सीतामढ़ी: जिले में प्रलयंकारी बाढ़ से हर तरफ तबाही का मंजर है. बाढ़ के कारण जिले में अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है. आपदा की पूरी जानकारी इकट्ठा करने और बाढ़ पीड़ितों को सहायता के लिए सरकार की तरफ से समीक्षा की जा रही है. समीक्षा बैठक में भाग लेने के लिए प्रभारी मंत्री सुरेश शर्मा आए. बैठक के बाद मंत्री जी चुनिंदा लोगों के घर मिलने पहुंचे. जबकि बाढ़ पीड़ितों के पास उनका काफिला बिना रूके आगे निकल गया.
दरअसल समाहरणालय कक्ष में जिला बाढ़ अनुश्रवण निगरानी समिति की बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता नगर विकास एवं आवास विभाग मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने की. इस बैठक में जिलाधिकारी, जिले के सभी जनप्रतिनिधि के अलावे वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे.
बाढ़ पीड़ितों की सूची बनाने का निर्देश
बैठक के दौरान मंत्री ने बाढ़ पीड़ितों की सूची बनाने का निर्देश दिया. प्रभारी मंत्री ने बताया कि आवागमन के लिए जिले के सभी सड़कों को युद्ध स्तर पर मरम्मती किया जायेगा. इस बैठक के दौरान जलसंरक्षण, पौधारोपन से लेकर तालाब, पोखर और कुंआ के माध्यम से जल संरक्षण पर जोर दिया. बैठक में जिले के कई बुद्धिजीवियों ने मंत्री के सामने अपने विचार रखे. बैठक के बाद मंत्री ने बाढ़ पीड़ितों से मिलने की बात कही. जबकि सड़कों पर खड़े लोग उनकी बाट जोहते रहे. मगर लोगों से मिलने के बजाए खास लोगों से मिल कर मंत्री का काफिला निकल गया.
चुनिंदा लोगों के दरवाजे पर पहुंचे मंत्री
मंत्री जी का काफिला चुनिंदा लोगो के दरवाजे पर रुकी. सहयोगी जन प्रतिनिधियों के संग कुछ लोगों से मिलकर उनका काफिला आगे बढ़ता गया. पीड़ित टकटकी लगाए सड़क पर देखते रह गए. लेकिन मंत्री जी को बाढ़ पीड़ितों से मिलने के लिए वक्त नहीं निकाल पाए. पीड़ितों से मिले बिना निकल गए.
नहीं रुका मंत्री का काफिला
बाढ़ पीड़ित महिला ने ईटीवी भारत को बताया कि बाढ़ में धान का फसल बर्बाद हो गया. घर में पानी घुसने वाला है. वहीं, मंत्री का बाट जोह रहे तरवारा बाजपट्टी के एक युवक ने बताया कि यहां मंत्री जी के इंतजार में खड़े हैं. लेकिन मंत्री जी हमलोगों से बिना मिले ही चले गए. जबकि यह इलाका बाढ़ से प्रभावित है. दूसरे युवक ने बताया कि हर बार यहीं होता है. प्रभारी मंत्री ने यहां किसी से मुलाकात नहीं की. उनका काफिला निकल गया. कोई यहां किसी से नहीं मिलता है. सिर्फ आते हैं, और बात बनाकर चले जाते हैं.
बाढ़ में 37 लोगों की मौत
गौरतलब है कि बाढ़ से जिले में अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है. वही आपदा से करीब 4 लाख लोग प्रभावित हैं. जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यातायात की सुविधा अब तक बहाल नहीं हो पायी है.