सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड के अंतर्गत आता है. इस पंचायत से बेलसंड थाना की दूरी महज 2 किलोमीटर है. इस पंचायत के अंदर 4 गांव आते हैं जिसमें सौली, सिरसिया, रूपौली और ओलीपुर शामिल है. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण इस पंचायत के ओलीपुर गांव को बेलसंड थाना में शामिल नहीं किया गया है. वहीं सौली, रुपौली और सिरसिया गांव को शिवहर जिला के तरियानी छपरा थाना में शामिल किया गया है. जबकि तरियानी छपरा थाना की इस तीनों गांव की दूरी करीब 8 किलोमीटर है और बेलसंड थाना की दूरी महज दो किलोमीटर.

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यातायात प्रभावित होने से बढ़ी परेशानी

कागजात बनवाने में होती है परेशानी
बाढ़ की विभीषिका के कारण थाना और इस पंचायत के बीच का सड़क मार्ग साल में 4 महीने पूरी तरीके से बाधित रहता है. इस कारण ना तो पीड़ित जनता थाने तक पहुंच पाते हैं, न ही सूचना मिलने पर पुलिस समय से पीड़ितों तक पहुंच पाती है. इसके अलावा चरित्र प्रमाण पत्र बनाना हो या फिर पासपोर्ट का मामला हो, इन 3 गांवों की जनता को इसके लिए शिवहर जिला के तरियानी छपरा और जिला मुख्यालय का चक्कर काटना पड़ता है. वहीं, राजस्व से संबंधित कार्यो का निपटारा सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड में होता है. लिहाजा इस पंचायत की करीब छह हजार की आबादी थाना और जिला के चक्कर में बरसों से पीस रही है.

खुर पट्टी पंचायत की समस्या
खुर पट्टी पंचायत शिवहर जिला के तरियानी थाना क्षेत्र में है. इस पंचायत के अंदर 4 गांव आता है जिसमें जगदीशपुर, कोठिया और महादेवा सहित 3 गांव तरियानी थाना में शामिल हैं. इस पंचायत का एक गांव खोठ्ठा बेलसंड थाना में शामिल है, जबकि खोठ्ठा गांव से तरियानी छपरा थाना की दूरी महज 2 किलोमीटर है. वहीं बेलसंड थाना की दूरी 15 किलोमीटर से ज्यादा है. इस गांव के वैसे लोग जिनका आचरण प्रमाण पत्र बनाना होता है, उनका सत्यापन बेलसंड थाना पुलिस करती है. उस प्रमाण पत्र को शिवहर जिला एसपी कार्यालय से निर्गत किया जाता है. ऐसे में इन दोनों पंचायतों की हजारों जनता प्रशासनिक चक्की में पीस रही है. हैरत की बात ये है कि इस पर किसी भी राजनेता या आलाअधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है.

यातायात प्रभावित होने से होती है परेशानी
जिलाऔर पंचायत की चक्की में पिस रही जनता और पुलिसकर्मी दोनों ही परेशान हैं. प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि सौली रुपौली पंचायत के 3 गांव बेलसंड थाना से काफी करीब है. इसलिए उन तीनों गांव को उस थाना से जोड़ देना चाहिए ताकि लोगों को समुचित लाभ मिल सके. तरियानी छपरा थाना से इन तीनों गांव की बहुत ज्यादा दूरी है और यातायात महीनों प्रभावित है. इस कारण न तो समय पर पुलिस पहुंच पाती है ना ही पीड़ित जनता थाना आ पाती है. लिहाजा जनता को हक, अधिकार और न्याय कुछ भी नहीं मिल पाता.

