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सीतामढ़ीः वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चमकी बुखार को लेकर मुखिया को किया गया जागरूक

डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने डॉ. रविंद्र यादव की मदद से जिले के सभी मुखिया को चमकी बुखार को लेकर जागरूक किया. अब मुखिया पंचायत में घूम-घूमकर लोगों को इससे बचाव के उपाय बताएंगे.

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Published : Jun 3, 2020, 8:21 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 3:15 PM IST

सीतामढ़ी
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सीतामढ़ीः डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने डॉ. रविंद्र यादव की मदद से जिले के सभी मुखिया को चमकी बुखार को लेकर जागरूक किया. समाहरणालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी मुखिया को चमकी बुखार से बचाव के उपाय बताए गए.

1 से 15 वर्ष के बच्चे होते है ज्यादा प्रभावित
डॉ. रविंद्र यादव ने मुखिया को संबोधित करते हुए बताया कि चमकी बुखार एक गंभीर बीमारी है. लेकिन यदि समय पर इसका उपचार किया जाए तो मरीज निश्चित रूप से ठीक हो जाता है. अत्याधिक गर्मी और नमी के मौसम में यह बीमारी फैलती है. इस बीमारी से 1 से 15 वर्ष के बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं.

डॉक्टर ने कहा कि तेज बुखार आना, चक्कर आना, दांत लगना और शरीर में सुस्ती इसके लक्षण हैं. उन्होंने कहा कि सामान्य उपचार और सावधानियों से हम चमकी रोग से बचाव कर सकते हैं. बच्चे को धूप से बचाएं, गर्मी के दिनों में ओआरएस का घोल या नींबू चीनी पानी पिलाएं और रात में बच्चे को भर पेट खाना खिला कर ही सुलाए.

'अंधविश्वास या ओझा गुनी में नहीं पड़ें'
डॉ. रविंद्र यादव ने कहा कि यह दैवीय प्रकोप नहीं है. बल्कि अत्याधिक गर्मी और नमी के कारण होने वाली बीमारी है. अतः बच्चे के इलाज में अंधविश्वास या ओझा गुनी का सहारा नहीं लें. तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछें और पंखा से हवा करें. ताकि बुखार उतर सके. तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें.

पेश है रिपोर्ट

मुखिया करेंगे लोगों को जागरूक
डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कहा कि लोगों को जागरूक कर चमकी बुखार के प्रकोप को कम किया जा सकता है. इसमें मुखिया और स्थानीय जनप्रतिनिधि महत्वपुर्ण भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने सभी मुखिया से पंचायत में घूम-घूमकर लोगों को जागरूक करने की अपील की. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाना ना भूले और शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखे.

सीतामढ़ीः डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने डॉ. रविंद्र यादव की मदद से जिले के सभी मुखिया को चमकी बुखार को लेकर जागरूक किया. समाहरणालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी मुखिया को चमकी बुखार से बचाव के उपाय बताए गए.

1 से 15 वर्ष के बच्चे होते है ज्यादा प्रभावित
डॉ. रविंद्र यादव ने मुखिया को संबोधित करते हुए बताया कि चमकी बुखार एक गंभीर बीमारी है. लेकिन यदि समय पर इसका उपचार किया जाए तो मरीज निश्चित रूप से ठीक हो जाता है. अत्याधिक गर्मी और नमी के मौसम में यह बीमारी फैलती है. इस बीमारी से 1 से 15 वर्ष के बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं.

डॉक्टर ने कहा कि तेज बुखार आना, चक्कर आना, दांत लगना और शरीर में सुस्ती इसके लक्षण हैं. उन्होंने कहा कि सामान्य उपचार और सावधानियों से हम चमकी रोग से बचाव कर सकते हैं. बच्चे को धूप से बचाएं, गर्मी के दिनों में ओआरएस का घोल या नींबू चीनी पानी पिलाएं और रात में बच्चे को भर पेट खाना खिला कर ही सुलाए.

'अंधविश्वास या ओझा गुनी में नहीं पड़ें'
डॉ. रविंद्र यादव ने कहा कि यह दैवीय प्रकोप नहीं है. बल्कि अत्याधिक गर्मी और नमी के कारण होने वाली बीमारी है. अतः बच्चे के इलाज में अंधविश्वास या ओझा गुनी का सहारा नहीं लें. तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछें और पंखा से हवा करें. ताकि बुखार उतर सके. तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें.

पेश है रिपोर्ट

मुखिया करेंगे लोगों को जागरूक
डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कहा कि लोगों को जागरूक कर चमकी बुखार के प्रकोप को कम किया जा सकता है. इसमें मुखिया और स्थानीय जनप्रतिनिधि महत्वपुर्ण भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने सभी मुखिया से पंचायत में घूम-घूमकर लोगों को जागरूक करने की अपील की. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाना ना भूले और शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखे.

Last Updated : Jun 4, 2020, 3:15 PM IST
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