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सीतामढ़ी: मनरेगा योजना से प्रवासी श्रमिकों को मिला रोजगार, बोले- रोजी-रोटी के लिए नहीं जाएंगे दूसरे प्रदेश - Migrant workers got employment

सीतामढ़ी में प्रवासी श्रमिकों को जिला प्रशासन की ओर से हुनर के हिसाब से रोजगार दिया जा रहा है. मनरेगा के तहत अप्रवासी श्रमिकों को नहर, तालाब, पोखर की उड़ाही और निर्माण कार्य में लगाया गया है.

Sitamarhi
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Published : Jun 3, 2020, 10:14 PM IST

सीतामढ़ी: कोरोना संक्रमण को लेकर लागू लॉकडाउन के बीच अप्रवासी श्रमिकों का अपने गृह जिला लौटने का सिलसिला जारी है. इसको देखते हुए राज्य सरकार के दिशा निर्देश पर जिला प्रशासन अप्रवासी श्रमिकों को अब जिले के अंदर ही रोजगार उपलब्ध करवा रही है. प्रवासी श्रमिक जिले में रोजगार पाकर बेहद खुश हैं. इन श्रमिकों को मनरेगा, जल जीवन हरियाली सहित अन्य योजनाओं से जोड़ा गया है.

Sitamarhi
काम करते प्रवासी मजदूर

मनरेगा के तहत अप्रवासी श्रमिकों को नहर, तालाब, पोखर की उड़ाही और निर्माण कार्य में लगाया गया है, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी भी हो रही है. अप्रवासी श्रमिकों ने बताया कि सरकार और जिला प्रशासन अगर उन्हें जिले के अंदर रोजगार मुहैया कराती रहेगी. तो वह कभी दूसरे प्रदेशों में रोजी-रोटी के लिए नहीं जाएंगे. इन अप्रवासी श्रमिकों को नल जल योजना, सरकारी भवन और सड़क निर्माण के विकास कार्यों में रोजगार दिया जा रहा है.

'हुनर के हिसाब से दिया जा रहा है रोजगार'
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बड़े पैमाने पर अप्रवासी श्रमिकों का स्किल सर्वे कराया गया हैं. साथ ही हुनर के हिसाब से उन्हें रोजगार मुहैया कराई जा रही है. इसके अलावा क्वॉरेंटाइन सेंटर से 14 और 21 दिनों की अवधि पूरा कर घर लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के बीच जॉब कार्ड का भी वितरण किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

श्रमिकों को हो रही है अच्छी आमदनी-डीएम
जिला अधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को जिले में रोजगार मुहैया कराने का काम शुरू हो चुका है. इसके साथ ही स्किल सर्वे कराया गया है. ताकि हुनर और कौशल के आधार पर अप्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जाए. अप्रवासी श्रमिकों को मनरेगा, नल-जल, जल जीवन हरियाली के अलावा टी-शर्ट, मास्क, गमछा, थैला निर्माण से जोड़ा गया है. इसके जरिए अप्रवासी श्रमिकों को अच्छी आमदनी भी हो रही है.

सीतामढ़ी: कोरोना संक्रमण को लेकर लागू लॉकडाउन के बीच अप्रवासी श्रमिकों का अपने गृह जिला लौटने का सिलसिला जारी है. इसको देखते हुए राज्य सरकार के दिशा निर्देश पर जिला प्रशासन अप्रवासी श्रमिकों को अब जिले के अंदर ही रोजगार उपलब्ध करवा रही है. प्रवासी श्रमिक जिले में रोजगार पाकर बेहद खुश हैं. इन श्रमिकों को मनरेगा, जल जीवन हरियाली सहित अन्य योजनाओं से जोड़ा गया है.

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काम करते प्रवासी मजदूर

मनरेगा के तहत अप्रवासी श्रमिकों को नहर, तालाब, पोखर की उड़ाही और निर्माण कार्य में लगाया गया है, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी भी हो रही है. अप्रवासी श्रमिकों ने बताया कि सरकार और जिला प्रशासन अगर उन्हें जिले के अंदर रोजगार मुहैया कराती रहेगी. तो वह कभी दूसरे प्रदेशों में रोजी-रोटी के लिए नहीं जाएंगे. इन अप्रवासी श्रमिकों को नल जल योजना, सरकारी भवन और सड़क निर्माण के विकास कार्यों में रोजगार दिया जा रहा है.

'हुनर के हिसाब से दिया जा रहा है रोजगार'
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बड़े पैमाने पर अप्रवासी श्रमिकों का स्किल सर्वे कराया गया हैं. साथ ही हुनर के हिसाब से उन्हें रोजगार मुहैया कराई जा रही है. इसके अलावा क्वॉरेंटाइन सेंटर से 14 और 21 दिनों की अवधि पूरा कर घर लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के बीच जॉब कार्ड का भी वितरण किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

श्रमिकों को हो रही है अच्छी आमदनी-डीएम
जिला अधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को जिले में रोजगार मुहैया कराने का काम शुरू हो चुका है. इसके साथ ही स्किल सर्वे कराया गया है. ताकि हुनर और कौशल के आधार पर अप्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जाए. अप्रवासी श्रमिकों को मनरेगा, नल-जल, जल जीवन हरियाली के अलावा टी-शर्ट, मास्क, गमछा, थैला निर्माण से जोड़ा गया है. इसके जरिए अप्रवासी श्रमिकों को अच्छी आमदनी भी हो रही है.

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