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डॉ. रंजीत कुमार सिंह, जिलाधिकारी

'जल्द ही समस्या का होगा समाधान'
मामले पर सीतामढ़ी के जिलाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि यह बहुत बड़ी समस्या है. इसके लिए बहुत जल्द शिवहर के जिला अधिकारी और एसपी से बातचीत की जाएगी. जल्द ही सौली रुपौली गांव को बेलसंड थाना से जोड़ने और खोठ्ठा गांव को शिवहर जिले के तरियानी छपरा थाना से जोड़ने की कवायद शुरू की जाएगी. ताकि विधि व्यवस्था के साथ अन्य सरकारी विभागीय कार्यों में किसी प्रकार की समस्या इन दोनों पंचायतों की जनता को न उठानी पड़े. जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा.

Intro:सीतामढ़ी और शिवहर जिले का एक एक पंचायत ऐसा जंहा की हजारो जनता वर्षो से दो जिला और दो थाना के चक्कर में प्रशासनिक चक्की में पीस रही है। Body:सीतामढ़ी और शिवहर जिला का एक-एक पंचायत की हजारों की आबादी प्रशासनिक उदासीनता के कारण आज कई वर्षों से थाना और जिला के चक्कर में फांसी हुई है। इस कारण दोनों पंचायत की जनता को सही समय पर ना तो कामकाज का निपटारा हो पाता है ना ही न्याय मिल पा रहा है। नतीजा जनता त्राहिमाम कर रही है। मामला जन्म प्रमाण पत्र से लेकर पासपोर्ट का हो या फिर चरित्र प्रमाण पत्र का इन दोनों पंचायत की जनता को दो जिला का चक्कर काटना पड़ रहा है। और इसका असर आम जनता के जीवन के साथ-साथ पुलिसिया कार्रवाई पर भी पड़ता है। इसका नतीजा है कि अत्याचार अन्याय, विद्वेष, हिंसा के शिकार होने के बावजूद पीड़ित जनता उचित न्याय से वंचित हो जाती है। और पुलिस भी इस मामले में उनकी मदद करने में विफल रहती है। इसको लेकर दोनों पंचायत की करीब 15000 की आबादी ने यह मांग की है कि जिस जिले के वो निवासी हैं। उन्हे उसी जिले के थाना से उनके पंचायत और गांव को जोड़ दिया जाए। ताकि उन्हें कागजी काम के साथ-साथ उचित न्याय लेने में परेशानी या कोई बाधा आड़े न आय।
सौली रुपौली पंचायत की समस्या:________________
यह पंचायत सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड के अंतर्गत आता है। और इस पंचायत से बेलसंड थाना की दूरी महज 2 किलोमीटर है। और इस पंचायत के अंदर 4 गांव आता है। जिसमें सौली, सिरसिया, रूपौली और ओलीपुर शामिल है। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण इस पंचायत के ओलीपुर गांव को बेलसंड थाना में शामिल किया गया है। वहीं सौली, रुपौली और सिरसिया गाँव को शिवहर जिला के तरियानी छपरा थाना में शामिल किया गया है। जबकि तरियानी छपरा थाना की इस तीनों गाँव की दूरी करीब 8 किलोमीटर है। और बेलसंड थाना की दूरी महज दो किलोमीटर है। इसके साथ ही बाढ़ की विभीषिका के कारण थाना और इस पंचायत के बीच का सड़क मार्ग साल में 4 महीने पूरी तरीके से बाधित रहता है। इस कारण दूरी और सड़क मार्ग में बाधा आने के कारण ना तो पीड़ित जनता थाने तक पहुंच पाते है। ना ही सूचना मिलने पर पुलिस समय से पीड़ितों तक पहुंच पाती है। इसके अलावा चरित्र प्रमाण पत्र बनाना हो या पासपोर्ट का मामला इन 3 गांव की जनता को उसके लिए शिवहर जिला के तरियानी छपरा और जिला मुख्यालय का चक्कर काटना पड़ता है। वहीं राजस्व से संबंधित कार्यो का निपटारा सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड में होता है। लिहाजा इस पंचायत की करीब छह हजार की आबादी थाना और जिला के चक्कर में बरसों से पीस रही है।
