सीतामढ़ी: सीता मां के मायके सीतामढ़ी में उनके गृह प्रवेश को लेकर मिथिला के लोगो में एक अलग उमंग और खुशी का माहौल देखा जा रहा है. इस बीच मिथिला की बेटियों ने अपने मधुर संगीत और चित्रकला से सिया पति राम के प्रति अपने भाव और प्रेम को प्रकट किया है. 22 जनवरी को राम लला के मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मिथिला में उत्सव जैसा माहौल है.
सीता माता की जन्मस्थली में तैयारी: भगवान राम के गृह प्रवेश को लेकर उनके ससुराल सीतामढ़ी में भी जोर-शोर से तैयारियां की जा रही है. इसी कड़ी में मिथिला की बेटियों ने अपनी माता यानी मां सीता और प्रभु श्री राम के लिए मधुर गीत गाए हैं. गीत के माध्यम से भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा और अयोध्या में जो भव्य मंदिर निर्माण हुआ है उसको बयां किया है.
सीतामढ़ी से अयोध्या भेजा जाएगा संदेश: दरअसल भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या की तर्ज पर ही माता सीता की नगरी पुनौरा धाम को भी विकसित किया जाएगा. पुनौरा धाम में भी हजारों की संख्या में लोग माता सीता के दर्शन को आ रहे हैं. पुनौरा धाम से अयोध्या के लिए कई महत्वपूर्ण संदेश भेजने की भी तैयारी है.
धरतीपुत्री मां सीता : बता दें कि अयोध्या से 400 किलोमीटर दूर सीतामढ़ी में मां सीता का जन्म हुआ था. पुरानी मान्यताओं के मुताबिक बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा गांव में मां जानकी की जन्मभूमि है. जिसे पुनौरा धाम के नाम से भी जाना जाता है. इससे जुड़ी कथा है कि मिथिला में एक बार भीषण अकाल पड़ी. ऐसे में वहां के पुरोहितों ने राजा जनक को खेत में हल चलाने की सलाह दी. जब राजा जनक हल चला रहे थे तब जमीन से मिट्टी का एक घड़ा निकला, जिसमें माता सीता शिशु अवस्था में थी.