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सीतामढ़ी : जन सहयोग से सीताकुंड तालाब की हो रही सफाई

महंत कौशल दास ने कहा कि सीता कुंड तालाब में हर साल करीब आठ से 10,000 परिवार छठ व्रत करने पहुंचते हैं. लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि की ओर से किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जाता है.

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Published : Nov 1, 2019, 8:53 AM IST

Updated : Nov 1, 2019, 9:29 AM IST

सीताकुंड तालाब

सीतामढ़ीः लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज दूसरा दिन है. छठव्रती आज खरना का प्रसाद बनाएंगी और शाम में छठ माता को अर्पित कर प्रसाद ग्रहण करेंगी, जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा. एक तरफ जहां प्रदेश में प्रशासन की ओर से छठ घाट, तालाब और पोखर की तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा है. वहीं, जिले में स्थित मां सीता की जन्म स्थली पुनौरा धाम के सीता कुंड तालाब पर प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. यहां स्थानीय लोग खुद तालाब की सफाई कर रहे हैं.

स्थानीय लोग करते हैं घाट की मरम्मत
जिले में छठ व्रतियों के लिए छठ घाट की सफाई अंतिम चरण में है. मां जगत जननी सीता की जन्म स्थली पुनौरा धाम के सीता कुंड तालाब पर स्थानीय लोगों के सहयोग से छठ घाट की सफाई और मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. महंत कौशल दास ने कहा कि सीताकुंड तालाब में हर साल करीब आठ से 10,000 परिवार छठ व्रत करने पहुंचते हैं. लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि की ओर से किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जाता है. वहीं, स्थानीय निवासी विजय राय ने बताया कि तालाब पर साफ-सफाई और मरम्मत का काम स्थानीय लोग ही मिलजुलकर करते हैं. प्रशासन की ओर से यहां किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं किया जाता है.

sitamarhi
सीता कुंड तालाब

कुंड में निर्मित है 5 तालाब
महंत ने बताया कि मां जगत जननी सीता पुनौरा धाम के कुंड में 5 तालाब निर्मित है. जिसमें पुंडरीक ऋषि आश्रम का तालाब बाबा पोखरिया, सीता कुंड, पुनौरा गांव स्थित तालाब और खड़का तलाब शामिल है. तालाबों में करीब 25 से 30000 परिवार छठ व्रत करते हैं. लेकिन इन जगहों पर जिला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग मिलजुल कर हर साल साफ-सफाई सहित छठ संबधित व्यवस्था करते है. हालांकि छठ के अवसर पर एसडीआरएफ की टीम के अलावा पुलिस बल की तैनाती जरूर की जाती है.

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जायजा लेने लखनदेई नदी पहुंचे एसडीओ कुमार गौरव

क्या है इनका कहना?

एसडीओ कुमार गौरव लखनदेई नदी के किनारे छठ घाट का जायजा लिया. घाट के आसपास गंदगी को देखकर उन्होंने सफाई कर्मियों को घाट पर साफ-सफाई के निर्देश दिए. वहीं उन्होंने पुनौरा धाम सीता कुंड के संबंध में कहा कि घाट पर जो भी कमियां है जिला प्रशासन की ओर से उसे ज्लद से जल्द दूर की जाएगी. इस दौरान उन्होंने बताया कि पर्व के अवसर पर छठ घाटों पर एसडीआरएफ की टीम, रोशनी और पेयजल की व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. ट्रैफिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त और सहज बनाए रखने के लिए जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. पर्व पर किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हो इसके लिए खतरनाक घाटों का चयन कर वहां पर गोताखोर और नाव की व्यवस्था की जाएगी.

देखें पूरी रिपोर्ट

सीतामढ़ीः लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज दूसरा दिन है. छठव्रती आज खरना का प्रसाद बनाएंगी और शाम में छठ माता को अर्पित कर प्रसाद ग्रहण करेंगी, जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा. एक तरफ जहां प्रदेश में प्रशासन की ओर से छठ घाट, तालाब और पोखर की तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा है. वहीं, जिले में स्थित मां सीता की जन्म स्थली पुनौरा धाम के सीता कुंड तालाब पर प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. यहां स्थानीय लोग खुद तालाब की सफाई कर रहे हैं.

स्थानीय लोग करते हैं घाट की मरम्मत
जिले में छठ व्रतियों के लिए छठ घाट की सफाई अंतिम चरण में है. मां जगत जननी सीता की जन्म स्थली पुनौरा धाम के सीता कुंड तालाब पर स्थानीय लोगों के सहयोग से छठ घाट की सफाई और मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. महंत कौशल दास ने कहा कि सीताकुंड तालाब में हर साल करीब आठ से 10,000 परिवार छठ व्रत करने पहुंचते हैं. लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि की ओर से किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जाता है. वहीं, स्थानीय निवासी विजय राय ने बताया कि तालाब पर साफ-सफाई और मरम्मत का काम स्थानीय लोग ही मिलजुलकर करते हैं. प्रशासन की ओर से यहां किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं किया जाता है.