बाइट 1. सुरेश गौतम। अधिवक्ता रुपौली गांव निवासी। ब्लू टीशर्ट में।
बाइट 2. रंजीत कुमार बैठा। सरपंच सौली रुपौली पंचायत।
खुर पट्टी पंचायत की समस्या:__________________
यह पंचायत शिवहर जिला के तरियानी थाना क्षेत्र में है।और इस पंचायत के अंदर 4 गांव आता है। जिसमें जगदीशपुर कोठिया महादेवा सहित 3 गांव तरियानी थाना में शामिल है। वहीं इस पंचायत का एक गांव खोठ्ठा बेलसंड थाना में शामिल है। जबकि खोठ्ठा गांव से तरियानी छपरा थाना की दूरी महज 2 किलोमीटर है। वही बेलसंड थाना की दूरी 15 किलोमीटर से ज्यादा है। इसके अलावा इस गांव के वैसे लोग जिनका आचरण प्रमाण पत्र बनाना होता है। उसका सत्यापन बेलसंड थाना पुलिस द्वारा किया जाता है। और उस प्रमाण पत्र को शिवहर जिला एसपी कार्यालय से निर्गत किया जाता है। ऐसे में इन दोनों पंचायत की हजारों जनता को प्रशासनिक चक्की में पीसा जा रहा है। और इस पर किसी भी राजनेता या आलाअधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है। भला जाए भी क्यों यह तो आम जनता की परेशानी है।
बाइट 3. कौशल किशोर सिंह। खुरपट्टी पंचायत निवासी। कुर्ता में।
बाइट 4. रामचंद्र यादव। प्रभारी थाना अध्यक्ष। तरियानी छपरा थाना शिवहर।
हालांकि इस जिला और पंचायत की चक्की में पिस रही जनता और पुलिसकर्मी दोनों ही परेशान हैं। प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि सौली रुपौली पंचायत के 3 गांव बेलसंड थाना से काफी करीब है। इसलिए उन तीनों गांव को उस थाना से जोड़ देना चाहिए। ताकि लोगों को समुचित लाभ मिल सके। तरियानी छपरा थाना से इन तीनों गांव की बहुत ज्यादा दूरी है। और यातायात महीनों प्रभावित रहने के कारण न तो समय पर पुलिस पहुंच पाती है ना ही पीड़ित जनता थाने आ पाती है। लिहाजा जनता को उसका हक, अधिकार और न्याय कुछ भी नहीं मिल पाता।
डीएम का बयान:_____________________
इस समस्या पर पूछे जाने पर सीतामढ़ी के जिलाधिकारी डॉ रंजीत कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि यह बहुत बड़ी समस्या है। और इसके लिए बहुत जल्द शिवहर के जिलाअधिकारी और एसपी से वार्ता कर। जल्द ही सौली रुपौली गांव को बेलसंड थाना से जोड़ने और खोठ्ठा गांव को शिवहर जिले के तरियानी छपरा थाना से जोड़ने की कवायद शुरू की जाएगी। ताकि विधि व्यवस्था के साथ अन्य सरकारी विभागीय कार्यों में किसी प्रकार की समस्या इन दोनों पंचायत की जनता को नहीं उठानी पड़े। क्योंकि राजस्व के कार्यों के अलावे पुलिसिया कार्रवाई पर भी इसका खासा असर पर रहा है। जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा।
बाइट 5. डॉ रंजीत कुमार सिंह। डीएम सीतामढ़ी। Conclusion:हालांकि इन दोनों पंचायत की जनता को अनेकों तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर पुलिस से संबंधित मामला होता है तो उन्हें न्याय पाने के लिए शिवहर जिले का चक्कर काटना पड़ता है। वहीं राजस्व से संबंधित मामला के लिए सीतामढ़ी जिले का चक्कर लगाना होता है। और यह सिलसिला शिवहर जिले के खोठ्ठा गाँव और सीतामढ़ी जिले के सौली, रुपौली और सिरसिया गाँव की जनता को आज बरसों से झेलनी पड़ रही है।
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