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प्रभेद गन्ना नहीं लेने पर प्रबंधन और किसानों के बीच नोकझोंक, आत्महत्या की चेतावानी - प्रभेद गन्ने

शुगर मिल के पताही तौल सेंटर पर प्रभेद गन्ना नहीं लेने पर किसान और केन मैनेजर के बीच नोकझोंक हो गई. केन मैनेजर चंद्रशेखर चौधरी ने बताया कि सरकार के स्तर से ही इस वैरायटी 150 प्रजाति के गन्ने पर रोक लगा दी गई है. क्योंकि इस गन्ने से रिकवरी ज्यादा नहीं होती है.

Riga Sugar Mill
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Published : Feb 16, 2020, 12:33 PM IST

सीतामढ़ी: रीगा शुगर मिल के पताही तौल सेंटर पर शनिवार को किसानों और केन मैनेजर के बीच काफी देर तक नोकझोंक हुई. किसानों का कहना है कि शुगर मिल के कहने पर किसानों ने अपने खेतों में प्रभेद गन्ना लगाए थे, लेकिन अब उस गन्ने को रिजेक्ट कर दिया जा रहा है.

किसानों ने दी आत्महत्या की चेतावनी
बता दें कि गन्ना नहीं लेने के कारण किसानों में काफी आक्रोश है. किसानों ने मिल प्रबंधन के अधिकारी के सामने तौल नहीं करने पर आत्महत्या की चेतावनी दे रहे है. किसानों का आरोप है कि खेतों में जो प्रभेद गन्ना लगा है. अगर उसे मिल प्रबंधन तौल सेंटर पर नहीं लिया जा रहा तो किसान उस गन्ने को उपजाकर अब क्या करेंगे. किसानों की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी भी नहीं है कि वाहनों का ज्यादा किराया देकर उसे अपने खेतों से गन्ने को मिल तक पहुंचाएं.

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गन्ना नहीं लेने पर किसानों में आक्रोश

गन्ने लेने से हिचक रही है प्रबंधन
केन मैनेजर चंद्रशेखर चौधरी ने बताया कि सरकार के स्तर से ही इस प्रभेद गन्ने पर रोक लगा दी गई है. क्योंकि इस गन्ने से रिकवरी ज्यादा नहीं होती और न ही किसानों को इससे ज्यादा लाभ होता है. इस कारण गन्ने लेने से प्रबंधन हिचक रही है.

पेश है रिपोर्ट

आश्वासन के बाद शांत हुए किसान
रीगा शुगर मिल के कैन मैनेजर चंद्रशेखर चौधरी ने बताया कि प्रभेद गन्ने का तौल सेंटर पर हो. इसके लिए प्रबंधन से बातचीत की जाएगी. इस आश्वासन के बाद किसान शांत हुए. किसानों का आरोप है कि विगत पेराई सत्र में भी मिल प्रबंधन ने 150 प्रभेद गन्ने पर रोक लगा दिया था और इस बार भी प्रबंधन दोहरी नीति कर रही है. साथ ही इसका खामियाजा खून पसीना बहाने वाले किसानों को भुगतना पड़ रहा है, जबकि पिछले वर्ष जो गन्ना खरीद की गई थी उसका भुगतान भी किसानों को अब तक नहीं किया गया है.

सीतामढ़ी: रीगा शुगर मिल के पताही तौल सेंटर पर शनिवार को किसानों और केन मैनेजर के बीच काफी देर तक नोकझोंक हुई. किसानों का कहना है कि शुगर मिल के कहने पर किसानों ने अपने खेतों में प्रभेद गन्ना लगाए थे, लेकिन अब उस गन्ने को रिजेक्ट कर दिया जा रहा है.

किसानों ने दी आत्महत्या की चेतावनी
बता दें कि गन्ना नहीं लेने के कारण किसानों में काफी आक्रोश है. किसानों ने मिल प्रबंधन के अधिकारी के सामने तौल नहीं करने पर आत्महत्या की चेतावनी दे रहे है. किसानों का आरोप है कि खेतों में जो प्रभेद गन्ना लगा है. अगर उसे मिल प्रबंधन तौल सेंटर पर नहीं लिया जा रहा तो किसान उस गन्ने को उपजाकर अब क्या करेंगे. किसानों की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी भी नहीं है कि वाहनों का ज्यादा किराया देकर उसे अपने खेतों से गन्ने को मिल तक पहुंचाएं.

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गन्ना नहीं लेने पर किसानों में आक्रोश

गन्ने लेने से हिचक रही है प्रबंधन
केन मैनेजर चंद्रशेखर चौधरी ने बताया कि सरकार के स्तर से ही इस प्रभेद गन्ने पर रोक लगा दी गई है. क्योंकि इस गन्ने से रिकवरी ज्यादा नहीं होती और न ही किसानों को इससे ज्यादा लाभ होता है. इस कारण गन्ने लेने से प्रबंधन हिचक रही है.

पेश है रिपोर्ट

आश्वासन के बाद शांत हुए किसान
रीगा शुगर मिल के कैन मैनेजर चंद्रशेखर चौधरी ने बताया कि प्रभेद गन्ने का तौल सेंटर पर हो. इसके लिए प्रबंधन से बातचीत की जाएगी. इस आश्वासन के बाद किसान शांत हुए. किसानों का आरोप है कि विगत पेराई सत्र में भी मिल प्रबंधन ने 150 प्रभेद गन्ने पर रोक लगा दिया था और इस बार भी प्रबंधन दोहरी नीति कर रही है. साथ ही इसका खामियाजा खून पसीना बहाने वाले किसानों को भुगतना पड़ रहा है, जबकि पिछले वर्ष जो गन्ना खरीद की गई थी उसका भुगतान भी किसानों को अब तक नहीं किया गया है.

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