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सीता कुंड तालाब

कुंड में निर्मित है 5 तालाब
महंत ने बताया कि मां जगत जननी सीता पुनौरा धाम के कुंड में 5 तालाब निर्मित है. जिसमें पुंडरीक ऋषि आश्रम का तालाब बाबा पोखरिया, सीता कुंड, पुनौरा गांव स्थित तालाब और खड़का तलाब शामिल है. तालाबों में करीब 25 से 30000 परिवार छठ व्रत करते हैं. लेकिन इन जगहों पर जिला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग मिलजुल कर हर साल साफ-सफाई सहित छठ संबधित व्यवस्था करते है. हालांकि छठ के अवसर पर एसडीआरएफ की टीम के अलावा पुलिस बल की तैनाती जरूर की जाती है.

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जायजा लेने लखनदेई नदी पहुंचे एसडीओ कुमार गौरव

क्या है इनका कहना?

एसडीओ कुमार गौरव लखनदेई नदी के किनारे छठ घाट का जायजा लिया. घाट के आसपास गंदगी को देखकर उन्होंने सफाई कर्मियों को घाट पर साफ-सफाई के निर्देश दिए. वहीं उन्होंने पुनौरा धाम सीता कुंड के संबंध में कहा कि घाट पर जो भी कमियां है जिला प्रशासन की ओर से उसे ज्लद से जल्द दूर की जाएगी. इस दौरान उन्होंने बताया कि पर्व के अवसर पर छठ घाटों पर एसडीआरएफ की टीम, रोशनी और पेयजल की व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. ट्रैफिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त और सहज बनाए रखने के लिए जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. पर्व पर किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हो इसके लिए खतरनाक घाटों का चयन कर वहां पर गोताखोर और नाव की व्यवस्था की जाएगी.

देखें पूरी रिपोर्ट
Intro: मां सीता की जन्म स्थली पुनौरा धाम छठ घाट पर जन सहयोग से की जा रही है छठ घाट की सफाई। प्रशासन की ओर से उदासीनता बरतने पर लोगों में नाराजगी।Body: जिले में छठ व्रतियों के लिए छठ घाट की सफाई अंतिम चरण में है। मां जगत जननी सीता की जन्म स्थली पुनौरा धाम के सीता कुंड तालाब में भी स्थानीय लोगों के सहयोग से छठ घाट की सफाई तथा मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है और उसका अंतिम रूप भी दिया जा रहा है। स्थानीय लोगो और महंत कौशल दास का बताना है कि इस सीताकुंड तालाब में प्रतिवर्ष करीब आठ से 10,000 परिवार छठ व्रत करने पहुंचते हैं। लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि की ओर से किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जाता है।इसको लेकर छठ पर्व करने वाले तथा मंदिर के महंत बेहद नाराज हैं। महंत ने बताया कि मां जगत जननी सीता पुनौरा धाम के तहत 5 तालाब निर्मित है। जिसमें पुंडरीक ऋषि आश्रम का तालाब बाबा पोखरिया, सीता कुंड, पुनौरा गांव स्थित तालाब और खड़का तलाब शामिल है। और इन सभी तालाबों में करीब 25 से 30000 परिवार छठ व्रत करते हैं। लेकिन इन जगहों पर जिला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं दिया जाता है। हालाकी छठ के अवसर पर एसडीआरएफ की टीम के अलावा पुलिस बल की तैनाती जरूर की जाती है।
बाइट 1. विजय राय। पुनौरा गांव निवासी।
बाइट 2. महंत कौशल किशोर दास। पुजारी सीता जन्म स्थली पुनौरा धाम।
इसके अलावा जिले में सभी तालाब, पोखर, बागमती नदी गंडक पुरानी धार, लखनदेई नदी पर भी जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों के जन सहयोग से छठ घाटों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सीतामढ़ी के सदर एसडीओ कुमार गौरव छठ घाट का जायजा लेने लखनदेई नदी के किनारे पहुंचे। और उन्होंने वहां आसपास के गंदगी को देखकर सफाई कर्मियों को कई दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि पुनौरा धाम सीता कुंड के संबंध में उन्हें ईटीवी भारत द्वारा जानकारी दी गई है। उस घाट पर भी जिला प्रशासन की ओर से जो भी कमियां है उसे जल्द से जल्द दूर की जाएगी। और आम लोगों की जो शिकायत है उसे तत्काल दूर किया जाएगा। हर तरह की तैयारी उन घाटों पर भी की जाएगी किसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी। एसडीओ कुमार गौरव ने बताया कि छठ के अवसर पर एसडीआरएफ की टीम, रोशनी और पेयजल की व्यवस्था के साथ सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त और सहज बनाए रखने के लिए जगह जगह पर पुलिस बल की तैनाती की जाएगी।
बाइट 3.कुमार गौरव। एसडीओ सीतामढ़ी ब्लू शर्ट में।Conclusion: जिला प्रशासन का बताना है कि जिले के उन घाटों पर विशेष चौकसी और निगरानी बरती जाएगी। जिस क्षेत्र में इस बार बाढ़ की विभीषिका के कारण जलस्तर काफी ज्यादा है। वैसे जगहों को चिन्हित कर लिया गया है और वहां पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाएंगे।
Last Updated : Nov 1, 2019, 9:29 AM IST
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